आशीष मिश्र सलाखों में: सीबीआई की तरह आरोपी पर टूट पड़ी एसआईटी, एक सवाल 10 तरह से पूछा तो जाल में उलझा मंत्री का बेटा
शारदा चिटफंड जैसे बड़े घोटाले की जांच करने वाले सीबीआई के पूर्व तेजतर्रार अधिकारी उपेंद्र अग्रवाल ने सीबीआई के अंदाज में ही की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे से पूछताछ। उन्होंने एक सवाल को 10 तरीके से पूछा।

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र जब लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में यूपी पुलिस की विशेष समिति एसआईटी से मिलने जा रहा था तो उसको भनक भी नहीं थी कि सवाल इतने टेढ़े होंगे। आशीष मिश्र यह साबित करने के लिए पूरे दस्तावेज लेकर गए थे कि वह मौका-ए-वारदात पर थे ही नहीं, लेकिन पूरे 12 घंटे सीबीआई जैसी कड़ी पूछताछ में आशीष मिश्र इस कदर घिरता गया कि वह कई सवालों के जवाब भी नहीं दे सका। वह जब सवालों में फंसता तो पिता टेनी के रुतबे का इस्तेमाल करने का प्रयास करता, लेकिन कई साल तक सीबीआई में सेवाएं देने वाले एसआईटी के मुखिया और आईपीएस अधिकारी उपेंद्र अग्रवाल दबाव में नहीं आए। उन्होंने आशीष से 12 घंटे तक सीबीआई की तरह सख्त पूछताछ की। इसके बाद मंत्री पुत्र को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कोलकाता सीबीआई में रहे तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी उपेंद्र अग्रवाल को एसआईटी की कमान जो सौंपने के बाद ही तय हो गया था कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे से पूछताछ बहुत सख्त होने वाली है। अग्रवाल को एसआईटी की कमान मिलने के बाद उन्होंने पूरे मामले की ना सिर्फ जांच की बल्कि सवालों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त भी तैयार की और उसके बाद वह लखीमपुर पहुंचे।
सवालों से चकरघिन्नी हो गया आशीष मिश्र
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही आशीष मिश्र को एसआईटी के सामने पेश किया गया तो सीधे उससे सवाल जवाब ना कर के हाल-चाल और तबीयत के साथ खैरियत पूछी गई। सूत्र बताते हैं कि आशीष मिश्र ने टीम के सामने पेश होने के साथ ही अपने सबूतों को दिखाना शुरू किया तो एसआईटी के सदस्यों ने उसको रोक दिया। फिर उससे ही पूछा गया कि क्या हुआ था उस दिन। आशीष मिश्र पूरे दिन के घटनाक्रम को बताते चले गए, लेकिन मामला ढाई बजे से साढ़े तीन बजे के बीच के घटनाक्रम पर फंस गया। तभी सवालों की ऐसी झड़ी लगी कि चक्करघिन्नी होकर आशीष मिश्र फंसता चला गया।
बिस्किट खिलाए, पानी पिलाया
लंबी पूछताछ के दौरान जैसा कि सीबीआई अपनी ज्यादातर पूछताछ में करती है वह यहां भी किया। यानी कि आरोपी को चाय बिस्किट खिलाया गया। पानी भी पिलाया गया और बहुत तफ़सील से शांत माहौल में सवालों की क्रॉस क्वेश्चनिंग शुरू कर दी गई। एक एक सवाल को अलग-अलग तरीके से एसआईटी के अधिकारी पूछते और मामला उलझता जाता। सूत्रों के मुताबिक एक सवाल को 10 अलग-अलग तरीके से पूछे जाने पर कई बार आशीष मिश्र ने झन्नाते हुए अपने पिता के मंत्री पद का भी जिक्र किया और अधिकारियों को दबाव में लेने की कोशिश की, लेकिन किसी भी तरीके की संतुष्टि अधिकारियों को नहीं हुई। बीती रात जांच अधिकारी जब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे को पुलिस हिरासत में लेकर जेल भेजने की तैयारी कर रहे थे तो अधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा जांच में मदद नहीं कर रहा था। इसलिए उसको पुलिस हिरासत में लिया जा रहा है।
जानिए कौन हैं आईपीएस उपेंद्र अग्रवाल
बंगाल के चर्चित शारदा चिटफंड घोटाले जैसे देश के चर्चित मामलों की जांच करने वाले 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी उपेंद्र अग्रवाल के लिए भी यह मामला चुनौतीपूर्ण था। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी का कहना है चूंकि पूछताछ देश के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र से की जानी थी और मामले पर पूरी निगाह सुप्रीम कोर्ट की लगी थी ऐसे में जांच बहुत हल्के स्तर से तो हो ही नहीं सकती थी। उक्त अधिकारी का कहना है की सीबीआई में रहने के दौरान अग्रवाल की पहचान एक ईमानदार अधिकारी और बिना प्रेशर के काम करने वाले अधिकारियों के तौर पर सामने आई। अपने कार्यकाल में उन्होंने बंगाल के बहुत से मामलों में ना सिर्फ जांच की बल्कि उन को अंजाम तक पहुंचाया है।