सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Bill introduced in Maharashtra Assembly to bring drug related crimes under purview of MCOCA

Maharashtra MCOCA: मकोका के दायरे में आएंगे मादक पदार्थों से जुड़े अपराध, महाराष्ट्र विधानसभा में विधेयक पेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Wed, 09 Jul 2025 12:18 AM IST
सार

महाराष्ट्र सरकार ने मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को मकोका के दायरे में लाने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया है। इसके तहत अब ड्रग्स से जुड़े अपराधों को संगठित अपराध माना जाएगा, और मादक पदार्थ बनाने, रखने, बेचने और ले जाने वालों को गिरोह की तरह सजा दी जा सकेगी।

विज्ञापन
Bill introduced in Maharashtra Assembly to bring drug related crimes under purview of MCOCA
महाराष्ट्र विधानसभा (फाइल) - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में एक नया विधेयक पेश किया है। इस विधेयक का मकसद महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) में संशोधन करना है, जिससे कि मादक पदार्थों के तस्करों को मकोका के दायरे में लाया जा सके। 
Trending Videos


पिछले सप्ताह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा था कि सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी ताकि मादक पदार्थों के तस्करों पर कठोर मकोका के तहत मामला दर्ज किया जा सके। उन्होंने कहा कि संशोधन राज्य विधानमंडल के चल रहे मानसून सत्र में पेश किए जाएंगे। 
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: Gujarat: गुजरात के मंत्री खाबड़ के बेटे को कोर्ट ने दी नियमित जमानत, मनरेगा घोटाले में हुआ था गिरफ्तार

वर्तमान में एनडीपीएस के तहत होती है कार्रवाई
राज्य विधानमंडल के उच्च सदन में बोलते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि वर्तमान में मादक पदार्थों के व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, लेकिन अक्सर उन्हें जमानत मिल जाती है और वे फिर से वही गलत काम करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कानून में संशोधन करना चाहती है ताकि इन लोगों को मकोका के तहत गिरफ्तार किया जा सके।

अब गिरोह की तरह दी जा सकेगी सजा
इसके अनुसार, सरकार ने संशोधन विधेयक पेश किया, जिससे ड्रग्स से जुड़े अपराधों को 'संगठित अपराध' माना जाए। इसका मतलब ये है कि जो लोग ड्रग्स बनाते हैं, बेचते हैं, रखते हैं या ले जाते हैं- उन्हें अब गैंग या गिरोह की तरह सजा दी जा सकेगी, जैसे आतंकवाद या अंडरवर्ल्ड के मामलों में होती है।

पहले सिर्फ संगठित अपराध के लिए था मकोका
1999 में बना मकोका कानून पहले सिर्फ संगठित अपराध (जैसे अंडरवर्ल्ड या माफिया) के लिए था, लेकिन अब इसमें ड्रग्स के कारोबार को भी शामिल किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से ड्रग्स का गलत धंधा करने वालों को रोकने में मदद मिलेगी।

स्लम अधिनियम में बदलाव के लिए पेश किया विधेयक
सरकार ने विधानसभा में एक और नया विधेयक पेश किया। इसका मकसद स्लम पुनर्विकास (झुग्गी बस्तियों का नवीनीकरण) से जुड़े कानून में बदलाव करना है, जिससे स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) उन बिल्डरों या डेवलपर्स से बकाया ट्रांजिट किराया वसूल सके जो भुगतान नहीं कर रहे हैं।

क्या है ट्रांजिट किराया?
जब झुग्गी बस्तियों को तोड़ा जाता है और लोगों को वहां से हटाया जाता है, तो उन्हें नए घर बनने तक कहीं और रहने के लिए किराया दिया जाता है। यह किराया आमतौर पर बिल्डर को देना होता है, लेकिन कई बार बिल्डर पैसा नहीं देते।

ये भी पढ़ें: Puri Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में मोबाइल पर बैन के बावजूद नहीं माने सेवक, SJTA ने दर्ज कराई FIR

बिल में क्या बदलाव सुझाए गए हैं?
  • SRA को अब ट्रांजिट किराया 'भूमि कर' की तरह वसूलने का अधिकार मिल सकता है। इससे सरकार सीधे बिल्डर से पैसा वसूल सकेगी, जैसे वह टैक्स वसूलती है।
  • अगर किसी बिल्डर के पास कंपनी के नाम पर संपत्ति नहीं है, तो अब उसकी व्यक्तिगत संपत्ति से भी पैसा वसूला जा सकेगा- यानी बिल्डर के डायरेक्टर या पार्टनर की निजी संपत्ति से।
  • फिलहाल SRA केवल काम रोकने या नए प्रोजेक्ट की अनुमति न देने जैसे कदम उठा सकता है। लेकिन इससे झुग्गी में रहने वालों को समय पर किराया नहीं मिल पाता। इसीलिए अब सख्त कानून लाया जा रहा है।
झुग्गी निवासियों के लिए क्या बदलेगा?
  • किसी पुनर्विकास योजना पर अगर 50 फीसदी से ज्यादा लोग सहमत हो जाते हैं, तो बाकी लोगों को शामिल होने के लिए अब सिर्फ 60 दिन मिलेंगे, जबकि पहले 120 दिन मिलते थे। 
  • अगर कोई 60 दिन में शामिल नहीं हुआ, तो उसे उसी जगह घर मिलने की गारंटी नहीं होगी- उसे कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है।


 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed