Telangana: जातिगत सर्वे में विदेशी को शामिल करने पर भड़की भाजपा, कहा- क्या भारत में योग्य विशेषज्ञ नहीं?
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ने राज्य में हाल ही में हुए जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण और व्याख्या करने के लिए फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को नियुक्त किया है। क्या किसी विदेशी को संवेदनशील जनसांख्यिकीय डाटा सौंपना बुद्धिमानी है? क्या इस कार्य को संभालने में सक्षम कोई योग्य भारतीय विशेषज्ञ नहीं थे?
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तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षण के विश्लेषण में फ्रांसीसी अर्थशास्त्री को शामिल करने पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या इस कार्य के लिए कोई योग्य भारतीय विशेषज्ञ नहीं थे। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर जॉर्ज सोरोस की छाया में रहते हुए भारत की सामाजिक सद्भावना को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ने राज्य में हाल ही में हुए जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण और व्याख्या करने के लिए फ्रांसीसी अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी को नियुक्त किया है। क्या किसी विदेशी को संवेदनशील जनसांख्यिकीय डाटा सौंपना बुद्धिमानी है? क्या इस कार्य को संभालने में सक्षम कोई योग्य भारतीय विशेषज्ञ नहीं थे?
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उन्होंने लिखा कि हमारे सामाजिक ताने-बाने को बाहरी प्रभावों के सामने उजागर करने की इस उत्सुकता को क्या समझा जा सकता है, जिससे बाहरी लोगों को हमारे विभाजनों का विश्लेषण करने और अपनी व्यक्तिपरक व्याख्याओं से संभावित रूप से कलह को बढ़ावा देने की अनुमति मिलती है? ऐसा लगता है कि कांग्रेस अभी भी जॉर्ज सोरोस की छाया में है, जो आंख मूंदकर उस रास्ते पर चल रही है जो भारत के सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालता है।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट में कहा कि कांग्रेस की तेलंगाना सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण का विश्लेषण करने के लिए एक विदेशी आर्थिक विशेषज्ञ थॉमस पिकेटी को ही क्यों चुना है? यह संदेह पैदा करता है कि भारत की सामाजिक व्यवस्था का विश्लेषण करने की दक्षता उन्हें विदेशी में ही क्यों नज़र आ रही है? क्या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य तो नहीं है या कांग्रेस पार्टी के विदेशी प्रभाव और संबंध का एक नया आयाम है जो भारत की संवेदनशील सामाजिक व्यवस्था में विदेशी हस्तक्षेप को औपचारिक सरकारी मान्यता दे रहा है।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को विदेशी विशेषज्ञ की क्या जरूरत है? क्या भारत में योग्य लोगों की कमी थी? कई भारतीय वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं तो राज्य सरकार भारत की संवेदनशील सामाजिक व्यवस्था में एक विदेशी को क्यों शामिल कर रही है? तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण के विश्लेषण के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
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