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Politics: भाजपा ने बंगाल के दो मंत्रियों पर साधा निशाना, कहा- वोटर लिस्ट पर बयान देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 16 Oct 2025 03:41 PM IST
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सार
BJP Vs TMC: इस पूरे मामले ने बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष इसे लोकतंत्र के खिलाफ और प्रशासनिक दबाव बनाने की कोशिश बता रहा है, जबकि टीएमसी ने अभी तक इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

केया घोष, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के संशोधन को लेकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने राज्य की दो मंत्रियों, सबीना यासमीन और ताजमुल हुसैन, पर उकसाने वाले बयान देने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
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सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी- घोष
भाजपा की राज्य प्रवक्ता केया घोष ने गुरुवार को कहा कि इन दोनों नेताओं के बयानों से ममता बनर्जी सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी साफ झलकती है। उन्होंने कहा, 'सबीना यासमीन और ताजमुल हुसैन, दोनों टीएमसी मंत्री हैं, लेकिन उनका बर्ताव गुंडों जैसा है। सबीना यासमीन तो खुलेआम मथाबाड़ी को फिर से दंगों की ओर धकेलने की धमकी दे रही हैं। क्या वे एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बात कर रही हैं?'
राज्य सरकार पर भाजपा ने लगाया आरोप
भाजपा प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया कि टीएमसी को डर है कि वोटर लिस्ट के राज्यव्यापी गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में उनके 'फर्जी और गैरकानूनी वोटर' सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा, 'टीएमसी को आखिर डर किस बात का है? क्या उन्हें लगता है कि उनके मुख्य वोटर, बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या, वोटर लिस्ट से हट जाएंगे? पहले ममता बनर्जी ने सीएए को लेकर दहशत फैलाई थी, और फिर उलूबेरिया, बगनान, मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमले हुए। क्या अब वे फिर से वही दोहराना चाहती हैं?'
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
इस विवाद की शुरुआत मालदा में हुए एक टीएमसी विजय सम्मेलन से हुई, जहां दोनों मंत्रियों ने सार्वजनिक मंच से चेतावनी भरे बयान दिए। मालदा (उत्तर) से विधायक और मंत्री ताजमुल हुसैन ने कहा, 'अगर हमारे किसी भी वोटर का नाम लिस्ट से हटाया गया, तो हरीशचंद्रपुर के लोग हरीशचंद्रपुर को तबाह कर देंगे।' वहीं मंत्री सबीना यासमीन ने कहा, 'हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी का नाम गलत तरीके से हटाया गया, तो मैं खुद वोटर लिस्ट तबाह कर दूंगी, याद रखना।'
यह भी पढ़ें - Report: भारत में जंगलों की आग से 1.5 करोड़ लोग प्रभावित, सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में
भाजपा ने इन बयानों को खुली धमकी बताया है और चुनाव आयोग से दोनों मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने यह भी दोहराया है कि 2026 के विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाने चाहिए।

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सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी- घोष
भाजपा की राज्य प्रवक्ता केया घोष ने गुरुवार को कहा कि इन दोनों नेताओं के बयानों से ममता बनर्जी सरकार की कानून-व्यवस्था की नाकामी साफ झलकती है। उन्होंने कहा, 'सबीना यासमीन और ताजमुल हुसैन, दोनों टीएमसी मंत्री हैं, लेकिन उनका बर्ताव गुंडों जैसा है। सबीना यासमीन तो खुलेआम मथाबाड़ी को फिर से दंगों की ओर धकेलने की धमकी दे रही हैं। क्या वे एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बात कर रही हैं?'
राज्य सरकार पर भाजपा ने लगाया आरोप
भाजपा प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया कि टीएमसी को डर है कि वोटर लिस्ट के राज्यव्यापी गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में उनके 'फर्जी और गैरकानूनी वोटर' सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा, 'टीएमसी को आखिर डर किस बात का है? क्या उन्हें लगता है कि उनके मुख्य वोटर, बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या, वोटर लिस्ट से हट जाएंगे? पहले ममता बनर्जी ने सीएए को लेकर दहशत फैलाई थी, और फिर उलूबेरिया, बगनान, मालदा और मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमले हुए। क्या अब वे फिर से वही दोहराना चाहती हैं?'
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
इस विवाद की शुरुआत मालदा में हुए एक टीएमसी विजय सम्मेलन से हुई, जहां दोनों मंत्रियों ने सार्वजनिक मंच से चेतावनी भरे बयान दिए। मालदा (उत्तर) से विधायक और मंत्री ताजमुल हुसैन ने कहा, 'अगर हमारे किसी भी वोटर का नाम लिस्ट से हटाया गया, तो हरीशचंद्रपुर के लोग हरीशचंद्रपुर को तबाह कर देंगे।' वहीं मंत्री सबीना यासमीन ने कहा, 'हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी का नाम गलत तरीके से हटाया गया, तो मैं खुद वोटर लिस्ट तबाह कर दूंगी, याद रखना।'
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भाजपा ने इन बयानों को खुली धमकी बताया है और चुनाव आयोग से दोनों मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने यह भी दोहराया है कि 2026 के विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराए जाने चाहिए।