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मुंबई में गैरमराठी पार्षदों की संख्या बढ़ी, हिंदीभाषी पार्षद घटे
ब्यूरो/ अमर उजाला, मुंबई
Updated Sat, 25 Feb 2017 05:35 AM IST
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सांकेतिक चित्र
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बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव में उत्तर भारतीयों को रिझाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अधिक संख्या में हिंदीभाषी समाज के लोगों को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, अधिक सीटों पर लड़ने के बावजूद पिछली बार के मुकाबले इस बार संख्या घट गई। हालांकि गैर मराठी पार्षदों की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन उत्तर भारतीय पार्षदों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुई है।
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साल 2012 के बीएमसी चुनाव में 61 पार्षद गैर मराठी चुने गए थे। वहीं, इस बार बीएमसी की कुल 227 सीटों में से 73 सीटों पर गैरमराठी उम्मीदवार विजयी हुए हैं जिसमें 24 गुजराती, 14 उत्तर भारतीय और एक दक्षिण भारतीय शामिल है। सबसे ज्यादा 23 गुजराती पार्षद भाजपा के और एक शिवसेना का चुना गया है।
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वहीं, हिंदीभाषी उम्मीदवारों की संख्या साल 2012 में 15 थी जो घटकर 14 हो गई है। बीएमसी चुनाव में कांग्रेस ने सर्वाधिक 43 उत्तर भारतीय उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिसमें से सिर्फ दो ही चुनाव जीत पाए। बीजेपी ने 23 उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से 12 ने जीत हासिल की है। इस बार शिवसेना के दो मुस्लिम और चार गैर मराठी उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है जबकि भाजपा का एक भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनकर नहीं आ पाया।