Aadhaar cards Deactivation: कलकत्ता हाईकोर्ट का केंद्र को निर्देश, तीन सप्ताह में दाखिल करें हलफनामा
Aadhaar cards Deactivation: आधार कार्डों को निष्क्रिय करने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष रखें और तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करें।

विस्तार
कलकत्ता उच्च न्यायालय में आधार कार्डों को निष्क्रिय करने का आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में हाईकोर्ट ने केन्द्र को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणन के अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष रखें और तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करें।

याचिका में बताई गई हैं ये बातें
याचिका में बताया गया है कि ऐसे लोग हैं, जिनके आधार कार्ड को नोटिस दिए बिना निष्क्रिय किया गए। साथ ही यह तर्क भी दिया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है। याचिका में दावा किया गया है कि धारा 28 ए के तहत प्रावधानों का इस्तेमाल कर लोगों के आधार कार्ड मनमाने तरीके से निष्क्रिय किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी एक सप्ताह बाद अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को की जाएगी।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने उठाए सवाल
उधर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने जनहित याचिका पर ही सवाल उठाया है। उनका कहना है कि याचिका में आधार कार्ड बंद होने से से प्रभावित किसी भी व्यक्ति के किसी भी व्यक्तिगत मामले का हवाला नहीं दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आधार अधिनियम की धारा 28ए केवल विदेशी नागरिकों से संबंधित है। आधार अधिनियम की धारा 28ए में प्रावधान है कि भारत में रह रहे किसी विदेशी नागरिक का आधार नंबर उनके वीजा की वैधता की अवधि समाप्त होने पर निष्क्रिय किया जा सकता है। अशोक चक्रवर्ती ने आगे बताया कि कुछ सरकारी विभागों की मिलीभगत से विदेशी नागरिक भारत आ रहे थे और अवैध रूप से आधार कार्ड प्राप्त कर रहे थे। इस वजह से अधिकारियों के लिए एक बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा समस्या पैदा हो गई।
धारा 28ए पर याचिकाकर्ता की वकील का तर्क
याचिकाकर्ता की वकील झूमा सेन ने कहा कि धारा 28ए के तहत आधार कार्ड को निष्क्रिय करने के प्रावधान आधार अधिनियम के दायरे से बाहर हैं। मालूम हो कि एनआरसी के खिलाफ ज्वाइंट फोरम नाम के संगठन ने जनहित याचिका दायर की थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट का पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि गार्डन रीच क्षेत्र में पांच मंजिला इमारत ढहने के कारण विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास कराया जाए। बता दें कि इस हादसे में करीब 10 लोग मारे गए थे। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि इस हादसे में प्रभावित हुए लोगों को आश्रय और पर्याप्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए। अब इस मामले में जनहित याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई होगी। मामले से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगली सुनवाई में हलफनामे के रूप में एक रिपोर्ट दाखिल करें। इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी जाए कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए।
गार्डन रीच इलाके में ढही थी इमारत
आपको बता दें कि 18 मार्च की रात को कोलकाता के गार्डन रीच की भीड़भाड़ वाली गली में एक पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई थी। इसके मलबे में दबकर करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में 13 लोग घायल हुए थे।