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Maharashtra: 'OBC कोटा पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं...'; छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के जीआर को बताया दबाव का नतीजा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: हिमांशु चंदेल Updated Fri, 12 Sep 2025 04:59 PM IST
सार

महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण जीआर को दबाव में लिया गया निर्णय बताया और चेतावनी दी कि ओबीसी कोटा पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं होने देंगे। लातूर में आत्महत्या करने वाले भारत कराड के परिवार से मिलने के बाद भुजबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि मराठा समाज पिछड़ा वर्ग नहीं है। 

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Chhagan Bhujbal says Maratha reservation GR  result of pressure Encroachment on OBC quota not tolerated
छगन भुजबल - फोटो : एएनआई
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महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने राज्य सरकार द्वारा जारी मराठा आरक्षण से जुड़ी शासन निर्णय (जीआर) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह जीआर दबाव में लाया गया है और इससे ओबीसी वर्ग का आरक्षण खतरे में है। उन्होंने साफ कहा कि ओबीसी कोटा में किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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भुजबल ने शुक्रवार को लातूर जिले के वांगदारी गांव में आत्महत्या करने वाले 35 वर्षीय भारत कराड के परिजनों से मुलाकात की। कराड ने कथित तौर पर यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उन्हें डर था कि मराठा आरक्षण जीआर से ओबीसी आरक्षण प्रभावित होगा। भुजबल के साथ एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे भी मौजूद थे।
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अदालत के इस फैसले का दिया हवाला
भुजबल ने कहा कि अदालत ने पहले ही साफ कर दिया है कि मराठा समाज पिछड़ा वर्ग नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज के पास पहले से शक्ति, चीनी मिलें और सहकारी क्षेत्र में वर्चस्व है। ऐसे में पूरे समाज को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग न्यायसंगत नहीं है।

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‘ओबीसी अधिकार पर हमला’
भुजबल ने बताया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि ओबीसी समाज के लिए आरक्षण जरूरी है। मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही ओबीसी को अधिकार मिले। लेकिन अब मराठा समाज ओबीसी आरक्षण में शामिल होने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कुनबी समाज को उसका हक मिलना चाहिए, इस पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन पूरी मराठा जाति को ओबीसी में लाना गलत है।

आंदोलन और दबाव की राजनीति
भुजबल ने आरोप लगाया कि मनोज जरांगे के नेतृत्व में बीते साल बीड़ में आगजनी हुई थी और हाल ही में मुंबई में आंदोलन कर पांच दिन भूख हड़ताल की गई। उन्होंने कहा कि इसी दबाव में सरकार ने जीआर जारी किया है, जो ओबीसी के हक पर चोट करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस जीआर के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।

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आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता
भुजबल ने कहा कि भारत कराड की मौत दुखद है, लेकिन आरक्षण बचाने की लड़ाई कोर्ट और सरकार के स्तर पर लड़ी जानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम न उठाए। हम सब मिलकर ओबीसी आरक्षण को बचाएंगे, लेकिन किसी भी निर्दोष परिवार को अपनों की जान गंवाने का दुख नहीं झेलना चाहिए।

सरकार पर सवाल
भुजबल ने आरोप लगाया कि सरकार ने मराठा समाज के लिए 25 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि ओबीसी के लिए केवल 5 हजार करोड़ रुपये ही दिए गए। उन्होंने सवाल किया कि यह किस तरह का न्याय है। उन्होंने यह भी कहा कि जरांगे के नेतृत्व में फैलाई जा रही दहशत से राज्य का माहौल खराब हो रहा है। धनंजय मुंडे ने भी युवाओं से अपील की कि ओबीसी और मराठा समाज के लोग आत्महत्या जैसे कदम न उठाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारी ली है कि ओबीसी आरक्षण सुरक्षित रहेगा। भुजबल और सरकार के अन्य नेता इस दिशा में काम कर रहे हैं।


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