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LS Polls: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के संचालन पर उठाए सवाल, चुनाव आयोग से चिंताओं को दूर करने का किया आग्रह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 03 Aug 2024 11:19 PM IST
सार
LS Polls: कांग्रेस ने शनिवार को एक नागरिक मंच की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें लोकसभा में मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी के बारे में सवाल उठाए गए हैं और चुनाव आयोग से चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया है।
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कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के संचालन पर उठाए सवाल
- फोटो : X / @INCIndia
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विस्तार
विपक्षी दल ने कहा कि यदि चुनाव आयोग 'वोट फॉर डेमोक्रेसी' रिपोर्ट में उठाए गए संदेहों का समाधान नहीं करता है, तो उसका नेतृत्व इस मामले को अदालतों सहित अन्य मंचों पर उठाने के बारे में निर्णय लेगा। एआईसीसी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि विश्लेषण के अनुसार, शुरू में घोषित किए गए मतदान के आंकड़ों और अंतिम आंकड़ों के बीच असामान्य रूप से बड़ा अंतर है, खासकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में।
मामले में कांग्रेस ने स्थिति स्पष्ट करने की मांग की
उन्होंने कहा कि कम से कम 55-60 सीटें ऐसी हैं, जिन पर खुलासे से सवालिया निशान उठता है और यदि उन्हें भाजपा के आंकड़ों से हटा दिया जाए तो कोई कल्पना कर सकता है कि कौन सा गठबंधन शपथ लेता। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) एक संवैधानिक संस्था है, लेकिन अगर संवैधानिक संस्था का काम सीधे लोकतंत्र को प्रभावित करता है, तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह इस बारे में स्थिति स्पष्ट करे।
वोट फॉर डेमोक्रेसी ने जारी किया रिपोर्ट
पिछले महीने मुंबई में जारी एक रिपोर्ट में वोट फॉर डेमोक्रेसी (वीएफडी) महाराष्ट्र ने मतदान और गिनती के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियों के साथ-साथ मतदान प्रतिशत में "काफी अस्पष्टीकृत वृद्धि" का दावा किया और कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को संबोधित करने में विफल रहा।
चुनाव आयोग तत्काल कार्रवाई करें- कांग्रेस
शुरुआती मतदान के आंकड़ों से लेकर अंतिम आंकड़ों तक वोटों में कुल वृद्धि ठीक 4,65,46,885 है, जो 19 अप्रैल से 1 जून के बीच संपन्न चुनाव के सात चरणों में 3.2 प्रतिशत से 6.32 प्रतिशत की वृद्धि है, वीएफडी ने एक विज्ञप्ति में कहा था। रिपोर्ट में आरोपों की 'स्वायत्त पर्यवेक्षण के तहत एक स्वतंत्र जांच' की मांग की गई है और मांग की गई है कि भारत का चुनाव आयोग तत्काल कार्रवाई करें।
लोकसभा चुनाव परिणामों पर विश्लेषण
वोट फॉर डेमोक्रेसी नाम की संस्था ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव परिणामों पर एक विश्लेषण किया है। विश्लेषण के मुताबिक, शुरुआती फेज में घोषित किए आंकड़ों और आखिरी फेज में फाइनल आंकड़ों में अंतर है। राष्ट्रीय स्तर पर कहे हुए आंकड़ों और आखिरी आंकड़ों में यदि 6% का अंतर है तो क्या ये नतीजे सही थे। चुनाव आयोग ने हर फेज से कई दिन बाद तक फाइनल आंकड़ें दिए। ये तब है, जब कहा जाता है कि EVM से बेहतर कुछ नहीं है, EVM से हर चीज पता चल जाती है।
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Voice for democracy नाम की संस्था ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव परिणामों पर एक विश्लेषण किया है।
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विश्लेषण के मुताबिक, शुरुआती फेज में घोषित किए आंकड़ों और आखिरी फेज में फ़ाइनल आंकड़ों में अंतर है।
राष्ट्रीय स्तर पर कहे हुए आंकड़ों और आखिरी आंकड़ों में यदि 6% का अंतर है तो क्या… pic.twitter.com/OMHn6GPo5l— Congress (@INCIndia) August 3, 2024
मामले में कांग्रेस ने स्थिति स्पष्ट करने की मांग की
उन्होंने कहा कि कम से कम 55-60 सीटें ऐसी हैं, जिन पर खुलासे से सवालिया निशान उठता है और यदि उन्हें भाजपा के आंकड़ों से हटा दिया जाए तो कोई कल्पना कर सकता है कि कौन सा गठबंधन शपथ लेता। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) एक संवैधानिक संस्था है, लेकिन अगर संवैधानिक संस्था का काम सीधे लोकतंत्र को प्रभावित करता है, तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह इस बारे में स्थिति स्पष्ट करे।
वोट फॉर डेमोक्रेसी ने जारी किया रिपोर्ट
पिछले महीने मुंबई में जारी एक रिपोर्ट में वोट फॉर डेमोक्रेसी (वीएफडी) महाराष्ट्र ने मतदान और गिनती के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियों के साथ-साथ मतदान प्रतिशत में "काफी अस्पष्टीकृत वृद्धि" का दावा किया और कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को संबोधित करने में विफल रहा।
चुनाव आयोग तत्काल कार्रवाई करें- कांग्रेस
शुरुआती मतदान के आंकड़ों से लेकर अंतिम आंकड़ों तक वोटों में कुल वृद्धि ठीक 4,65,46,885 है, जो 19 अप्रैल से 1 जून के बीच संपन्न चुनाव के सात चरणों में 3.2 प्रतिशत से 6.32 प्रतिशत की वृद्धि है, वीएफडी ने एक विज्ञप्ति में कहा था। रिपोर्ट में आरोपों की 'स्वायत्त पर्यवेक्षण के तहत एक स्वतंत्र जांच' की मांग की गई है और मांग की गई है कि भारत का चुनाव आयोग तत्काल कार्रवाई करें।
लोकसभा चुनाव परिणामों पर विश्लेषण
वोट फॉर डेमोक्रेसी नाम की संस्था ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव परिणामों पर एक विश्लेषण किया है। विश्लेषण के मुताबिक, शुरुआती फेज में घोषित किए आंकड़ों और आखिरी फेज में फाइनल आंकड़ों में अंतर है। राष्ट्रीय स्तर पर कहे हुए आंकड़ों और आखिरी आंकड़ों में यदि 6% का अंतर है तो क्या ये नतीजे सही थे। चुनाव आयोग ने हर फेज से कई दिन बाद तक फाइनल आंकड़ें दिए। ये तब है, जब कहा जाता है कि EVM से बेहतर कुछ नहीं है, EVM से हर चीज पता चल जाती है।