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Bihar Election Results: बिहार में पार्टी के प्रदर्शन पर कांग्रेस का मंथन, राहुल गांधी-खरगे समेत नेता रहे मौजूद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 15 Nov 2025 01:24 PM IST
सार

Bihar Election Results: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और महागठबंधन का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। वहीं 14 नवंबर को नतीजे आने के बाद शनिवार को कांग्रेस ने इसे लेकर बैठक की है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इस बैठक में राहुल गांधी समेत के वरिष्ठ नेता शामिल रहे।

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Congress meeting after Bihar Assembly election results, Rahul Gandhi, Mallikarjun Kharge, MGB performance
बिहार चुनाव पर कांग्रेस का मंथन - फोटो : ANI
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बिहार में करारी हार के एक दिन बाद, कांग्रेस ने शनिवार को चुनाव प्रक्रिया में चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए, जबकि राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए बैठक की। इस दौरान कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने बिहार में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की। बिहार में कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे केवल छह सीट पर ही जीत मिली है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 'शुरू से ही अनुचित' रहा- राहुल
इससे पहले शुक्रवार को, राहुल गांधी ने दावा किया था कि बिहार विधानसभा चुनाव 'शुरू से ही अनुचित' रहा, क्योंकि पार्टी 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद दोहरे अंक में सीटें हासिल करने में विफल रही। 2020 के बिहार चुनावों में, कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 19 सीटें जीती थीं। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी चुनाव के बाद अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेगी और आश्वासन दिया कि कांग्रेस 'संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ती रहेगी।' वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने महागठबंधन की हार के लिए वोट चोरी को जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और चुनाव आयोग को इसके पीछे का मास्टरमाइंड बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 'संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को बचाने' के अपने अभियान के लिए प्रतिबद्ध है।

केसी वेणुगोपाल ने सारा दोष चुनाव आयोग पर मढ़ा
बिहार चुनाव परिणाम और पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, केसी वेणुगोपाल ने सारा दोष चुनाव आयोग पर मढ़ते हुए आरोप लगाया कि पूरी चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही परिणामों का विश्लेषण करेगी और अगले कुछ हफ्तों में ठोस सबूत पेश करेगी। उन्होंने कहा, 'बिहार से आए ये नतीजे हम सभी के लिए अविश्वसनीय हैं। यह सिर्फ कांग्रेस के लिए ही नहीं है। पूरे बिहार के लोग और हमारे गठबंधन सहयोगी भी इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। हमने उन सभी से बात की; वे इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं।'

चुनाव आयोग पूरी तरह से एकतरफा है- वेणुगोपाल
उन्होंने कहा, 'क्योंकि, किसी राजनीतिक दल का 90 प्रतिशत से ज्यादा का स्ट्राइक रेट - जो भारतीय इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। हम गहन विश्लेषण कर रहे हैं; हम पूरे बिहार से आंकड़े इकट्ठा कर रहे हैं। एक-दो हफ्तों में, हम ठोस सबूत पेश करेंगे।' वहीं चुनाव प्रचार की प्रक्रिया को पूरी तरह से संदिग्ध बताते हुए, उन्होंने कहा कि पार्टी नेता चुनाव प्रचार के दौरान लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग पूरी तरह से एकतरफा है। वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है, इसलिए यह प्रक्रिया संदिग्ध है। खैर, हम पूरे बिहार से हर जगह से सारा डेटा इकट्ठा करेंगे और फिर तथ्य पेश करेंगे।' चुनाव को निष्पक्ष नहीं बताने वाली राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, वेणुगोपाल ने कहा, 'हम चुनाव आयोग (भूमिका) के बारे में बात करते रहे हैं और हमने हरियाणा चुनावों के दौरान भी इस बारे में बात की थी - कि हरियाणा चुनाव में धांधली हुई है।' उन्होंने कहा, 'हम सबूत लेकर आए हैं और चुनाव आयोग हमारे सबूतों पर सवाल उठाएगा।'

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'ये नतीजे अप्रत्याशित हैं, इनकी जांच होनी चाहिए'
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद पार्टी नेता अजय माकन ने कहा, 'पूरी चुनाव प्रक्रिया पर शुरू से ही सवालिया निशान लगा हुआ है। जब ऐसा होगा, तो नतीजे अप्रत्याशित ही होंगे। ऐसा स्ट्राइक रेट कभी नहीं रहा। 1984 में कांग्रेस का भी ऐसा स्ट्राइक रेट नहीं था, जैसा इन चुनावों में भाजपा का है। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। कुछ तो गड़बड़ है। हमने अपने गठबंधन सहयोगियों से बात की है। उन सभी का मानना है कि ये अप्रत्याशित नतीजे हैं और इनकी जांच होनी चाहिए, आंकड़ों का विश्लेषण होना चाहिए। हमें बिहार भर के कार्यकर्ताओं के फोन आ रहे हैं कि कुछ गड़बड़ियां हुई हैं और इसकी जांच होनी चाहिए। हमारे लोग डेटा इकट्ठा कर रहे हैं, हम फॉर्म 17C, मतदाता सूची देखेंगे और फिर तथ्यों और आंकड़ों के साथ सामने आएंगे।'
 

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बिहार विधानसभा चुनाव और पार्टियों का प्रदर्शन
बिहार में 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुए, इसके बाद 14 नवंबर को नतीजे जारी हुए। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच रहा। राज्य के सियासी समर में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा (122 सीट) पार करते हुए रिकॉर्ड 202 सीटों पर कब्जा जमाया। वहीं महागठबंधन का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा, जिसे सिर्फ 35 सीटों पर ही जीत मिल सकी। जबकि पांच सीटें एआईएमआईएम और एक सीट बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के खाते आई है। एनडीए में, भाजपा ने 89 सीटें, जदयू ने 85, लोजपा रामविलास ने 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीटें जीतीं। वहीं महागठबंधन में राजद को केवल 25 सीटें, कांग्रेस को छह, सीपीआई (एमएल) (एल), भारतीय समावेशी पार्टी और सीपीआई (एम) शामिल हैं, ने क्रमशः दो, एक और एक सीटें हासिल कीं। बिहार में ऐतिहासिक 67.13% मतदान हुआ, जो 1951 के बाद से सबसे ज्यादा है। महिला मतदाताओं ने पुरुषों से ज्यादा (71.6% बनाम 62.8%) मतदान किया।


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