जनता कर्फ्यू का एक साल: 360 संक्रमित मिलने पर लगा था लॉकडाउन, आज 47 हजार मरीज और बेफिक्री का आलम
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एक साल पहले कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच आज ही के दिन (22 मार्च 2020) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा करते हुए भारतवासियों से अपने-अपने घरों में बंद होने के लिए कहा था। इसके साथ ही लोगों को मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने, हाथ को साफ रखने जैसी तमाम गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए थे। यह एक तरह से कोरोना के प्रसार को रोकने की कोशिश व इस घातक बीमारी के खिलाफ आधिकारिक जंग की शुरुआत थी। जनता कर्फ्यू के दौरान एक तरह का अजीब सन्नाटा था। न हॉर्न की आवाज और न ही कोई और हलचल। सिर्फ पक्षियों की आवाज सुनाई दे रही थी। तब एक दिन में 360 केस मिले थे, लेकिन सोमवार 23 मार्च 2021 को 46,951 केस मिले हैं। तब एक दिन में सात मौतें हुई थी, लेकिन सोमवार को 212 मौतें हुई हैं।
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एक साल पहले कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच आज ही के दिन (22 मार्च 2020) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा करते हुए भारतवासियों से अपने-अपने घरों में बंद होने के लिए कहा था। इसके साथ ही लोगों को मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने, हाथ को साफ रखने जैसी तमाम गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए थे। यह एक तरह से कोरोना के प्रसार को रोकने की कोशिश व इस घातक बीमारी के खिलाफ आधिकारिक जंग की शुरुआत थी। जनता कर्फ्यू के दौरान एक तरह का अजीब सन्नाटा था। न हॉर्न की आवाज और न ही कोई और हलचल। सिर्फ पक्षियों की आवाज सुनाई दे रही थी। तब एक दिन में 360 केस मिले थे, लेकिन सोमवार 23 मार्च 2021 को 46,951 केस मिले हैं। तब एक दिन में सात मौतें हुई थी, लेकिन सोमवार को 212 मौतें हुई हैं।
केरल में मिला था पहला केस, कर्नाटक में हुई थी पहली मौत
भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में मिला था और देश में इस महामारी से पहली मौत 10 मार्च को कर्नाटक में हुई थी। 25 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगाया गया था, जो 31 मई तक चला। इसने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ दी।
उस समय कहा गया था कि जनता कर्फ्यू लॉकडाउन का ट्रायल है। तब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि लॉकडाउन कब खुलेगा। लोगों की आंखों के सामने इस भयानक वायरस की चपेट में आने से उनके अपनों की जान जा रही थी। क्या छोटा-क्या बड़ा, क्या जवान और क्या वृद्ध, कोरोना हर किसी को अपना शिकार बना रहा था। ऐसे में एकमात्र उपाय घरों में बंद रहना ही था। लोग लॉकडाउन के बीच इस घातक बीमारी की दवा का इंतजार करने लगे।
आज भारत के पास कोविड-19 के दो टीके
महीनों की पाबंदी के बाद अनलॉक हुआ और धीरे-धीरे भारत ने वैक्सीन भी विकसित कर ली। आज भारत के पास कोविड-19 के दो टीके हैं। वहीं, 16 जनवरी 2021 से पहले चरण के टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई और देखते ही देखते इस अभियान ने रफ्तार पकड़ ली। इसके कुछ ही समय बाद एक मार्च से दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत भी लोगों को कोरोना वायरस टीके की खुराक दी जाने लगी।
वैक्सीन विकसित किए जाने से लेकर पहले चरण के टीकाकरण अभियान के बीच कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मामले कम होने लगे थे। यह सब तभी संभव हो पाया जब सभी देशवासियों ने मिलकर कोरोना के खिलाफ जारी जंग में एकजुटता दिखाई। खुद अनुशासित रहे और कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया।
वैक्सीन के बाद भी छूमंतर नहीं हुआ कोरोना
हालांकि, अब एक बार फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। यह मामले आए दिन लगातार बढ़ रहे हैं, जो कि चिंता की बात है। उम्मीद थी कि वैक्सीन आने के बाद भारत से कोरोना छूमंतर हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल मार्च में भारत में तब कोरोना ने दस्तक दी ही थी और 21 मार्च, 2020 तक 360 केस सामने आए थे। इनमें भी 41 मामले विदेशियों के थे। पिछले साल जनता कर्फ्यू लगने से पहले तक देश में सिर्फ 360 केस थे, जो आंकड़ा अब बढ़कर 1,16,46,081 पहुंच गया है। इसके अलावा एक्टिव केसों की बात करें तो अकेले महाराष्ट्र में ही आंकड़ा 2 लाख के पार है और देश भर में फिलहाल 3,34,646 लाख लोग कोरोना संक्रमित हैं।
महाराष्ट्र से लेकर पंजाब और कर्नाटक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर देखने को मिल रही है। ऐसे में सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद भी इसके मामलों में लगातार वृद्धि क्यों हो रही है? क्यों फिर से कोरोना पुराने रंग में दिख रहा है और दिन-प्रतिदिन ताकतवर हो रहा है? लेकिन यहां इस सवाल का जवाब भी हर किसी को मालूम है। कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि का प्रमुख कारण है लोगों की लापरवाही।
वायरस के दोबारा से ताकतवर होने की वजह
वैक्सीन आने के बाद लोग कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को हल्के में लेने लगे। लोगों को यह गलतफहमी हो गई कि वैक्सीन आ गई है तो अब कोरोना वायरस से उन्हें कोई खतरा नहीं है। सरकार का भी कहना है कि लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना के मामलों में एक बार फिर से बढ़त होने लगी है। कोरोना वायरस के दोबारा से ताकतवर होने के पीछे कई वजह हैं। लोग अब कोरोना गाइडलाइन्स को फॉलो नहीं कर रहे हैं।
वैक्सीन आने से पहले जिस तरह से लोग मास्क का इस्तेमाल किया करते थे, हैंड सैनिटाइज किया करते और शारीरिक दूरी बनाकर रखते थे, अब वैसी गंभीरता नहीं दिख रही है। इसके अलावा लंबे समय तक जारी कोरोना पाबंदियों के बाद जब देश अनलॉक हुआ तो शादी-समारोह और अन्य आयोजनों की बाढ़ आ गई। शादी-समारोहों में लोग महामारी के पहले की तरह आने-जाने लगे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जो सावधानियां बरतनी चाहिए, उसे अनदेखा किया जा रहा है। इन सभी वजहों के चलते कोरोना को फिर से वार करने का मौका मिल गया।
सावधानी ही सुरक्षा
राज्य सरकारें भी सतर्क