सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   delhi jahangirpuri violence Ground Report 20 people arrested Police high alert Bangladeshi Rohingya refugees news in hindi

ग्राउंड रिपोर्टः दिल्ली की शांति पर भारी पड़ रहे बांग्लादेशी-रोहिंग्या शरणार्थी, शाहीन बाग के धरने में यहां से जाती थी भीड़

amit sharma अमित शर्मा
Updated Sun, 17 Apr 2022 08:52 PM IST
सार
दिल्ली भाजपा के मीडिया इंचार्ज नवीन कुमार जिंदल का आरोप है कि दिल्ली सरकार इन अपराधियों को मुफ्त बिजली-पानी और राशन देकर इन्हें पालने का काम कर रही है, जबकि ये लोगों की संपत्ति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखनी है, तो जल्द से जल्द बांग्लादेशी-रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजना अनिवार्य है अन्यथा यह रोग दिल्ली के लिए असाध्य बन जाएगा। 
विज्ञापन
loader
delhi jahangirpuri violence Ground Report 20 people arrested Police high alert Bangladeshi Rohingya refugees news in hindi
ग्राउंड रिपोर्ट। - फोटो : Amar Ujala

विस्तार
Follow Us

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा ने राजधानी की उस चिंता देश-दुनिया के सामने लाकर रख दिया है, जिसके समाधान के लिए कभी कोई ईमानदार कोशिश नहीं की गई। यह मुद्दा है दिल्ली में बसे बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का। आरोप है कि इस मिट्टी से कोई लगाव न रखने वाले इसी शरणार्थी समुदाय ने हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा पर पत्थरबाजी कर मामले को संगीन बना दिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ, जबकि इसी देश के मुसलमानों के द्वारा शोभायात्रा पर फूल भी बरसाए गए थे।



जहांगीरपुरी के दर्जनों स्थानीय निवासियों ने अमर उजाला को बताया कि बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमान यहां के लोगों के लिए हमेशा समस्या का कारण बने रहते हैं। वे अपराध को ‘रोजगार के माध्यम’ की तरह देखते हैं। वाहनों की चोरी करना, उसके टुकड़े कर कबाड़ी की दुकानों पर बेचना और अन्य छोटे-मोटे अपराध करना उनके लिए पेशे के जैसा होता है। सामान्य तौर पर कुछ लोग कबाड़ का काम करते हैं, तो कुछ वाहनों की रिपेयरिंग करते हैं। कुछ लोग आसपास के इलाकों की दुकानों पर ठेले से सामान ढोने और ई-रिक्शा चलाने जैसा मजदूरी का काम करते हैं। महिलाएं आसपास के क्षेत्र में घरों में कामकाज करने जाती हैं, तो उनके बच्चे कूड़े से कबाड़ बीनने का काम करते हैं। 


आरोप है कि जब भी उन्हें अवसर मिलता है, वे अपराध के माध्यम से पैसा कमाने को प्रमुखता देते हैं। इसमें घरों में चोरी करना, निर्जन स्थान पर खड़े वाहनों के पार्ट्स गायब कर देना और कारों से  कीमती सामान उड़ा लेना शामिल है। कई बार वे हत्या और लूटपाट जैसी बड़ी वारदातें भी अंजाम देते हैं। बड़ा अपराध करने के बाद अक्सर वे अपना पता बदल देते हैं। उनकी पहचान के लिए कोई सटीक व्यवस्था न होने के कारण अक्सर वे पुलिस की पकड़ से बाहर होते हैं और राजधानी की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए चुनौती बने रहते हैं। 

आधार और राशन कार्ड भी बन चुके
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ राजनीतिक दल इन इलाकों में बांग्लादेशी-रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाने का काम करते रहे हैं। राजनीतिक दलों के द्वारा इन्हें वोटर बनाने के लिए राशन कार्ड भी बनाया गया है और अब हजारों लोगों के आधार कार्ड तक बनाए जा चुके हैं। अब आसानी से यह पहचान कर पाना भी मुश्किल हो गया है कि इनमें से कौन अवैध शरणार्थी के तौर पर यहां रह रहा है।

दिल्ली भाजपा के मीडिया इंचार्ज नवीन कुमार जिंदल का आरोप है कि दिल्ली सरकार इन अपराधियों को मुफ्त बिजली-पानी और राशन देकर इन्हें पालने का काम कर रही है, जबकि ये लोगों की संपत्ति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखनी है, तो जल्द से जल्द बांग्लादेशी-रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर भेजना अनिवार्य है अन्यथा यह रोग दिल्ली के लिए असाध्य बन जाएगा। 

शाहीन बाग में भी यहां से जाती थी भीड़
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब सीएए और एनआरसी के विरोध में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा पूरे देश में प्रदर्शन किए जा रहे थे, तब दिल्ली में भी शाहीनबाग और जाफराबाद जैसे लगभग दर्जन भर इलाकों में प्रदर्शन चल रहे थे। उस समय इसी जहांगीरपुरी के इलाके से बसों में भरभर कर प्रदर्शनकारी ले जाए जाते थे। पूरे दिन के प्रदर्शन के बाद रात में उन्हें यहां वापस छोड़ दिया जाता था। इन शरणार्थियों को भी यह उम्मीद होती थी कि यदि पड़ोसी देशों से यहां आने वाले मुसलमानों को भी नागरिकता देने का कानून बन जाता है तो उनके यहां पर स्थाई तौर पर रहने का ‘प्रबंध’ हो सकता है। 

आरोप है कि पूर्वी दिल्ली के इलाके जाफराबाद इलाके में भड़की हिंसा के मामले में भी इस इलाके के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के नाम सामने आए थे। बाद में पुलिस की धरपकड़ में कुछ लोगों की गिरफ्तारियां भी की गईं। इन पर इस समय मुकदमा चल रहा है और कई इस समय भी जेलों में बंद हैं और मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

यहां से फैली हिंसा
हनुमान जन्मोत्सव पर निकली शोभायात्रा जहांगीरपुरी के कई इलाके से होकर गुजरी, लेकिन कहीं कोई विरोध नहीं हुआ। जबकि जब यह सी-ब्लॉक के पास बनी एक मस्जिद के पास से होकर गुजरी तो इस पर पथराव शुरू हो गया। सी-ब्लॉक की इस मस्जिद से कुछ ही दूरी पर एमसीडी वाला पार्क और सी-डी पार्क है। इस एरिया के हजारों मकान बांग्लादेशी-रोहिंग्या शरणार्थियों के हैं। हिंसा यहीं से भड़की बताई जाती है। 

अचानक हुआ पथराव
जहांगीरपुरी के डी-ब्लॉक इलाके के निवासी महेश कुमार (37 वर्ष) ने बताया कि शोभायात्रा पर अचानक हमला हुआ। किसी को संभलने का अवसर नहीं मिला। शोभायात्रा मोटरसाइकिल पर निकाली जा रही थी, लिहाजा पथराव होने पर सभी इधर-उधर भागने लगे। गलियों के दोनों ओर बने तीन-चार मंजिल के मकानों के ऊपर छतों से पत्थर आ रहे थे। इनसे बचना मुश्किल हो रहा था, इसलिए कई लोगों ने अपनी मोटरसाइकिलें छोड़कर भागकर अपनी जान बचाई, जबकि बाद में हमलावरों के द्वारा इन मोटरसाइकिलो में आग लगा दी गई। इस पूरे हमले में बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं के ऊपर सवाल उठ रहा है।      

महेश कुमार ने दावा किया कि पूरी यात्रा दिल्ली पुलिस के संरक्षण में निकाली जा रही थी, लिहाजा शोभायात्रा में शामिल किसी भी व्यक्ति के पास तलवार जैसी आपत्तिजनक वस्तु नहीं थी। पुलिस के साथ होने से किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि उन पर हमला कर दिया जाएगा। लेकिन अचानक हमले ने पूरी सोच को उलटकर रख दिया।  

आरोप है कि शोभायात्रा के कुछ अन्य इलाकों से गुजरने पर उनसे अभद्र इशारे भी किए जा रहे थे। चूंकि, शोभायात्रा की गाड़ी स्वचालित नहीं थी, बल्कि इसे हाथ से खींचा जा रहा था, लिहाजा जब पथराव होने के बाद लोग अपनी जान बचाकर भागे और मूर्ति वाहन को छोड़ दिया गया। कुछ उपद्रवियों ने मूर्ति के साथ भी अभद्रता की। लोगों का कहना है वे सब कुछ देखकर भी कुछ करने की स्थिति में नहीं थे। बाद में पुलिस के आने के बाद शोभायात्रा में शामिल रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मूर्ति को उठा कर उसे यथास्थान पहुंचाया।

स्थानीय मुसलमानों के लिए भी समस्या
यहां के लोगों का कहना है कि बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुसलमानों की आपराधिक प्रवृत्ति के कारण वे हिंदुओं ही नहीं, देश के मुसलमानों के परिवारों के लिए भी समस्या बनते हैं। देश के मुसलमान अक्सर कपड़े, फल, वाहन, परिवहन के व्यापार से जुड़े रहते हैं और पैसा कमाकर सम्मानजनक तरीके से परिवार को पालने और बच्चों को शिक्षा देने को प्राथमिकता देते हैं, जबकि बांग्लादेशी-रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय स्वयं भी अपराध में लिप्त रहते हैं और अपने बच्चों को भी इसी तरह की ट्रेनिंग देते हैं, लिहाजा स्थानीय देसी मुस्लिम परिवार इनसे दूरी बनाकर रखते हैं।

जहांगीरपुरी की शोभायात्रा में शामिल एक हनुमान भक्त ने बताया कि जब यात्रा दूसरे मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजर रही थी, तब वहां उनका स्वागत भी किया गया था, कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शोभायात्रा पर पुष्प भी बरसाए थे, लेकिन जब वही यात्रा सी-ब्लॉक के कुशल सिनेमा के सामने मस्जिद के पास से होकर गुजरी तो उस पर पथराव हो गया।

मामला बिगड़ भी सकता था
एडवोकेट राकेश कौशिक (42 वर्ष) ने बताया कि वे मुख्य घटनास्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर मुकुंदपुर में रहते हैं। लेकिन हनुमान शोभायात्रा निकाले जाने की बात सुनकर इसे देखने यहां पहुंचे थे। पहले सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। शोभायात्रा में केवल जय श्री राम और जय हनुमान, जय बजरंग बली के नारे लग रहे थे। किसी एक भी नारे को किसी समुदाय विशेष के खिलाफ या भड़काऊ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन उन्होंने देखा कि अचानक सी-ब्लॉक की मस्जिद के पास शोभायात्रा के लोगों की  कुछ लोगों से बहस शुरू हो गई और इसके कुछ ही देर में पत्थरबाजी शुरू हो गई। एक वकील के तौर पर कार्य करने वाले राकेश कौशिक बताते हैं कि इस पूरे हमले में दूसरे पक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यदि ऐसा होता तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी।

ज्यादा पुलिस बल होता तो संभल जाती बात
हालांकि, इस दौरान कौशिक को एक बात बेहद अटपटी लग रही थी। जब पूरे देश में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्राओं के दौरान हिंसा हो चुकी थी, पुलिस को इस शोभायात्रा के दौरान ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था। लेकिन उन्होंने देखा कि शोभायात्रा के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में केवल पांच-छह दिल्ली पुलिस के जवान ही साथ दिखाई पड़ रहे थे। जबकि इस दौरान ज्यादा सतर्कता बरतते हुए पर्याप्त संख्या में पुलिस जवानों की नियुक्ति की जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा न होने के कारण स्थिति को संभाला नहीं जा सका और मामला बिगड़ गया।    

अमन कमेटी ने शांति की अपील की
जहांगीरपुरी के डी-ब्लॉक के रहने वाले रामकिशन बंसीवाला ने अमर उजाला को बताया कि कुछ आपराधिक तत्त्वों ने शोभायात्रा पर पथराव कर पूरे इलाके का माहौल खराब करने का काम किया है। सामान्य तौर पर यहां शांति रहती है। छोटे-मोटे अपराध अवश्य होते हैं, लेकिन कभी बड़ी घटना नहीं घटने पाई थी, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव कर इस क्षेत्र का आपसी भाईचारा खराब करने का काम किया है। 

रामकिशन बंसीवाला ने बताया कि रविवार को 12 बजे इलाके की अमन कमेटी की बैठक हुई है और हर समुदाय के लोगों ने आपस में मिलकर इस बात की शपथ ली है कि इलाके के भाईचारे को बनाकर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अपराधी तत्वों ने हिंदू-मुस्लिम हर समुदाय के लोगों की दुकानों को नुकसान पहुंचाने का काम किया है और लगभग एक दर्जन वाहनों में आग लगाई है। लेकिन इससे वे इलाके का माहौल खराब नहीं होने देंगे।

विज्ञापन
विज्ञापन
Trending Videos

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

Next Article

Followed