क्या इंदिरा गांधी ने वाजपेयी और आडवाणी को दे दी थी कांग्रेस की संसदीय सीट?
इंडियन यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन 'युवा संदेश' ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया जिसके अनुसार भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने दो सांसदों को इस्तीफा दिलवाकर अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के लिए संसद में दो सीटें खाली करवाई थीं।
इस ट्वीट में लिखा गया कि 'लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जो कमजोर और मजबूत, दोनों तरह के लोगों को समान मौके देती है। जैसे इंदिरा गांधी ने आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी को दिया था।' फेसबुक पर कई बड़े ग्रुप्स में भी हमें ऐसे पोस्ट मिले जिनमें यही दावा किया गया है।
इनमें से एक पोस्ट में लिखा है कि 'जब बीजेपी को लोकसभा में एक भी सीट नहीं मिली थी तब इंदिरा गांधी ने अपने दो सांसदों से त्यागपत्र लेकर एक सीट वाजपेयी और एक सीट आडवाणी को दे दी थी।' इस दावे की सच्चाई पता करने के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कोरा पर कई लोगों ने यह सवाल पोस्ट किया है कि क्या वाकई इंदिरा गांधी ने ऐसा किया था?
इस वेबसाइट पर वही जवाब दिया गया है जो इंडियन यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन 'युवा संदेश' ने अपने ट्वीट में लिखा है और इसे 11 हजार से ज्यादा लोगों ने अब तक देखा है। लेकिन अपनी पड़ताल में हमने इस दावे को गलत पाया है।
दावे की हकीकत
आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ था यानी जनवरी 1980 में हुए लोकसभा चुनावों के कुछ महीने बाद। अक्तूबर 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भाजपा ने अपना पहला चुनाव लड़ा था। 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 404 सीटें मिली थीं और राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने थे।
भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में सिर्फ दो सीटें मिली थीं। आधिकारिक तौर पर यही भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। इन दो सीटों में से एक सीट गुजरात के मेहसाणा में बीजेपी उम्मीदवार डॉक्टर एके पटेल ने जीती थी और दूसरी सीट जीती थी आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा से बीजेपी नेता सीजे रेड्डी ने।
अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर संसदीय सीट से 1984 का लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन तब इंदिरा गांधी का भी देहांत हो चुका था। लाल कृष्ण आडवाणी 1970 से लेकर 1994 तक राज्य सभा के सांसद रहे। ऐसे में कोई संभावना ही नहीं बनती जब इंदिरा गांधी ने भाजपा के खराब प्रदर्शन के कारण वाजपेयी और आडवाणी के लिए कांग्रेस नेताओं से इस्तीफा मांगा हो।
क्या लोकसभा सीट किसी दूसरे दल के नेता को देना संभव?
ऑनलाइन मैगजीन 'युवा संदेश' के दावे पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने बीबीसी से कहा, 'ये बिल्कुल गलत खबर है. 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या की गई तब तक कोई ऐसी राजनीतिक स्थिति नहीं बनी थी जब उन्होंने बीजेपी नेताओं के लिए कांग्रेस की सीटें खाली कराई हों।'
वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और लेखिका कुमकुम चड्ढा भी रशीद किदवई की इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। विनोद शर्मा ने बीबीसी से कहा, 'किसी मौजूदा सांसद से इस्तीफा लेकर उस सीट को किसी अन्य पार्टी के नेता को दे देना कोई मजाक नहीं है। आप सीट छोड़ सकते हैं, लेकिन किसी अन्य नेता को उस सीट से सांसद बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरना ही होगा।'