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दिल्ली: DUSU के नए अध्यक्ष का DMK नेता पर निशाना, कहा- स्टालिन जैसे लोगों को जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला Published by: श्वेता महतो Updated Mon, 25 Sep 2023 11:07 AM IST
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सार

तुषार डेढ़ा ने कहा कि इस समय पूरे देश के युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना चरम पर है। उनकी जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण भारी संख्या में युवाओं का राष्ट्रवादी विचारों के लिए समर्थन रहा है।

DUDU new President Tushar Dedhan DMK leader Udhayanidhi Stalin Sanatana Dharma
Tushar Dedha, Udhayanidhi Stalin - फोटो : Social Media
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (DUSU Election) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष पद सहित तीन पदों पर जीत हासिल की है। डूसू के नवनियुक्त अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने कहा है कि सनातन धर्म पर बिना कारण आपत्तिजनक बयानबाजी करने वाले उदयनिधि स्टालिन जैसे लोगों को अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए। इस देश में 140 करोड़ लोग रहते हैं और अनेक धर्म-संप्रदाय के लोग रहते हैं। सबकी भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जो समाज में विद्वेष पैदा करे।
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23 सितंबर को घोषित हुए डूसू चुनाव में शानदार बहुमत से जीते तुषार डेढ़ा ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय अपने आप में एक 'मिनी इंडिया' जैसा है। यहां देश के हर कोने, हर प्रांत से हर धर्म-समुदाय के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। वे सबके लिए एक समान तरीके से काम करेंगे और इसमें सबका सहयोग लेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हर छात्र-छात्रा के लिए उनके अनुकूल कंफर्टेबल माहौल उपलब्ध कराना सबकी जिम्मेदारी है और वे सबको साथ लेकर यह काम संपन्न करेंगे।       
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राष्ट्रवादी विचारों के कारण मिली जीत
तुषार डेढ़ा ने कहा कि इस समय पूरे देश के युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना चरम पर है। उनकी जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण भारी संख्या में युवाओं का राष्ट्रवादी विचारों के लिए समर्थन रहा है। आने वाले समय में भी यह विचारधारा लगातार आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद से प्रेरित युवा देश के लिए सबसे बड़ी संपत्ति है और यही पीढ़ी भारत को दुनिया में शीर्ष स्थान पर ले जाने में अपना सबसे बड़ा योगदान देगी। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी हर सपने को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे।

नई आवश्यकताओं के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय को बदलने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि नई आवश्यकताओं के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की आवश्यकताएं भी बदल गई हैं। भारी संख्या में छात्रों के पढ़ने के बाद भी यहां छात्रावासों की भारी कमी है। पुस्तकालयों और अन्य सुविधाओं की भारी कमी है। उनका प्रयास रहेगा कि यहां पढ़ने के लिए आने वाले हर छात्र-छात्राओं को उचित हॉस्टल उपलब्ध हो सके।
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