Bihar: मतदाता सूची संशोधन पर विपक्षी दलों की चुनाव आयोग के साथ बैठक टली; नाम कटने की आंशकाओं पर EC की दो टूक
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची जांच पर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से 2 जुलाई को बैठक मांगी थी। लेकिन कांग्रेस की तरफ से बताए गए दलों में से किसी ने बैठक की पुष्टि नहीं की। इस कारण चुनाव आयोग ने बैठक को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने पोलिंग बूथ से जुड़े नियम पर अहम जानकारी साझा की।
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बिहार में निर्वाचन आयोग की तरफ से मतदाता सूची की गहन जांच कराने के एलान के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल लगातार चुनाव आयोग की इस घोषणा का विरोध कर रहे है। इसी सिलसिले में अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की मांग की थी, लेकिन अब यह बैठक स्थगित कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने नाम कटने की आशंकाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। आयोग ने कहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नागरिक केवल उसी विधानसभा क्षेत्र में वोट देने के हकदार हैं, जहां आप सामान्य निवासी हैं।
विपक्ष के साथ ईसी की बैठक स्थगित
सूत्रों के अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कांग्रेस की तरफ से बताए गए विपक्षी दलों में से किसी ने भी अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है। बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से घोषणा के बाद बीते 30 जून को कांग्रेस के एक कानूनी प्रतिनिधि ने चुनाव आयोग को एक ई-मेल भेजकर 2 जुलाई को तत्काल बैठक की मांग की थी। यह ई-मेल कांग्रेस की ओर से, विपक्षी गठबंधन के कई दलों की ओर से भेजा गया था। कांग्रेस प्रतिनिधि ने खुद को कई दलों की ओर से अधिकृत प्रतिनिधि बताया था।
जहां रह रहे हैं वहीं पंजीकरण कराना चाहिए- ईसी
मंगलवार को चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण को लेकर अहम जानकारी साझा की है। चुनाव आयोग के मुताबिक, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नागरिक केवल उसी विधानसभा क्षेत्र में वोट देने के हकदार हैं, जहां आप सामान्य निवासी हैं। ईसी का कहना है कि पात्र नागरिकों को केवल उन्हीं निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के तौर पर अपना पंजीकरण कराना चाहिए, जहां वे सामान्य तौर पर निवास करते हैं, न कि उस स्थान पर जहां उनका मूल निवास है।
आयोग ने कहा कि बिहार में जारी गहन समीक्षा अभियान का उद्देश्य ऐसे तमाम लोगों की पहचान करना है, जिन्होंने जानबूझकर या अनजाने में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता कार्ड अपने पास रख लिए हैं। आयोग के मुताबिक, लोगों का प्रवास से पहले का पुराना कार्ड रखना आपराधिक कृत्य है।
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किसी भी दल ने नहीं की आधिकारिक पुष्टि
सूत्रों के अनुसार, ई-मेल मिलने के बाद चुनाव आयोग ने संबंधित दलों से यह स्पष्ट रूप से जानना चाहा कि वे इस बैठक में भाग लेंगे या नहीं। हालांकि, किसी भी दल की तरफ से अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। इसी कारण आयोग ने यह बैठक फिलहाल के लिए स्थगित कर दी है।
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चुनाव आयोग का एलान, और विपक्षी दलों का विरोध
गौरतलब है कि बिहार में चुनाव आयोग की तरफ से मतदाता सूची के विशेष संशोधन अभियान की प्रक्रिया चल रही है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को इस प्रक्रिया को लेकर आपत्तियां और शंकाएं हैं, जिसे लेकर वे चुनाव आयोग से मिलकर अपनी चिंता जताना चाहते थे। हालांकि, जब तक सभी दल अपनी सहभागिता की पुष्टि नहीं करते, तब तक यह बैठक आगे नहीं बढ़ेगी।