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Mining Lease Case: चुनाव आयोग आज सुनेगा झारखंड के सीएम का पक्ष, माइनिंग लीज केस में मुश्किल में हैं सोरेन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Thu, 14 Jul 2022 08:52 AM IST
सार

28 जून को भाजपा के वकील ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 ए के तहत सीएम सोरेन को विधायकी के अयोग्य करार देने की मांग की थी। यह धारा सरकारी ठेके आदि लेने पर जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार दिए जाने से संबंधित है। 

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Election Commission will hear Jharkhand CMs counsel today, Soren is in trouble in mining lease case
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो) - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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चुनाव आयोग आज झारखंड के माइनिंग लीज केस में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के वकील की दलीलें सुनेगा। मामले में भाजपा ने आयोग में शिकायत की है। पार्टी की मांग है कि सोरेन को चुनाव कानूनों के तहत विधायक के रूप में अयोग्य करार दिया जाए। यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है। 

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28 जून को जब चुनाव आयोग ने सुनवाई शुरू की थी तब भाजपा के वकील ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9 ए के तहत सीएम सोरेन को विधायकी के अयोग्य करार देने की मांग की थी। यह धारा सरकारी ठेके आदि लेने पर जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार दिए जाने से संबंधित है। इस मामले में याचिकाकर्ता भाजपा का कहना है कि सोरेन ने चुनाव कानून का उल्लंघन किया और पद पर रहते हुए एक सरकारी ठेका लिया। 
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मई में चुनाव आयोग ने जारी किया था सोरेन को नोटिस
झारखंड के राज्यपाल द्वारा मामले को चुनाव आयोग को भेजने के बाद आयोग ने मई में झामुमो नेता व सीएम सोरेन को उक्त कानून के तहत नोटिस जारी किया था। हालांकि, आरंभिक सुनवाई के दौरान सोरेन के वकीलों की टीम ने कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 ए इस मामले में लागू नहीं होती है। इस दावे के समर्थन में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को भी चुनाव आयोग के समक्ष संदर्भ के तौर पर पेश किया था। 
बता दें, ऐसे मामलों की सुनवाई चुनाव आयोग के अर्द्ध न्यायिक निकाय के रूप में करता है। इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका विचाराधीन है। मामले में ईडी ने भी हस्तक्षेप करते हुए हाईकोर्ट की याचिका में अपना पक्ष रखा है। सोरेन ने इस केस में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मांगी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने केस की सुनवाई पर रोक से इनकार कर दिया था।

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