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BJP-Congress: कर्नाटक के मंत्री के बयान पर हिमंत बिस्वा सरमा ने पूछा सवाल, क्या भारत का हिस्सा नहीं है असम?
अमर उजाला ब्यूरो, गुवाहाटी
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 30 Sep 2024 11:02 PM IST
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सार
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने सवाल उठाया था कि असम में सेमीकंडक्टर उद्योग क्यों विकसित हो रहे हैं। असम में एक सार्वजनिक सभा में इस पर पलटवार करते हुए असम के सीएम ने कहा, मैं उनसे सीधे पूछना चाहता हूं। क्या असम भारत का हिस्सा नहीं है?।

कर्नाटक के मंत्री के बयान पर हिमंत बिस्वा सरमा ने पूछा सवाल
- फोटो : ANI
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विस्तार
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे की तरफ से सेमीकंडक्टर उद्योग पर टिप्पणी पर पलटवार करते हुए सवाल उठाया है। दरअलल प्रियंक खड़गे ने असम में ऐसे उद्योगों की स्थापना को लेकर चिंताएं व्यक्त की थीं, जिससे सीएम सरमा का तीखा जवाब आया।
प्रियंक खड़गे ने असम में सेमीकंडक्टर उद्योग पर उठाया था सवाल
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने सवाल उठाया था कि असम में सेमीकंडक्टर उद्योग क्यों विकसित हो रहे हैं। असम में एक सार्वजनिक सभा में इस पर पलटवार करते हुए असम के सीएम ने कहा, मैं उनसे सीधे पूछना चाहता हूं। क्या असम भारत का हिस्सा नहीं है?। हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रियंक खड़गे की आपत्तियों की आलोचना करते हुए कहा, यदि एक उद्योग असम में आ रहा है, तो वे इसका विरोध क्यों कर रहे हैं। ऐसे टिप्पणियां न केवल अनुचित हैं बल्कि असंवेदनशील भी हैं।
प्रियंक खड़गे को और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए- सरमा
सीएम हिमंत बिस्वा सरम ने आर्थिक विकास और उद्योग वितरण में राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रियंक खड़गे को अपनी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, अधिक जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। उन्हें अधिक संवेदनशील होना चाहिए। जब आपके पिता एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं, तो आपकी जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। ऐसे विभाजनकारी बयान देने से बचना चाहिए।
पूरे देश में लागू होनी चाहिए एनआरसी- हिमंत बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि जिस तरह से हम असम में निष्पक्ष एनआरसी की मांग कर रहे हैं, उसी तरह से पूरे देश में एनआरसी लागू होनी चाहिए। इस पर देश में बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि संसद में भी इस पर बात हो। उन्होंने कहा, झारखंड और दूसरे राज्यों में भी एनआरसी होनी चाहिए। क्योंकि आज विदेशी केवल असम में रहते हैं, यह बात सच नहीं है।
विदेशी असम या पश्चिम बंगाल से घूस कर देश के दूसरे हिस्सों में जाते हैं। आधार कार्ड बनाकर फिर से असम में लौट आ सकते हैं। यह समस्या केवल असम की ही नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या है। जब से बांग्लादेश में उथल-पुथल हुआ है। तबसे हर दिन सीमाओं में हम बांग्लादेशियों को पकड़ रहे हैं। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी की जरूरत है। इसके लिए संसद में विचार-विमर्श होना चाहिए। यह मामला दिन प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है।

प्रियंक खड़गे ने असम में सेमीकंडक्टर उद्योग पर उठाया था सवाल
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने सवाल उठाया था कि असम में सेमीकंडक्टर उद्योग क्यों विकसित हो रहे हैं। असम में एक सार्वजनिक सभा में इस पर पलटवार करते हुए असम के सीएम ने कहा, मैं उनसे सीधे पूछना चाहता हूं। क्या असम भारत का हिस्सा नहीं है?। हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रियंक खड़गे की आपत्तियों की आलोचना करते हुए कहा, यदि एक उद्योग असम में आ रहा है, तो वे इसका विरोध क्यों कर रहे हैं। ऐसे टिप्पणियां न केवल अनुचित हैं बल्कि असंवेदनशील भी हैं।
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प्रियंक खड़गे को और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए- सरमा
सीएम हिमंत बिस्वा सरम ने आर्थिक विकास और उद्योग वितरण में राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रियंक खड़गे को अपनी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, अधिक जिम्मेदारी दिखानी चाहिए। उन्हें अधिक संवेदनशील होना चाहिए। जब आपके पिता एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं, तो आपकी जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। ऐसे विभाजनकारी बयान देने से बचना चाहिए।
पूरे देश में लागू होनी चाहिए एनआरसी- हिमंत बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि जिस तरह से हम असम में निष्पक्ष एनआरसी की मांग कर रहे हैं, उसी तरह से पूरे देश में एनआरसी लागू होनी चाहिए। इस पर देश में बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि संसद में भी इस पर बात हो। उन्होंने कहा, झारखंड और दूसरे राज्यों में भी एनआरसी होनी चाहिए। क्योंकि आज विदेशी केवल असम में रहते हैं, यह बात सच नहीं है।
विदेशी असम या पश्चिम बंगाल से घूस कर देश के दूसरे हिस्सों में जाते हैं। आधार कार्ड बनाकर फिर से असम में लौट आ सकते हैं। यह समस्या केवल असम की ही नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या है। जब से बांग्लादेश में उथल-पुथल हुआ है। तबसे हर दिन सीमाओं में हम बांग्लादेशियों को पकड़ रहे हैं। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी की जरूरत है। इसके लिए संसद में विचार-विमर्श होना चाहिए। यह मामला दिन प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है।
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