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Parliament Building: बायोमैट्रिक वोटिंग सिस्टम से लेकर संविधान हॉल तक, पुरानी इमारत से कितना अलग नया संसद भवन?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Sun, 28 May 2023 08:18 AM IST
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मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
- फोटो :
AMAR UJALA
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (28 मई) देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। पिछले गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया था। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। इसी के साथ नए संसद भवन ने पुरानी इमारत का स्थान ले लिया, जिसमें अब कई खामियां आ चुकी हैं।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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AMAR UJALA
आइये जानते हैं नए और पुराने संसद भवन में क्या अंतर है?
बैठक व्यवस्था:
नई इमारत में लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 550 और 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी तुलना में नए भवन में लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों को समायोजित करने की क्षमता होगी। दरअसल, वर्तमान भवन को द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए कभी भी डिजाइन नहीं किया गया था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 से कभी नहीं बदली। हालांकि, 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने का अनुमान है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर स्थिरता केवल 2026 तक ही है। बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है, दूसरी पंक्ति से परे कोई डेस्क नहीं है। आवाजाही के लिए सीमित स्थान होने के कारण यह सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा जोखिम है।
बैठक व्यवस्था:
नई इमारत में लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 550 और 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी तुलना में नए भवन में लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों को समायोजित करने की क्षमता होगी। दरअसल, वर्तमान भवन को द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए कभी भी डिजाइन नहीं किया गया था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 से कभी नहीं बदली। हालांकि, 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने का अनुमान है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर स्थिरता केवल 2026 तक ही है। बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है, दूसरी पंक्ति से परे कोई डेस्क नहीं है। आवाजाही के लिए सीमित स्थान होने के कारण यह सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा जोखिम है।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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AMAR UJALA
क्षेत्र:
नया संसद भवन लगभग 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा। वहीं पुराने वाले की बात करें तो यह एक गोलाकार भवन है जिसका व्यास 170.69 मीटर और परिधि 536.33 मीटर है। यह लगभग छह एकड़ (24,281 वर्ग मीटर) का क्षेत्रफल कवर करता है।
नया संसद भवन लगभग 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा। वहीं पुराने वाले की बात करें तो यह एक गोलाकार भवन है जिसका व्यास 170.69 मीटर और परिधि 536.33 मीटर है। यह लगभग छह एकड़ (24,281 वर्ग मीटर) का क्षेत्रफल कवर करता है।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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AMAR UJALA
सेंट्रल हॉल:
नए भवन में मौजूदा संसद भवन की तरह सेंट्रल हॉल नहीं है। सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। जब संयुक्त सत्र होते हैं तो सीमित सीटों की समस्या और बढ़ जाती है। अब संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा कक्ष का उपयोग किया जाएगा।
नए भवन में मौजूदा संसद भवन की तरह सेंट्रल हॉल नहीं है। सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। जब संयुक्त सत्र होते हैं तो सीमित सीटों की समस्या और बढ़ जाती है। अब संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा कक्ष का उपयोग किया जाएगा।
आधुनिक तकनीक:
सेंट्रल विस्टा वेबसाइट के अनुसार, पुराने भवन में अग्नि सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय था, क्योंकि इसे मौजूदा अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुसार डिजाइन नहीं किया गया था। संभावित आग के खतरे को देखते हुए कई नए विद्युत केबल जोड़े गए थे। इसके अलावा, जल आपूर्ति लाइनों, सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन, सीसीटीवी, ऑडियो-वीडियो सिस्टम आदि जैसी सेवाओं को लगाने से भवन की सुंदरता बिगड़ी और रिसाव आना शुरू हो गया था।
इस बीच, नई इमारत में अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें मतदान में आसानी के लिए बायोमेट्रिक्स, डिजिटल भाषा व्याख्या या अनुवाद प्रणाली और माइक्रोफोन शामिल हैं। हॉल के अंदरूनी हिस्सों को आभासी ध्वनि सिमुलेशन फिट किया जाएगा ताकि गूंज को सीमित किया जा सके।
सेंट्रल विस्टा वेबसाइट के अनुसार, पुराने भवन में अग्नि सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय था, क्योंकि इसे मौजूदा अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुसार डिजाइन नहीं किया गया था। संभावित आग के खतरे को देखते हुए कई नए विद्युत केबल जोड़े गए थे। इसके अलावा, जल आपूर्ति लाइनों, सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन, सीसीटीवी, ऑडियो-वीडियो सिस्टम आदि जैसी सेवाओं को लगाने से भवन की सुंदरता बिगड़ी और रिसाव आना शुरू हो गया था।
इस बीच, नई इमारत में अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें मतदान में आसानी के लिए बायोमेट्रिक्स, डिजिटल भाषा व्याख्या या अनुवाद प्रणाली और माइक्रोफोन शामिल हैं। हॉल के अंदरूनी हिस्सों को आभासी ध्वनि सिमुलेशन फिट किया जाएगा ताकि गूंज को सीमित किया जा सके।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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डिजाइन:
वर्तमान संसद भवन एक औपनिवेशिक युग की इमारत है और इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। वहीं, नई इमारत को अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन और वास्तुकार बिमल पटेल के नेतृत्व में डिजाइन की गई है।
वर्तमान संसद भवन एक औपनिवेशिक युग की इमारत है और इसे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। वहीं, नई इमारत को अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन और वास्तुकार बिमल पटेल के नेतृत्व में डिजाइन की गई है।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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लागत:
अकेले नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ रुपए है। पुराने संसद भवन के निर्माण की लागत 83 लाख रुपये थी।
अकेले नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ रुपए है। पुराने संसद भवन के निर्माण की लागत 83 लाख रुपये थी।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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निर्माण समय:
10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ तीन साल पांच महीने में तैयार किया गया है। वहीं, पुराने संसद भवन के निर्माण में छह साल (1921-1927) लगे थे।
10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ तीन साल पांच महीने में तैयार किया गया है। वहीं, पुराने संसद भवन के निर्माण में छह साल (1921-1927) लगे थे।
संसद भवन
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उद्घाटन:
28 मई 2023 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किया जाना है। पुरानी संसद भवन, एक वास्तुशिल्प वैभव और एक ऐतिहासिक मील का पत्थर जिसने लगभग एक सदी तक भारत की नियति का मार्गदर्शन किया और जिसकी शानदार विरासत अब इतिहास के पन्नों में दर्ज की जाएगी। इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।
28 मई 2023 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किया जाना है। पुरानी संसद भवन, एक वास्तुशिल्प वैभव और एक ऐतिहासिक मील का पत्थर जिसने लगभग एक सदी तक भारत की नियति का मार्गदर्शन किया और जिसकी शानदार विरासत अब इतिहास के पन्नों में दर्ज की जाएगी। इसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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पार्किंग क्षमता:
पुराने संसद भवन में 212 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता है। वहीं नया संसद भवन 900 गाड़ियां की पार्किंग का स्थान रखता है।
पुराने संसद भवन में 212 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता है। वहीं नया संसद भवन 900 गाड़ियां की पार्किंग का स्थान रखता है।
मौजूदा संसद भवन vs नया संसद भवन
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संविधान हॉल:
पुराने संसद भवन में संविधान हॉल मौजूद नहीं था। वहीं, नए संसद भवन में यह मौजूद है जो इसका प्रमुख आकर्षण है। कांस्टीट्यूशन हॉल के शीर्ष पर एक अशोक स्तंभ है, जो भारतीय विरासत के एक महत्वपूर्ण प्रतीक का प्रतीक है। संविधान की एक प्रति इस हॉल के भीतर सुरक्षित रखी जाएगी। इसकी भव्यता को बढ़ाने के लिए, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे महान व्यक्तियों के बड़ी तस्वीरें नए संसद भवन के हॉल की शोभा बढ़ाएंगी।
पुराने संसद भवन में संविधान हॉल मौजूद नहीं था। वहीं, नए संसद भवन में यह मौजूद है जो इसका प्रमुख आकर्षण है। कांस्टीट्यूशन हॉल के शीर्ष पर एक अशोक स्तंभ है, जो भारतीय विरासत के एक महत्वपूर्ण प्रतीक का प्रतीक है। संविधान की एक प्रति इस हॉल के भीतर सुरक्षित रखी जाएगी। इसकी भव्यता को बढ़ाने के लिए, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे महान व्यक्तियों के बड़ी तस्वीरें नए संसद भवन के हॉल की शोभा बढ़ाएंगी।