गिरफ्तार आईएस संदिग्ध में तीन साल पहले से दिखने लगे थे बदलाव, इंटरनेट से जानता था इस्लाम
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श्रीलंका हमलों के बाद खुफिया एजेंसी तमिलनाडु और केरल में उन लोगों की ट्रैकिंग कर रही हैं, जिनके नंबर जहरान हाशिम की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआरएस) में मिले हैं। जहरान श्रीलंका हमलों का मास्टरमाइंड है। इसी बीच केरल में तीन संदिग्ध लोगों के घरों पर छापा मारा गया। जिसके बाद एक संदिग्ध रियास ए (29) को गिरफ्तार किया गया। जिसे रियास अबुबकर और अबु दुजाना भी कहा जाता है।
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तीन साल पहले से दिखने लगे बदलाव
रियास की गिरफ्तारी पर उसके परिवार का कहना है कि उसमें तीन साल पहले से बदलाव दिखने लगे थे। रियास ने दाढ़ी बढ़ा ली थी, वह अपने परिवार की आपत्तियों को नजरअंदाज कर रहा था। वो अरबी पोशाक पहनने लगा। और उसने परिवार से काफी दूरी बना ली थी।
रियास के परिवार का कहना है कि उसने फिल्में, टेलीविजन देखना भी बंद कर दिया था। वह केवल अपने फोन पर इस्लाम से संंबंधित वीडियो देखता था और इसी से संबंधित लेख पढ़ता था। उसके भाई ने उसे आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने पर चेतावनी भी दी थी।
केरल में करना चाहता था आत्मघाती हमला
रियास को कोच्चि की एक अदालत में पेश किया गया। उसने कथित तौर पर कबूल किया है कि वह श्रीलंका हमलों के मास्टरमाइंड जहरान हाशिम से प्रेरित था। एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, "आरोपी रियास हाशिम और जाकिर नाइक के भाषण के वीडियो का बीते एक साल से अनुसरण कर रहा था।"
अधिकारी ने बताया कि रियास केरल में आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहा था। जहरान हाशिम नेशनल तौहीद जमात का सदस्य है। श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों को उसी ने अंजाम दिया था।
रियास ने पूछताछ में ये भी कबूला है कि वह काफी लंबे समय से लापता चल रहे अन्य आरोपी अब्दुल राशिद अबदुल्ला के संपर्क में भी था। वह उसकी ऑडियो क्लिप्स को फॉलो करता था। जिनमें से एक को उसने सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था। जिसमें आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए दूसरों को उकसाया जा रहा है।
रियास का कहना है कि वह अब्दुल खायुम के संपर्क में भी था, जो वालापट्टनम आईएस मामले का आरोपी है। माना जा रहा है कि खायुम सीरिया में है। आरोपी रियास का कहना है कि वह मॉड्यूल के अन्य सदस्यों से भी हाशिम का अनुसरण करने को कहता था।
पिता ने कहा, गलत रास्ते पर था रियास
इन तीन संदिग्धों का कथित तौर पर उस आरोपी से संंपर्क था, जो 2016 में भारत को छोड़कर आतंकी संगठन आईएस में शामिल हो गया था। एजेंसी को ये इनपुट मिले थे कि चार लोगों का एक समूह आरोपियों के संंपर्क में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार रियास के परिवार को विश्वास नहीं हो रहा है, कि वह आतंकियों के संपर्क में था। उसके पिता का कहना है, "अगर मेरा बेटा आतंकवादी और देशद्रोही है, तो उसे जेल में मरने दें।"
केरल से जो 22 लोग आईएस में शामिल होने के लिए 2016 में चले गए थे, रियास उनमें से दो लोगों के संपर्क में था। उसने फेसबुक पर अपना नाम बदलकर अबु दुजाना कर दिया था। उसके पिता का कहना है, "मुझे पता है वो गलत रास्ते पर था। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वो इस्लामिक स्टेट के संपर्क में होने के कारण गिरफ्तार होगा।" रियास तीन बहन-भाई में सबसे बड़ा है।
रियास के परिवार का कहना है कि यहां पलक्कड के दो ईसाई भाईयों ने इस्लाम अपना लिया था। वह 2016 में देश छोड़कर आईएस में शामिल होने के लिए चले गए थे। जब मीडिया में उनकी तस्वीरें आईं तो रियास ने कहा कि वह उसके दोस्त हैं और वह उनसे मस्जिद में मिल चुका है।
परिवार ने नहीं भेजा मदरसा
रियास को कभी परिवार ने मदरसा नहीं भेजा, जिसके चलते वह इस्लाम के बारे में जानने के लिए इंटरनेट का सहारा लेने लगा। वह छोटे-मोटे काम के लिए एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करता था। लेकिन कभी घर के खर्च में पैसे नहीं देता था।