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Lockdown: एक और लॉकडाउन लगा तो क्या होगा, जानें तमाम सवाल और उनके जवाब?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Tue, 24 Nov 2020 10:45 AM IST
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लॉकडाउन इंडिया: प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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देश के कई हिस्सों में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। वहीं, दिल्ली कोरोना संक्रमण की तीसरी स्टेज से गुजर रही है। संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर प्रतिबंध लगाने की चर्चाएं तेज हो चली हैं। इस बीच कुछ जगहों जैसे अहमदाबाद में प्रशासन प्रतिबंध और आंशिक कर्फ्यू लगा चुका है। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों के दौरान बाजारों से भीड़-भाड़ वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम बड़े पैमाने पर टूटते दिखाई दिए। इससे कोरोना संक्रमण तेजी फैलने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि अगर देश में एक बार फिर लॉकडाउन लगा तो क्या होगा?
बाजारों में भीड़ बढ़ी, लेकिन खरीदारी नहीं
दिवाली बीतने के बाद भी बाजारों में काफी भीड़ नजर आ रही है, लेकिन इसका असर खरीदारी में अब तक नजर नहीं आया है। अगर गूगल मोबिलिटी ट्रेंड के आंकड़ों पर गौर करें तो बाजार अब भी कोविड से पहले के स्तर की खरीदारी तक नहीं पहुंच पाए हैं। इसके लिए 3 जनवरी से 6 फरवरी 2020 तक और लॉकडाउन के बाद 17 नवंबर तक पांच सप्ताह के आंकड़ों में तुलना की गई। इस दौरान दिवाली की शाम खरीदारी चरम पर थी, लेकिन यह जनवरी से फरवरी के दौरान पांच सप्ताह के आंकड़ों से 17 प्रतिशत कम रही। दरअसल, लॉकडाउन के बाद फार्मेसी और ग्रॉसरी की खरीदारी तो काफी बढ़ी, लेकिन बाकी सेक्टरों के हालात बिगड़ते चले गए।
नौकरियों पर आएगा संकट!
देश में 25 मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद कई सेक्टरों में नौकरियों में संकट मंडराने लगा। उस दौरान काम-धंधे ठप होने की वजह से हजारों लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं। ऐसे में अगर देश में दोबारा लॉकडाउन लगता है तो हालात काफी बदतर हो सकते हैं।
दोबारा लॉकडाउन से तबाह हो जाएंगे कई सेक्टर
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अगर देश में नया लॉकडाउन होता है तो कई ऐसे सेक्टर तबाह हो जाएंगे, जो अब तक उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में अगर डिमांड और सप्लाई प्रभावित होगी तो उसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। साथ ही, लोगों की आय और व्यय का हिसाब-किताब भी पूरी तरह गड़बड़ा जाएगा।
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बाजारों में भीड़ बढ़ी, लेकिन खरीदारी नहीं
दिवाली बीतने के बाद भी बाजारों में काफी भीड़ नजर आ रही है, लेकिन इसका असर खरीदारी में अब तक नजर नहीं आया है। अगर गूगल मोबिलिटी ट्रेंड के आंकड़ों पर गौर करें तो बाजार अब भी कोविड से पहले के स्तर की खरीदारी तक नहीं पहुंच पाए हैं। इसके लिए 3 जनवरी से 6 फरवरी 2020 तक और लॉकडाउन के बाद 17 नवंबर तक पांच सप्ताह के आंकड़ों में तुलना की गई। इस दौरान दिवाली की शाम खरीदारी चरम पर थी, लेकिन यह जनवरी से फरवरी के दौरान पांच सप्ताह के आंकड़ों से 17 प्रतिशत कम रही। दरअसल, लॉकडाउन के बाद फार्मेसी और ग्रॉसरी की खरीदारी तो काफी बढ़ी, लेकिन बाकी सेक्टरों के हालात बिगड़ते चले गए।
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नौकरियों पर आएगा संकट!
देश में 25 मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद कई सेक्टरों में नौकरियों में संकट मंडराने लगा। उस दौरान काम-धंधे ठप होने की वजह से हजारों लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं। ऐसे में अगर देश में दोबारा लॉकडाउन लगता है तो हालात काफी बदतर हो सकते हैं।
दोबारा लॉकडाउन से तबाह हो जाएंगे कई सेक्टर
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अगर देश में नया लॉकडाउन होता है तो कई ऐसे सेक्टर तबाह हो जाएंगे, जो अब तक उबर नहीं पाए हैं। ऐसे में अगर डिमांड और सप्लाई प्रभावित होगी तो उसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। साथ ही, लोगों की आय और व्यय का हिसाब-किताब भी पूरी तरह गड़बड़ा जाएगा।