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Indian Army: ड्रोन से AK-47 से फायरिंग, अग्रिम मोर्चे पर सेना की मदद के लिए SAMBHAV; स्वदेशी 5जी तकनीक पर जोर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Fri, 12 Jan 2024 04:12 PM IST
सार
भारतीय सेना में ड्रोन के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। स्वदेशी तकनीक और इकोसिस्टम को SAMBHAV नाम दिया गया है। सेना का कहना है कि इससे अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों की बेहतर मदद की जा सकेगी। सेना ने ड्रोन के इस्तेमाल का वीडियो भी जारी किया है।
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भारतीय सेना में ड्रोन का प्रभावी इस्तेमाल (वीडियो स्क्रीनशॉट)
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारतीय सेना लगातार स्वदेशी तकनीक को अपनाने के प्रयास कर रही है। ड्रोन का सैनिक कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं? इसका नमूना दिखाने के लिए सेना ने ड्रोन की मदद से अलग-अलग ऑपरेशंस का प्रदर्शन किया। ड्रोन की मदद से एके-7 राइफल से सटीक निशाना लगाने में भी सफलता मिली है। इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल कर अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों तक जरूरी हथियार और सामानों की डिलिवरी की जा सकती है। भौगोलिक रूप से जटिल इलाकों में हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ केबल बिछाने जैसे चुनौतीपूर्ण काम के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
5जी तकनीक की मदद से काम करेगा SAMBHAV इकोसिस्टम
भारतीय सेना ने राष्ट्रीय शिक्षा और उद्योग उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित- सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत संस्करण यानी SAMBHAV नाम का इकोसिस्टम विकसित किया है। SAMBHAV अत्याधुनिक समकालीन 5G तकनीक पर काम करता है
ग्रेनेड से हमला करने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल
भारतीय सेना ने दिखाया है कि एके-47 राइफलों से लक्ष्य पर निशाना साधने, ठिकानों की पहचान के बाद उसे नष्ट करने के लिए ग्रेनेड गिराने और अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को हथियार, गोला-बारूद और रसद आपूर्ति जैसे अभियानों में ड्रोन का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
संभव इकोसिस्टम के बारे में भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इससे रक्षा क्षमता के मामले में भारत को महत्वपूर्ण छलांग लगाने में मदद मिलेगी। 35,000 सेट दो चरणों में कॉन्फ़िगर किए जाएंगे, शुरुआती 2,500 सेट 15 जनवरी तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बाकी 32,500 सेट अगले साढ़े चार महीनों में0- 31 मई 2024 तक कॉन्फ़िगर किए जाएंगे।
बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन के साथ बना है सिस्टम
भारतीय सेना के मुताबिक SAMBHAV में पैन इंडिया सिक्योर इको सिस्टम होगा। यानी पूरे देश में इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन भी होगा। यानी कोई तीसरा पक्ष इसे एक्सेस नहीं कर सकेगा। इनबिल्ट यानी पहले से ही इसमें सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए जाएंगे, जिससे इनका इस्तेमाल वाणिज्यिक नेटवर्क पर भी किया जा सकेगा।
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5जी तकनीक की मदद से काम करेगा SAMBHAV इकोसिस्टम
भारतीय सेना ने राष्ट्रीय शिक्षा और उद्योग उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित- सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत संस्करण यानी SAMBHAV नाम का इकोसिस्टम विकसित किया है। SAMBHAV अत्याधुनिक समकालीन 5G तकनीक पर काम करता है
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ग्रेनेड से हमला करने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल
भारतीय सेना ने दिखाया है कि एके-47 राइफलों से लक्ष्य पर निशाना साधने, ठिकानों की पहचान के बाद उसे नष्ट करने के लिए ग्रेनेड गिराने और अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को हथियार, गोला-बारूद और रसद आपूर्ति जैसे अभियानों में ड्रोन का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
दो चरणों में 35 हजार सेट विकसित करने का प्लान#WATCH | Indian Army showcases the way it is using drones in operations like engaging targets by firing AK-47 rifles, dropping grenades on targets and provide weapons, ammunitions and supplies to troops in forward areas. pic.twitter.com/nuIm9v8qV8
— ANI (@ANI) January 12, 2024
संभव इकोसिस्टम के बारे में भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि इससे रक्षा क्षमता के मामले में भारत को महत्वपूर्ण छलांग लगाने में मदद मिलेगी। 35,000 सेट दो चरणों में कॉन्फ़िगर किए जाएंगे, शुरुआती 2,500 सेट 15 जनवरी तक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बाकी 32,500 सेट अगले साढ़े चार महीनों में0- 31 मई 2024 तक कॉन्फ़िगर किए जाएंगे।
बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन के साथ बना है सिस्टम
भारतीय सेना के मुताबिक SAMBHAV में पैन इंडिया सिक्योर इको सिस्टम होगा। यानी पूरे देश में इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें बहुस्तरीय एन्क्रिप्शन भी होगा। यानी कोई तीसरा पक्ष इसे एक्सेस नहीं कर सकेगा। इनबिल्ट यानी पहले से ही इसमें सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए जाएंगे, जिससे इनका इस्तेमाल वाणिज्यिक नेटवर्क पर भी किया जा सकेगा।