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Jharkhand: हेमंत सोरेन हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, माइनिंग लीज केस में होगी सुनवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 18 Jul 2022 12:43 PM IST
सार

हाईकोर्ट ने सोरेन के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई की सहमति दी है। सीजेआई एनवी रमण और जस्टिस कृष्ण मुरारी तथा हिमा कोहली ने झारखंड व सीएम की याचिकाओं की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद सुनवाई पर सहमति ली। 

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Jharkhand CM Hemant Soren seeks urgent hearing in SC on pleas against HC order on PILs over graft charges
Supreme Court - फोटो : ANI
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विस्तार
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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज केस को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की है। शीर्ष कोर्ट ने दोनों पृथक पृथक याचिकाएं सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली हैं। एक याचिका राज्य सरकार की है और दूसरी सीएम सोरेन की। 

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हाईकोर्ट ने सोरेन के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई की सहमति दी है। सीजेआई एनवी रमण और जस्टिस कृष्ण मुरारी तथा हिमा कोहली ने झारखंड व सीएम की याचिकाओं की दलीलों पर  संज्ञान लेने के बाद सुनवाई पर सहमति ली। 
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झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष दायर एक जनहित याचिका में कथित अनियमितताओं और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों द्वारा कथित रूप से संचालित मुखौटा कंपनियों के लेनदेन की जांच की मांग की गई थी। सीजेआई रमण ने कहा कि हमें इसे सूचीबद्ध करेंगे। 
झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 29 जुलाई को तय की है, इसलिए शीर्ष कोर्ट में मामले की सुनवाई इससे पहले करे। उन्होंने कहा कि यह जानते हुए भी कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की याचिका को सुनवाई योग्य ठहराने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई का फैसला किया है। हाईकोर्ट का कहना है कि वह मामले का निपटारा करेगी। 
दरअसल हाईकोर्ट का झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉड्रिंग करने और खनन पट्टों में अनियमितता की जांच कराने वाली जनहित याचिका को सुनवाई योग्य मानने के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में याचिका को स्वीकार किए बिना रिपोर्ट देने के खिलाफ झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
मामले में 24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को पहले याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, यह तय करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को पहले ये सुनवाई करने को कहा कि जांच की मांग करने वाली PIL सुनवाई योग्य है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस विचार से हैं कि न्याय के हित में ये जरूरी है कि चीफ जस्टिस की अगुवाई में हाईकोर्ट पहले ये तय करे कि जांच की मांग करने वाली याचिका सुनवाई योग्य है या नहींं। 

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