सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   JP Nadda: Why was JP Nadda's term extended as BJP President? understand in three points

JP Nadda: भाजपा अध्यक्ष के तौर पर क्यों बढ़ाया गया जेपी नड्डा का कार्यकाल? तीन बिंदुओं में समझें

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 17 Jan 2023 07:38 PM IST
सार

गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में मिली हार के बाद भी जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भाजपा ने ऐसा क्यों किया? इसके क्या मायने हैं? 
 

विज्ञापन
JP Nadda: Why was JP Nadda's term extended as BJP President? understand in three points
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा। - फोटो : Social Media
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव रखा। सभी सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति दे दी। नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ाया गया है। 
Trending Videos


नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में मिली हार के बाद भी उन्हें एक साल एक्सटेंशन मिला है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भाजपा ने ऐसा क्यों किया? इसके क्या मायने हैं? 
विज्ञापन
विज्ञापन

 

क्यों नड्डा का बढ़ाया गया कार्यकाल? 
इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, 'जेपी नड्डा, अमित शाह और पीएम मोदी का कॉम्बिनेशन काफी ठीक चल रहा है। नड्डा ने जनवरी 2020 में भाजपा अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला था। तब दिल्ली और फिर बिहार में चुनाव हुए थे। दिल्ली में भाजपा को बुरी हार मिली थी, जबकि बिहार चुनाव में भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। जेपी नड्डा की अगुआई में भी भाजपा ने मध्य प्रदेश में फिर से सरकार बनाई। मणिपुर में भी ऐसा ही हुआ था। इसके बाद 2021 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। जिनमें दो राज्यों में भाजपा की सरकार बनी। पश्चिम बंगाल में भी भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर हो गया। भाजपा तीन से सीधे 77 सीटों पर पहुंच गई। 2022 में सात राज्यों में चुनाव हुए और इनमें से पांच पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली।'

प्रमोद के अनुसार, 'हिमाचल प्रदेश में भले ही भाजपा चुनाव हार गई, लेकिन गुजरात की जीत ने पार्टी का मनोबल बढ़ा दिया। ये पार्टी और सरकार के बीच बेहतर तालमेल का नतीजा था। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश में मिली हार को पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भूलते हुए नड्डा को इसका इनाम दिया। नड्डा ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार और पार्टी के बीच अच्छे रिश्ते बनाए।'
 

आगे प्रमोद ने नड्डा के कार्यकाल बढ़ने के तीन बड़े कारण बताए...

1. आगामी लोकसभा चुनाव: इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना शामिल है। इसके ठीक बाद अगले साल यानी 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव होना है। नड्डा की अगुआई में पूरे देशभर में संगठन काफी मजबूत हुआ है। जहां, पार्टी कमजोर थी, वहां दूसरे दलों के बड़े नेताओं को जोड़ा गया। नड्डा ने हर वर्ग के लिए अलग से सदस्यता अभियान चलाया। इसका फायदा चुनावों में भाजपा को मिला। यही कारण है कि नड्डा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। 

 

2. मोदी-शाह से अच्छे रिश्ते: नड्डा की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी उन्होंने पार्टी और सरकार के बीच अच्छे तालमेल रखे। नड्डा के रिश्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी अच्छे हैं। इसके अलावा पार्टी के पुराने नेताओं के भी नड्डा पसंदीदा हैं। इसका फायदा भी उन्हें मिला। 

 

3. हिमाचल हार के बाद हटाने पर गलत संदेश जाने का खतरा: इस बार हिमाचल प्रदेश में भाजपा को हार मिली। जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से ही आते हैं। ऐसे में अगर उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाता तो इसका गलत संदेश भी जाता। विपक्ष इसे मुद्दा बना लेता। हिमाचल प्रदेश की हार की जितनी चर्चा नहीं हुई थी, उससे कहीं ज्यादा चर्चा नड्डा के हटने की होती। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की हार का नुकसान भाजपा को दूसरे राज्यों के चुनाव में भी उठाना पड़ सकता था। 
 

भाजपा में कैसे होते हैं चुनाव? 
भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव प्रदेश संगठनों के चुनाव के बाद होता है। नियम के अनुसार अगर 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन का चुनाव हो गया है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। एक राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होता है। नड्डा ने 2020 में पार्टी की कमान संभाली थी। इस साल जनवरी में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा था। जिसे अब जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है। 

भारतीय जनता पार्टी के संविधान की धारा 19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था है। इसके अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल कराएगा। इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के वर्णित सदस्य होते हैं। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष वही बन सकता है जो कम से कम चार अवधियों तक पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो। न्यूनतम 15 वर्ष से पार्टी का सदस्य हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की योग्यता रखने वाले किसी नेता का नाम निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य प्रस्तावित करेंगे। यहां यह भी जरूरी है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच राज्यों से भी आना चाहिए, जहां चुनाव हो चुके हों। 
 

अध्यक्ष और बाकी सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है? 
पार्टी के संविधान की धारा 21 के अनुसार, कोई भी शख्स तीन-तीन साल के दो कार्यकाल तक ही भाजपा का अध्यक्ष रह सकता है। प्रदेश कार्यकारिणी, परिषद, समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों के कार्यकाल की भी तीन वर्षों तक निर्धारित की गई है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed