{"_id":"69024e6b101a17654c0e2c6d","slug":"kolkata-mamta-banerjee-says-no-to-divide-rule-politics-every-genuine-voter-should-be-protected-cm-on-sir-2025-10-29","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kolkata: 'नहीं चाहिए बांटो और राज करो वाली राजनीति', SIR पर CM ममता बोलीं- हर असली मतदाता की करेंगे रक्षा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Kolkata: 'नहीं चाहिए बांटो और राज करो वाली राजनीति', SIR पर CM ममता बोलीं- हर असली मतदाता की करेंगे रक्षा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पश्चिम बंगाल
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Wed, 29 Oct 2025 10:57 PM IST
सार
चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि हर असली मतदाता की रक्षा होनी चाहिए और बांटो और राज करो वाली राजनीति नहीं चलेगी।
विज्ञापन
सीएम ममता बनर्जी
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी तरह की फूट डालो और राज करो की राजनीति नहीं होनी चाहिए और हर असली मतदाता के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी भी समुदाय या वर्ग के बीच विभाजन की राजनीति की जाए। हर असली मतदाता का लोकतांत्रिक अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए। लोकतंत्र के सबसे बड़े स्तंभ न्यायपालिका और मीडिया हैं, इन्हें मजबूत रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उल्लेख करते हुए कहा कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि अगर सभी एकजुट रहें तो देश और लोकतंत्र दोनों मजबूत रहेंगे।
अभिषेक बनर्जी का केंद्र पर हमला
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उस व्यक्ति की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जिसने कथित तौर पर आत्महत्या की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रदीप कर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि एसआईआर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की वजह से उन्हें मानसिक तनाव हुआ, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
ये भी पढ़ें- महिला डॉक्टर की आत्महत्या मामला: निलंबित पुलिसकर्मी का मोबाइल पुलिस के हाथ लगा, अब होगी फॉरेंसिक जांच
मृतक के परिवार से मुलाकात और मांग
अभिषेक बनर्जी ने मृतक प्रदीप कर के परिवार से मुलाकात की और इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एसआईआर की घोषणा के दो दिन बाद 48 घंटे के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी है। अगर किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तो वह गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार हैं। उन्होंने मांग की कि इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
ये भी पढ़ें- 'भारत में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है केरल', कई शहरों घूमने के बाद बोली विदेशी महिला पर्यटक
चुनाव आयोग की घोषणा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। आयोग ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना और त्रुटियों को दूर करना है, ताकि आगामी चुनावों में सटीक और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित हो सके। हालांकि पश्चिम बंगाल में इसे लेकर राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।
शुभेंदु अधिकारी मौत वाले मामले में ममता के दावे को किया खारिज
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर भाजपा पर भय फैलाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को इस दावे को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के पनिहाटी में आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की मौत का एनआरसी या विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से कोई संबंध नहीं है।
अधिकारी ने बताया कि मृतक प्रदीप कर (57) का नाम 2002 की मतदाता सूची में था और उन्होंने उसी वर्ष विधानसभा चुनाव में मतदान भी किया था। उन्होंने कहा, यह दुखद घटना किसी अन्य व्यक्तिगत कारण से हुई होगी, इसे एनआरसी या एसआईआर से जोड़ना गलत है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना को झूठे नैरेटिव के रूप में पेश किया है। उन्होंने कहा, टीएमसी असंवेदनशील तरीके से गलत प्रचार कर रही है, जनता उन्हें 2026 के चुनाव में जवाब देगी।
अन्य राज्यों में एसआईआर का विरोध नहीं, केवल ममता कर रहीं
Trending Videos
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी भी समुदाय या वर्ग के बीच विभाजन की राजनीति की जाए। हर असली मतदाता का लोकतांत्रिक अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए। लोकतंत्र के सबसे बड़े स्तंभ न्यायपालिका और मीडिया हैं, इन्हें मजबूत रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उल्लेख करते हुए कहा कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि अगर सभी एकजुट रहें तो देश और लोकतंत्र दोनों मजबूत रहेंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन
अभिषेक बनर्जी का केंद्र पर हमला
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उस व्यक्ति की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जिसने कथित तौर पर आत्महत्या की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रदीप कर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि एसआईआर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की वजह से उन्हें मानसिक तनाव हुआ, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
ये भी पढ़ें- महिला डॉक्टर की आत्महत्या मामला: निलंबित पुलिसकर्मी का मोबाइल पुलिस के हाथ लगा, अब होगी फॉरेंसिक जांच
मृतक के परिवार से मुलाकात और मांग
अभिषेक बनर्जी ने मृतक प्रदीप कर के परिवार से मुलाकात की और इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एसआईआर की घोषणा के दो दिन बाद 48 घंटे के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी है। अगर किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए तो वह गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार हैं। उन्होंने मांग की कि इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
ये भी पढ़ें- 'भारत में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है केरल', कई शहरों घूमने के बाद बोली विदेशी महिला पर्यटक
चुनाव आयोग की घोषणा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। आयोग ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना और त्रुटियों को दूर करना है, ताकि आगामी चुनावों में सटीक और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित हो सके। हालांकि पश्चिम बंगाल में इसे लेकर राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है।
शुभेंदु अधिकारी मौत वाले मामले में ममता के दावे को किया खारिज
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर भाजपा पर भय फैलाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को इस दावे को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के पनिहाटी में आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की मौत का एनआरसी या विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से कोई संबंध नहीं है।
अधिकारी ने बताया कि मृतक प्रदीप कर (57) का नाम 2002 की मतदाता सूची में था और उन्होंने उसी वर्ष विधानसभा चुनाव में मतदान भी किया था। उन्होंने कहा, यह दुखद घटना किसी अन्य व्यक्तिगत कारण से हुई होगी, इसे एनआरसी या एसआईआर से जोड़ना गलत है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राजनीतिक लाभ के लिए इस घटना को झूठे नैरेटिव के रूप में पेश किया है। उन्होंने कहा, टीएमसी असंवेदनशील तरीके से गलत प्रचार कर रही है, जनता उन्हें 2026 के चुनाव में जवाब देगी।
अन्य राज्यों में एसआईआर का विरोध नहीं, केवल ममता कर रहीं