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ज्योतिरादित्य ने भाजपा ज्वाइन कर पापा माधवराव की डबल बैरल बंदूक वाली बात सही साबित कर दी
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Wed, 11 Mar 2020 08:04 PM IST
सार
संसद में राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य के साथ वाली सीट पर बैठते थे। जुलाई 2018 में संसद सत्र के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे थे, तो उस दौरान राहुल गांधी ने अपने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देखकर आंख मारी थी।
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jyotiraditya scindia
- फोटो : ANI
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विस्तार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व: माधवराव सिंधिया ने अपने बेटे के लिए एक बात कही थी। उन्होंने ज्योतिरादित्य को डबल बैरल वाली बंदूक बताया था। माधवराव सिंधिया का कहने का मतलब था कि वह बहुत पेशेवर हैं। बुधवार को जब ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा तो बहुत हद तक उनके पिता की कही गई बात सही साबित हो गई।
मतलब, राजनीति में पेशेवर तरीके से खुद को आगे बढ़ाना। कोई भी कदम इस तरह से आगे रखना कि उन्हें लेकर कोई ये न कह सके कि वे राजनीति में कच्चे हैं।
उन्होंने कभी दबाव नहीं झेला। जो उनके मन में आया, वह बोल दिया। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद यह बात खुद राहुल गांधी ने भी मानी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी में ज्योतिरादित्य एकमात्र ऐसे नेता थे, जो उनसे किसी भी वक्त आकर मिल सकते थे।
भाजपा नेताओं ने सात वर्ष पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को जब महाराज कहना शुरू किया, तो उन्होंने इसका खुलकर जवाब दिया था। सिंधिया का कहना था कि मैं 21वीं सदी के भारत का एक नौजवान हूं। कोई भी व्यक्ति अपने अतीत के आधार पर आगे नहीं बढ़ सकता। उसे काम तो करना ही होगा।
उन्होंने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा, इनका काम केवल आलोचना करना है। इसके बाद उन्होंने कहा, भाजपा वाले मेरे उस परिवार की आलोचना कर रहे हैं, जिसमें मेरी दादी विजयाराजे सिंधिया उनकी पार्टी के संस्थापकों में से एक थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा, मेरी बुआ वसुंधरा राजे भी तो राजस्थान की सीएम रही हैं।
बता दें कि संसद में राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य के साथ वाली सीट पर बैठते थे। जुलाई 2018 में संसद सत्र के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे थे, तो उस दौरान राहुल गांधी ने अपने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देखकर आंख मारी थी। बाद में इस घटना को लेकर भाजपा ने उनकी जमकर आलोचना की थी।
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मतलब, राजनीति में पेशेवर तरीके से खुद को आगे बढ़ाना। कोई भी कदम इस तरह से आगे रखना कि उन्हें लेकर कोई ये न कह सके कि वे राजनीति में कच्चे हैं।
माधवराव सिंधिया ने अपने बेटे ज्योतिरादित्य के जीवन से जुड़ी कई बातों का खुलासा किया था। ज्योतिरादित्य एक पेशेवर शूटर हैं। वे जानते हैं कि उस बंदूक को पेशेवर अंदाज में कैसे चलाया जाता है। इस बात को कभी ज्योतिरादित्य ने अस्वीकार नहीं किया। जब तक वे कांग्रेस में रहे, एक पेशेवर राजनीतिक व्यक्ति की तरह रहे।
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उन्होंने कभी दबाव नहीं झेला। जो उनके मन में आया, वह बोल दिया। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद यह बात खुद राहुल गांधी ने भी मानी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी में ज्योतिरादित्य एकमात्र ऐसे नेता थे, जो उनसे किसी भी वक्त आकर मिल सकते थे।
भाजपा नेताओं ने सात वर्ष पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को जब महाराज कहना शुरू किया, तो उन्होंने इसका खुलकर जवाब दिया था। सिंधिया का कहना था कि मैं 21वीं सदी के भारत का एक नौजवान हूं। कोई भी व्यक्ति अपने अतीत के आधार पर आगे नहीं बढ़ सकता। उसे काम तो करना ही होगा।
उन्होंने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा, इनका काम केवल आलोचना करना है। इसके बाद उन्होंने कहा, भाजपा वाले मेरे उस परिवार की आलोचना कर रहे हैं, जिसमें मेरी दादी विजयाराजे सिंधिया उनकी पार्टी के संस्थापकों में से एक थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा, मेरी बुआ वसुंधरा राजे भी तो राजस्थान की सीएम रही हैं।
बता दें कि संसद में राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य के साथ वाली सीट पर बैठते थे। जुलाई 2018 में संसद सत्र के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे थे, तो उस दौरान राहुल गांधी ने अपने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ देखकर आंख मारी थी। बाद में इस घटना को लेकर भाजपा ने उनकी जमकर आलोचना की थी।