{"_id":"68ccdc8a50024cf70f0ff33e","slug":"maharashtra-deputy-chief-minister-ekanth-shinde-says-rahul-gandhi-s-vote-theft-charges-baseless-2025-09-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"'चुनाव आयोग में शपथपत्र दाखिल करें...': राहुल के आरोपों पर शिंदे का पलटवार, कहा- सूची में गड़बड़ी का दावा गलत","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
'चुनाव आयोग में शपथपत्र दाखिल करें...': राहुल के आरोपों पर शिंदे का पलटवार, कहा- सूची में गड़बड़ी का दावा गलत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: राहुल कुमार
Updated Fri, 19 Sep 2025 10:01 AM IST
विज्ञापन

एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम, महाराष्
- फोटो : ANI
विज्ञापन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मतदाता सूची में गड़बड़ी संबंधी नए आरोपों को "पूरी तरह निराधार" बताया है। शिंदे हुए उन्हें चुनौती दी कि वे चुनाव आयोग (ईसी) के समक्ष शपथपत्र दाखिल करें।
राहुल गांधी ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर "लोकतंत्र को नष्ट करने वालों" की रक्षा करने का आरोप लगाया था और कर्नाटक की एक विधानसभा सीट का हवाला देकर दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित तरीके से हटाए जा रहे थे। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को "गलत और निराधार" बताया और कहा, किसी भी आम व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन वोट हटाना संभव नहीं है।
गुरुवार देर रात पत्रकारों से बातचीत में एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता के मतदाता हेरफेर संबंधी आरोप निराधार हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक की अलंद सीट पर उसी चुनाव प्रणाली के तहत जीत दर्ज की, जिस पर गांधी अब सवाल उठा रहे हैं। शिंदे ने पूछा, "किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में वोट चोरी का आरोप कैसे लगाया जा सकता है, जहां कांग्रेस पार्टी खुद विजयी रही?
उन्होंने कहा, अगर राहुल गांधी को चुनाव प्रक्रिया पर शक है तो उन्हें चुनाव आयोग में शपथपत्र दाखिल करना चाहिए और उचित कानूनी प्रक्रिया अपनानी चाहिए। केवल तभी उन्हें ऐसे गंभीर आरोप लगाने चाहिए। शिंदे ने कहा, मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया सख्त है और इसे न जल्दबाजी में किया जा सकता है, न मनमाने ढंग से। उन्होंने आगे दावा किया कि कांग्रेस सांसद की आलोचनाएं एक पैटर्न का हिस्सा हैं। जब भी राहुल गांधी चुनाव हारते हैं, वे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं। कभी ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता, कभी मतदाता सूची और कभी चुनाव आयोग की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही सबसे पहले चुनाव कराने के लिए ईवीएम का इस्तेमाल शुरू किया गया था। तो अब केवल इसलिए यह दावा करना कि प्रणाली त्रुटिपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस हार गई है, अनुचित है।
शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा, एनसीपी और शिवसेना के महायुति गठबंधन को अभूतपूर्व समर्थन दिया है और पिछले तीन वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों और लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं को पहचाना है। उन्होंने कहा, जनता के इस जनादेश को कमजोर करना और बिना सबूत आरोप लगाना जनता की पसंद का अनादर करने का प्रयास है।
बता दें कि राहुल गांधी ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक की अलंद सीट में 6,018 वोट हटाने की कथित कोशिशों का हवाला दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र की राजौरा सीट का भी उदाहरण दिया। जहां कथित तौर पर 6,850 वोट "धोखाधड़ी" से सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके जोड़े गए।

राहुल गांधी ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर "लोकतंत्र को नष्ट करने वालों" की रक्षा करने का आरोप लगाया था और कर्नाटक की एक विधानसभा सीट का हवाला देकर दावा किया कि चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित तरीके से हटाए जा रहे थे। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को "गलत और निराधार" बताया और कहा, किसी भी आम व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन वोट हटाना संभव नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन
गुरुवार देर रात पत्रकारों से बातचीत में एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता के मतदाता हेरफेर संबंधी आरोप निराधार हैं, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक की अलंद सीट पर उसी चुनाव प्रणाली के तहत जीत दर्ज की, जिस पर गांधी अब सवाल उठा रहे हैं। शिंदे ने पूछा, "किसी ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में वोट चोरी का आरोप कैसे लगाया जा सकता है, जहां कांग्रेस पार्टी खुद विजयी रही?
उन्होंने कहा, अगर राहुल गांधी को चुनाव प्रक्रिया पर शक है तो उन्हें चुनाव आयोग में शपथपत्र दाखिल करना चाहिए और उचित कानूनी प्रक्रिया अपनानी चाहिए। केवल तभी उन्हें ऐसे गंभीर आरोप लगाने चाहिए। शिंदे ने कहा, मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया सख्त है और इसे न जल्दबाजी में किया जा सकता है, न मनमाने ढंग से। उन्होंने आगे दावा किया कि कांग्रेस सांसद की आलोचनाएं एक पैटर्न का हिस्सा हैं। जब भी राहुल गांधी चुनाव हारते हैं, वे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं। कभी ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता, कभी मतदाता सूची और कभी चुनाव आयोग की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही सबसे पहले चुनाव कराने के लिए ईवीएम का इस्तेमाल शुरू किया गया था। तो अब केवल इसलिए यह दावा करना कि प्रणाली त्रुटिपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस हार गई है, अनुचित है।
शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा, एनसीपी और शिवसेना के महायुति गठबंधन को अभूतपूर्व समर्थन दिया है और पिछले तीन वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों और लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं को पहचाना है। उन्होंने कहा, जनता के इस जनादेश को कमजोर करना और बिना सबूत आरोप लगाना जनता की पसंद का अनादर करने का प्रयास है।
बता दें कि राहुल गांधी ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक की अलंद सीट में 6,018 वोट हटाने की कथित कोशिशों का हवाला दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र की राजौरा सीट का भी उदाहरण दिया। जहां कथित तौर पर 6,850 वोट "धोखाधड़ी" से सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके जोड़े गए।