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Aadhar Card: सिर्फ आधार कार्ड से बने जन्म प्रमाण होंगे रद्द, महाराष्ट्र-यूपी सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 28 Nov 2025 09:44 AM IST
सार
राजस्व मंत्री बावनकुले ने ये भी कहा कि आवेदक की जानकारी और आधार कार्ड की तारीख में कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति असल दस्तावेज पेश नहीं कर पाता है तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राज्य में देरी से बनने वाले जन्म प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड को दस्तावेज नहीं माना जाएगा। साथ ही सरकार ने अगस्त 2023 के बाद से सिर्फ आधार कार्ड के जरिए बने सभी जन्म प्रमाण पत्र को भी रद्द करने का निर्देश दिया है। दरअसल सरकार ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनने से रोकने के लिए यह आदेश जारी किया है। सरकार का कहना है कि अवैध कामों में इन फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल हो रहा है।
संदिग्धों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होगा
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सभी संदिग्ध दस्तावेजों को भी रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज जारी किए। राजस्व विभाग ने राज्य के सभी तहसीलदार, एसडीओ और जिला आयुक्तों और मंडल आयुक्तों को भी 16 बिंदुओं में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के लिए सबूत नहीं माना जा सकता। राजस्व मंत्री बावनकुले ने ये भी कहा कि आवेदक की जानकारी और आधार कार्ड की तारीख में कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति असल दस्तावेज पेश नहीं कर पाता है तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।
बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए गए
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार का यह आदेश ऐसे समय आया है, जब राज्य सरकार ने बीते दिनों 42 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए हैं, जो कथित तौर पर भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों ने बनवा लिए थे। एक विशेष अभियान चलाकर महाराष्ट्र सरकार अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर रही है। ऐसे में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र आगे न बन पाएं, यही वजह है कि सरकार इसके नियम और प्रक्रिया को सख्त करने जा रही है।
ये भी पढ़ें- BJP Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने के लिए भाजपा ने कसी कमर, कई शीर्ष नेताओं को दी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जारी किया आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भी निर्देश जारी किया गया है कि आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र या जन्म की तारीख के सबूत के तौर पर दस्तावेज नहीं माना जाएगा। उत्तर प्रदेश के योजना विभाग द्वारा अन्य सभी विभागों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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संदिग्धों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होगा
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सभी संदिग्ध दस्तावेजों को भी रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज जारी किए। राजस्व विभाग ने राज्य के सभी तहसीलदार, एसडीओ और जिला आयुक्तों और मंडल आयुक्तों को भी 16 बिंदुओं में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के लिए सबूत नहीं माना जा सकता। राजस्व मंत्री बावनकुले ने ये भी कहा कि आवेदक की जानकारी और आधार कार्ड की तारीख में कोई भी गड़बड़ी पाई गई तो पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति असल दस्तावेज पेश नहीं कर पाता है तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए गए
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार का यह आदेश ऐसे समय आया है, जब राज्य सरकार ने बीते दिनों 42 हजार से ज्यादा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए हैं, जो कथित तौर पर भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों ने बनवा लिए थे। एक विशेष अभियान चलाकर महाराष्ट्र सरकार अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर रही है। ऐसे में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र आगे न बन पाएं, यही वजह है कि सरकार इसके नियम और प्रक्रिया को सख्त करने जा रही है।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जारी किया आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भी निर्देश जारी किया गया है कि आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र या जन्म की तारीख के सबूत के तौर पर दस्तावेज नहीं माना जाएगा। उत्तर प्रदेश के योजना विभाग द्वारा अन्य सभी विभागों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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