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Treatment: अब नई दवा, मशीन और इलाज की तकनीक की होगी बारीकी से परख, देश में बनेंगे रिसोर्स सेंटर
परीक्षित निर्भय, अमर उजाला
Published by: लव गौर
Updated Fri, 28 Nov 2025 06:20 AM IST
सार
अब नई दवा, मशीन और इलाज की तकनीक की बारीकी से परख होगी। इसके लिए देश में रिसोर्स सेंटर बनेंगे। जिससे अस्पतालों, राज्यों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जरिए विशेषज्ञ सलाह और सहयोग मिल सकेगा।
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देश में बनेंगे रिसोर्स सेंटर
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
देश में इस्तेमाल होने वाली हर नई दवा, मशीन, जांच या फिर इलाज की तकनीक वैज्ञानिक रूप से परखी जाए। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे देश में हेल्थ टेक्नोलॉजी असेसमेंट (एचटीए) के नए रिसोर्स सेंटर खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए आधिकारिक रूप से आवेदन आमंत्रित किए है।
सरकार का मानना है कि आज स्वास्थ्य क्षेत्र में दवाओं, जांच तकनीकी, मशीनों और नए इलाज के तरीके तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इन नई तकनीकों का सही तरीके से मूल्यांकन किया जाए। सरकार ने एक मसौदा भी जारी किया है, जिसके मुताबिक वर्ष 2025–26 में देश के अलग-अलग हिस्सों में ये सेंटर स्थापित किए जाएंगे जो नई स्वास्थ्य तकनीकों, उपचारों और कार्यक्रमों का विश्लेषण कर सरकार को वैज्ञानिक आधार पर निर्णय लेने में मदद करेंगे।
दिया जाएगा प्रशिक्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक केंद्र नई दवाओं, इलाज के तरीकों और तकनीकों का वैज्ञानिक आकलन करेगा। प्रशिक्षण, कार्यशाला और ऑनलाइन कोर्स के जरिये क्षमता विकास करने के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों को एचटीए के बारे में जागरूक करेगा ताकि वे बेहतर स्वास्थ्य नीतियां बना सकें।
ये भी पढ़ें: चिंताजनक: चूहों-चमगादड़ों के बीच बढ़ता संघर्ष इन्सानों के लिए खतरनाक, वायरस का जोखिम बढ़ा
स्वास्थ्य नीतियां मजबूत होंगी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नई तकनीक और दवाएं बाजार में आते समय कई बार महंगी या अनदेखी होती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या यह तकनीक सच में उपयोगी है? क्या इसका खर्च वाजिब है? क्या इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए? एचटीए सेंटर सरकार को इन्हीं सवालों के जवाब दे सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि ऐसे सेंटर बनने से देश में स्वास्थ्य नीतियां और मजबूत और वैज्ञानिक होंगी।
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सरकार का मानना है कि आज स्वास्थ्य क्षेत्र में दवाओं, जांच तकनीकी, मशीनों और नए इलाज के तरीके तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इन नई तकनीकों का सही तरीके से मूल्यांकन किया जाए। सरकार ने एक मसौदा भी जारी किया है, जिसके मुताबिक वर्ष 2025–26 में देश के अलग-अलग हिस्सों में ये सेंटर स्थापित किए जाएंगे जो नई स्वास्थ्य तकनीकों, उपचारों और कार्यक्रमों का विश्लेषण कर सरकार को वैज्ञानिक आधार पर निर्णय लेने में मदद करेंगे।
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दिया जाएगा प्रशिक्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक केंद्र नई दवाओं, इलाज के तरीकों और तकनीकों का वैज्ञानिक आकलन करेगा। प्रशिक्षण, कार्यशाला और ऑनलाइन कोर्स के जरिये क्षमता विकास करने के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों को एचटीए के बारे में जागरूक करेगा ताकि वे बेहतर स्वास्थ्य नीतियां बना सकें।
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स्वास्थ्य नीतियां मजबूत होंगी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नई तकनीक और दवाएं बाजार में आते समय कई बार महंगी या अनदेखी होती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या यह तकनीक सच में उपयोगी है? क्या इसका खर्च वाजिब है? क्या इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए? एचटीए सेंटर सरकार को इन्हीं सवालों के जवाब दे सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि ऐसे सेंटर बनने से देश में स्वास्थ्य नीतियां और मजबूत और वैज्ञानिक होंगी।