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Nupur Sharma Case: जजों की आलोचना पर नहीं चलेगा अवमानना केस, अटॉर्नी जनरल ने सहमति देने से किया इनकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Thu, 14 Jul 2022 12:40 PM IST
सार

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की याचिका पर बेहद तल्ख मौखिक टिप्पणियां की थी।

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Nupur Sharma Case: Will contempt case run on the criticism of the judges? Attorney General refused to give consent
supreme court slams nupur sharma case - फोटो : social media
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विस्तार
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निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना को लेकर पूर्व जज व वकीलों के खिलाफ अवमानना का मुकदमा नहीं चलेगा। अवमानना केस के लिए जब अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहमति मांगी गई तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया।

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बता दें, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की याचिका पर बेहद तल्ख मौखिक टिप्पणियां की थी। इन टिप्पणियों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज एसएन धींगरा, पूर्व अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अमन लेखी, वरिष्ठ वकील केआर कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी। वकील सीआर जया सुकिन ने अटॉर्नी जनरल को लिखे एक पत्र में इन तीनों के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना शुरू करने के लिए उनसे सहमति मांगी थी।
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अपने जवाबी पत्र में एजी केके वेणुगोपाल ने कहा कि उक्त लोगों द्वारा की गई आलोचना निष्पक्ष थीं। उनके बयान अपमानजनक नहीं थे और न ही ये न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप के इरादे से थे। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में माना है कि न्यायिक कार्यवाही की निष्पक्ष और उचित आलोचना अदालत की अवमानना नहीं मानी जाएगी। उक्त तीन व्यक्तियों द्वारा की गई आलोचना द्वेषपूर्ण है या ये जानबूझकर न्यायपालिका की छवि खराब करने का प्रयास है, इस बारे में वे संतुष्ट नहीं हैं। 
 
बता दें, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर नुपुर शर्मा के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज किए गए हैं। नुपुर ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि सारे मामले दिल्ली ट्रांसफर कर दिए जाएं क्योंकि उसकी जान का खतरा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए नुपुर के खिलाफ कठोर टिप्पणियां की थीं। शीर्ष कोर्ट ने नुपुर की याचिका खारिज करते हुए देशभर में मचे बवाल के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया था।

नुपुर के वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उनकी मुवक्किल की जान को खतरा है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उन्हें खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं? उन्होंने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेली जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर हो गई। उन्हें टीवी पर आकर देश से माफी मांगना चाहिए। नुपुर शर्मा ने पैगंबर के खिलाफ कथित टिप्पणी एक न्यूज चैनल की बहस के दौरान की थी। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। 

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