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Prophet Remarks Row: एफआईआर में कौन लोग हैं शामिल? विवादित टिप्पणियों के चलते जिन पर दर्ज हुआ केस

Amit Sharma Digital अमित शर्मा
Updated Thu, 09 Jun 2022 04:45 PM IST
सार

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने कहा है कि केंद्र सरकार को भी ध्यान देना चाहिए कि हिंदुओं का जनमानस लगातार तोड़ा जाता रहा है। यदि कोई व्यक्ति तथ्यात्मक आधार पर अपनी बात रख रहा है, तो उसे केवल इसलिए कटघरे में खड़ा नहीं किया जाना चाहिए कि वह किसी धर्म के विरुद्ध है...

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Prophet Remarks Row: Delhi Police registered an FIR against ten people on June 9 for inciting religious sentiments of the people
नुपुर शर्मा और अन्य लोगों पर एफआईआर - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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दिल्ली पुलिस ने लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काकर समाज में अलगाववाद बढ़ाने के आरोप में नौ जून को दस लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें भाजपा की प्रवक्ता नुपुर शर्मा, भाजपा से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और प्रमुख हिंदूवादी नेता बनकर उभरे स्वामी यति नरसिंहानंद भी शामिल हैं। इनके अलावा एफआईआर में कुछ अन्य लोगों के नाम भी दर्ज हैं। आइए आपको बताते हैं कि जिन पर केस दर्ज किया गया है, वे लोग कौन हैं और क्या करते हैं...

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सबा नकवी

जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें सबसे विवादित नाम सबा नकवी का है। सबा नकवी पेशे से पत्रकार हैं और भाजपा सहित कई महत्त्वपूर्ण बीट पर काम कर चुकी हैं। वे लगातार राजनीति, चुनावी विश्लेषण और अन्य सामयिक विषयों पर लिखती रहती हैं। आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल सहित अनेक मुद्दों पर किताब लिख चुकी हैं। अपने लेखों में वर्तमान सरकार को समय-समय पर घेरती रही हैं। ट्वीट के माध्यम से भी वे सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करती रही हैं। उनके ट्वीट संवैधानिक मर्यादाओं के साथ होते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें आरोपियों की लिस्ट में शामिल किया है।

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नुपुर शर्मा

नुपुर शर्मा भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता (इस समय निलंबित) हैं। वे पेशे से वकील हैं और विदेश से अर्थव्यवस्था और कानून की पढ़ाई कर चुकी हैं। बेहद तीखे बोलों के कारण अक्सर वे चर्चा में रहती हैं। तेज भाषण शैली, हिंदी-अंग्रेजी में बेहद प्रभावशाली बोलने के कारण पार्टी का पक्ष मजबूती के साथ रखती रही हैं। भाजपा के नेता स्वर्गीय अरूण जेटली से परिवार का करीबी संबंध रहा है।  

नवीन कुमार जिंदल

नवीन कुमार जिंदल दिल्ली भाजपा के मीडिया इंचार्ज थे। इस समय वे अपना व्यवसाय करते हैं, लेकिन पूर्व में पत्रकार रहे हैं और कई शीर्ष मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। कई संगीन मामलों को खोलने के कारण वे पूर्व में बहुत चर्चित रहे हैं। मुसलमानों के विषय पर किताब लिखकर संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से उसका विमोचन करवाकर उन्होंने राजनीति की सीढ़ियां चढ़ी हैं। अरविंद केजरीवाल को विभिन्न मुद्दों पर लगातार घेरते रहे हैं।  

शादाब चौहान

शादाब चौहान पीस पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वे पेशे से वकील हैं। केस दर्ज होने के बाद उन्होंने कहा है कि वे कानूनी तरीके से पुलिस-अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे। ज्ञानवापी मामले में उन्होंने शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसकी खूब आलोचना हुई थी। अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर उन्होंने स्वयं को ‘मुहम्मदवादी’ बताया है। वे समय-समय पर अपनी पार्टी का पक्ष विभिन्न चैनलों पर रखते रहे हैं। ट्वीट के माध्यम से लगातार मुसलमानों की आवाज उठाते रहे हैं। केंद्र सरकार और भाजपा की कठोर आलोचना करने के कारण लोकप्रिय हैं।

मौलाना मुफ्ती नदीम

मौलाना मुफ्ती नदीम राजस्थान में बूंदी जिले के एक मुफ्ती हैं। नुपुर शर्मा प्रकरण के बाद मौलाना मुफ्ती नदीम का एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था। इस वीडियो में वे राजस्थान की पुलिस के अधिकारियों के सामने बहुत विवादित बयानबाजी करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। इस वीडियो में उन्होंने इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों के ‘आंख फोड़ने’ और ‘हाथ काट लेने’ की बात कह रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थान सरकार और पुलिस की खूब आलोचना हुई। हिंदुत्ववादियों ने उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था। आज दिल्ली पुलिस ने उन पर केस दर्ज कर लिया है।

अब्दुल रहमान

यूपी के आजमगढ़ जिले के शिबली कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष अब्दुल रहमान अपने विवादित भाषणों के कारण चर्चा में रहे हैं। आरोप है कि वे धर्म विरोधी और भड़काऊ भाषणबाजी करते रहते हैं, जिससे वे सोशल मीडिया में चर्चा में बने रहते हैं। इसी तरह का एक वीडियो वायरल होने के बाद उन पर केस भी दर्ज कर लिया गया था।

अनिल कुमार मीणा

राजस्थान के अनिल कुमार मीणा अपनी हिंदू विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर लगातार हिंदुत्व विरोधी बातें करते रहते हैं। इन पोस्ट को उकसाऊ और भड़काऊ माना जाता है। उनके पोस्ट लगातार आलोचना के घेरे में रही हैं। पूर्व में, उनकी इन्हीं हरकतों के कारण उन पर केस दर्ज कर गिरफ्तार भी किया जा चुका है। वे कई बार सीधे कानून को हाथ में लेने को सही ठहराते रहे हैं।

असदुद्दीन ओवैसी

एआईएमआईएम पार्टी के नेता असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के निवासी हैं। पेशे से वे एक वकील और राजनेता हैं। वे वर्तमान में सांसद भी हैं। वकील होने के कारण वे बेहद तार्किक तरीके से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन कई बार उनकी टिप्पणियां मुस्लिम समुदाय की धार्मिक कट्टरता बढ़ाने वाली और हिंदुओं के विरोध में देखी जाती रही हैं। इसी कारण उन पर भी केस दर्ज किया गया है।  

स्वामी यति नरसिंहानंद

डासना मंदिर के पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद कई बार विवादित बयान देकर घिर चुके हैं। हिंदू धर्म में वे महामंडलेश्वर का दर्जा भी रखते हैं। डासना मंदिर पर मुस्लिमों के द्वारा अभद्रता फैलाने का आरोप लगाकर वे सुर्खियों में आ चुके हैं। वसीम रिजवी (नया नाम जितेंद्र त्यागी) को धर्म परिवर्तन कर हिंदुओं में शामिल कराकर भी वे चर्चा में आ चुके हैं। हरिद्वार के धर्म संसद में एक वर्ग विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण उन्हें कई महीने तक जेल में भी रहना पड़ा। यह केस इस समय भी चल रहा है। उन्होंने घोषणा कर रखी है कि वे 17 जून को जामा मस्जिद पर जाकर लोगों से बातचीत करेंगे। इनके इस बयान के बाद एक बार फिर उन पर विवाद गहरा गया है।

पूजा शकुन पांडेय

पूजा शकुन पांडेय अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव हैं। उनका असली नाम अन्नपूर्णा भारती है। हिंदू धर्म में वे महामंडलेश्वर का दर्जा भी रखती हैं। अपने अल्पसंख्यक विरोधी बयानों के कारण वे अक्सर चर्चा में रहती हैं। कुछ ही दिनों पूर्व उन्होंने अलीगढ़ में जुमे की नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी और पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था। दिल्ली पुलिस ने भी आज उन पर एफआईआर दर्ज की है।   

सरकार समझे हिंदुओं के मन की बात

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी ने कहा है कि पूजा शकुन पांडेय से हिंदू महासभा का कोई संबंध नहीं रहा है। वे अपनी निजी हैसियत से कार्य करती रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है जिससे देश-समाज में अलगाव पैदा होता है और आपसी कटुता बढ़ती है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ केंद्र सरकार को भी ध्यान देना चाहिए कि हिंदुओं का जनमानस लगातार तोड़ा जाता रहा है। यदि कोई व्यक्ति तथ्यात्मक आधार पर अपनी बात रख रहा है, तो उसे केवल इसलिए कटघरे में खड़ा नहीं किया जाना चाहिए कि वह किसी धर्म के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों को अपनी अच्छाई-बुराई को स्वयं समझना और उसे दूर करना चाहिए। ऐसा न करने से दूसरे लोगों को उनका उपहास उड़ाने का अवसर प्राप्त होता है।

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