{"_id":"62f390219697ff5a2128a49e","slug":"prophet-remarks-row-supreme-court-clubs-and-transfers-all-firs-against-nupur-sharma-to-delhi","type":"story","status":"publish","title_hn":"SC: नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, देश भर में दर्ज सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर करने के दिए आदेश","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
SC: नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, देश भर में दर्ज सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर करने के दिए आदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Wed, 10 Aug 2022 06:02 PM IST
सार
नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत नें पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित टिप्पणी मामले में जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। साथ ही सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है।
विज्ञापन
नुपुर शर्मा
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने नुपुर शर्मा के खिलाफ देशभर में दर्ज एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। अब इन सब एफआईआर पर एक साथ सुनवाई होगी। इसके अलावा, नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी क्लब की गई एफआईआर को जांच के लिए दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है।
Trending Videos
गौरतलब है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सबसे पहले महाराष्ट्र में मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद पश्चिम बंगाल, राजस्थान में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने उन्हें यह राहत दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) द्वारा जांच पूरी होने तक नुपुर शर्मा को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा भी बढ़ा दी है। पीठ ने कहा कि आईएफएसओ मामले को तार्किक अंत तक ले जाने के लिए अन्य पुलिस बलों से सहायता लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
पीठ ने कहा कि चूंकि यह अदालत पहले ही याचिकाकर्ता के जीवन और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संज्ञान ले चुकी है, इसलिए हम निर्देश देते हैं कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी प्राथमिकी को स्थानांतरित किया जाए और दिल्ली पुलिस से जांच के लिए जोड़ा जाए। विशेष तथ्यों और परिस्थितियों में, याचिकाकर्ता वर्तमान और भविष्य की प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर अपने अधिकारों और उपचारों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होगी।
शीर्ष अदालत ने नुपुर शर्मा को उनके बयान पर दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की अनुमति दी और कहा कि भविष्य की सभी प्राथमिकी भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस को हस्तांतरित की जाएंगी।
सुनवाई के दौरान नुपुर शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार से सम्मन मिल रहा है। इस पर शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी की उस प्रार्थना को भी खारिज कर दिया, जिसमें अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी।
पत्रकार नाविका को पहले ही दी जा चुकी है 'सुप्रीम' राहत
पैगंबर विवाद से जुड़े नुपुर शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते आठ अगस्त को पत्रकार नाविका कुमार को राहत दी थी। अदालत ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को लेकर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।
यह मामला एक न्यूज चैनल के शो के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातों के प्रसारण से संबंधित है। इस केस में नुपुर के अलावा पत्रकार नाविका कुमार के खिलाफ भी अलग-अलग राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस शो को लेकर भविष्य में दर्ज होने वाली FIR पर भी यह छूट कायम रहेगी और नाविका कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी। जिन राज्यों में FIR दर्ज हुई है, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
अदालत ने नुपुर को लगाई थी फटकार
गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक याचिका दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो। नुपुर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था। हालांकि, तब कोर्ट ने नुपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं अदालत ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि उन्हें खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं? उन्होंने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट की फटकार के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।