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Prophet Row: सुप्रीम कोर्ट ने दी पत्रकार नविका कुमार को राहत, सभी एफआईआर दिल्ली पुलिस की ट्रांसफर की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 23 Sep 2022 09:03 PM IST
सार
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि नविका कुमार के खिलाफ आठ सप्ताह की अवधि के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : social media
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विस्तार
टीवी पत्रकार नविका कुमार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर न्यूज एंकर के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को दिल्ली पुलिस के पास स्थानांतरित कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि नुपुर शर्मा के मामले में प्राथमिकी भी जांच के लिए दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई को स्थानांतरित कर दी गई है और एक ही घटना की समान शिकायतों के लिए दो जांच एजेंसियां नहीं हो सकती हैं।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि नविका कुमार के खिलाफ आठ सप्ताह की अवधि के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी ताकि वह अंतरिम अवधि में राहत का लाभ उठा सकें। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई पूरी तरह से जांच करने और इसे अपने तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने के उद्देश्य से संबंधित राज्य एजेंसियों से कोई भी जानकारी एकत्र करने के लिए स्वतंत्र होगी।
शीर्ष अदालत ने उन्हें प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी और कहा कि जब भी नविका कुमार द्वारा इस तरह की कार्यवाही शुरू की जाएगी, उस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा। पीठ ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि हमने विभिन्न प्राथमिकी/शिकायतों में निहित आरोपों के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट मामले की जांच करेगी। शीर्ष अदालत ने आठ अगस्त को कुमार को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था और केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।
एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर पर नुपुर शर्मा की टिप्पणी का देश भर में विरोध शुरू हो गया था और कई खाड़ी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। बाद में भाजपा ने उन्हें निलंबित कर दिया। शीर्ष अदालत ने जुलाई में शर्मा को कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी/शिकायतों के संबंध में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।
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न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि नविका कुमार के खिलाफ आठ सप्ताह की अवधि के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी ताकि वह अंतरिम अवधि में राहत का लाभ उठा सकें। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई पूरी तरह से जांच करने और इसे अपने तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने के उद्देश्य से संबंधित राज्य एजेंसियों से कोई भी जानकारी एकत्र करने के लिए स्वतंत्र होगी।
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शीर्ष अदालत ने उन्हें प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी और कहा कि जब भी नविका कुमार द्वारा इस तरह की कार्यवाही शुरू की जाएगी, उस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा। पीठ ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि हमने विभिन्न प्राथमिकी/शिकायतों में निहित आरोपों के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट मामले की जांच करेगी। शीर्ष अदालत ने आठ अगस्त को कुमार को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था और केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।
एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर पर नुपुर शर्मा की टिप्पणी का देश भर में विरोध शुरू हो गया था और कई खाड़ी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। बाद में भाजपा ने उन्हें निलंबित कर दिया। शीर्ष अदालत ने जुलाई में शर्मा को कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी/शिकायतों के संबंध में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।