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RBI: अगले माह रेपो दर में फिर हो सकती है 0.25% वृद्धि, मार्च तिमाही में मकानों की बिक्री एक दशक के शीर्ष पर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Mon, 27 Mar 2023 06:11 AM IST
सार
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पिछले दो महीनों से खुदरा महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और तरलता के भी तटस्थ हो जाने के बाद अनुमान है कि आरबीआई रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है।
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Why RBI Hike Repo Rate During High Infaltion
- फोटो : Istock
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विस्तार
अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख अपनाने के बीच आरबीआई भी अगले महीने होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में फिर 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 3 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पिछले दो महीनों से खुदरा महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और तरलता के भी तटस्थ हो जाने के बाद अनुमान है कि आरबीआई रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। साथ ही, वह संकेत दे सकता है कि दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो चुका है। मई, 2022 से अब तक रेपो दर 2.50% बढ़ चुकी है।
थम सकता है सख्ती का दौर
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत ने कहा, रेपो दर में होने वाली यह इस साल की अंतिम वृद्धि हो सकती है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के रानेन बनर्जी ने कहा, महंगाई के पीछे आपूर्ति कारकों के बड़ी वजह होने से एमपीसी इस बार दरों में वृद्धि का सिलसिला रोक सकती है।
मार्च तिमाही में मकानों की बिक्री एक दशक के शीर्ष पर
दाम बढ़ने के बावजूद देश के शीर्ष-7 शहरों में मकानों की बिक्री 2023 की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़कर 1,13,780 इकाई पहुंच सकती है। यह पिछले एक दशक में जनवरी-मार्च में सर्वाधिक तिमाही बिक्री है। जनवरी-मार्च, 2022 में 99,550 मकान बिके थे। संपत्ति सलाहकार एनारॉक के मुताबिक, मार्च तिमाही में मकानों की कीमतें 6-9 फीसदी बढ़ी हैं। होम लोन पर ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद रिहायशी मकानों (1.5 करोड़ से ज्यादा) की बिक्री में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली है। एनारॉक चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, आरबीआई निकट भविष्य में नीतिगत दर में एक और वृद्धि कर सकता है। साथ ही, लगातार महंगाई की चिंता भी आगामी दो तिमाहियों में आवास बाजार की वृद्धि की गति को प्रभावित कर सकती हैं।
सिर्फ एनसीआर में गिरावट
बिक्री में मुंबई महानगर क्षेत्र व पुणे की हिस्सेदारी 48 फीसदी है। सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में बिक्री 9 फीसदी घटकर 17,160 इकाई रह सकती है।
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बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पिछले दो महीनों से खुदरा महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और तरलता के भी तटस्थ हो जाने के बाद अनुमान है कि आरबीआई रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। साथ ही, वह संकेत दे सकता है कि दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो चुका है। मई, 2022 से अब तक रेपो दर 2.50% बढ़ चुकी है।
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थम सकता है सख्ती का दौर
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत ने कहा, रेपो दर में होने वाली यह इस साल की अंतिम वृद्धि हो सकती है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के रानेन बनर्जी ने कहा, महंगाई के पीछे आपूर्ति कारकों के बड़ी वजह होने से एमपीसी इस बार दरों में वृद्धि का सिलसिला रोक सकती है।
मार्च तिमाही में मकानों की बिक्री एक दशक के शीर्ष पर
दाम बढ़ने के बावजूद देश के शीर्ष-7 शहरों में मकानों की बिक्री 2023 की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़कर 1,13,780 इकाई पहुंच सकती है। यह पिछले एक दशक में जनवरी-मार्च में सर्वाधिक तिमाही बिक्री है। जनवरी-मार्च, 2022 में 99,550 मकान बिके थे। संपत्ति सलाहकार एनारॉक के मुताबिक, मार्च तिमाही में मकानों की कीमतें 6-9 फीसदी बढ़ी हैं। होम लोन पर ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद रिहायशी मकानों (1.5 करोड़ से ज्यादा) की बिक्री में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली है। एनारॉक चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, आरबीआई निकट भविष्य में नीतिगत दर में एक और वृद्धि कर सकता है। साथ ही, लगातार महंगाई की चिंता भी आगामी दो तिमाहियों में आवास बाजार की वृद्धि की गति को प्रभावित कर सकती हैं।
सिर्फ एनसीआर में गिरावट
बिक्री में मुंबई महानगर क्षेत्र व पुणे की हिस्सेदारी 48 फीसदी है। सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में बिक्री 9 फीसदी घटकर 17,160 इकाई रह सकती है।