Jaishankar: चीन-पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद जयशंकर ने बताई योजना
विदेश मंत्री ने कहा 'मेरे लिए यह बेहद सम्मान की बात है कि मुझे एक बार फिर से विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने का मौका दिया गया है। पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने जी20 की सफल अध्यक्षता की। कोरोना की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया।'
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चीन-पाकिस्तान को लेकर बोले विदेश मंत्री
अगले पांच साल चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा कि 'कोई भी देश, खासकर एक लोकतंत्र में किसी भी सरकार का लगातार तीसरी बार चुना जाना एक बड़ी बात है। दुनिया को इससे पता चलेगा कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है... जहां तक पाकिस्तान और चीन की बात है तो दोनों देशों के साथ रिश्तें अलग-अलग हैं तो समस्याएं भी अलग होंगी। हमारी कोशिश है कि चीन के साथ सीमा विवाद का हल खोजा जाए और पाकिस्तान के साथ हम चाहते हैं कि सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर कोई हल निकाला जाए।'
एक पत्रकार ने विदेश मंत्री से सवाल किया कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी को जीत की बधाई दी है और आपने पीओके लेने की बात कही थी तो क्या इस कार्यकाल में कुछ होने की उम्मीद है? इसका विदेश मंत्री ने तीखा जवाब दिया और कहा कि 'मैंने जो कहा था वो आप भी जानते हैं और मैं भी जानता हूं, इसलिए आप मेरे मुंह में शब्द न डालें। नवाज शरीफ ने जो संदेश भेजा था, उसका प्रधानमंत्री ने स्वागत किया और अपनी भावनाओं को प्रकट किया।'
#WATCH | Delhi: On India's relationship with Pakistan and China for the next 5 years, EAM Dr S Jaishankar says "In any country and especially in a democracy, it is a very big deal for a government to get elected three times in a row. So the world will definitely feel that today… pic.twitter.com/Df0omUhfEQ
— ANI (@ANI) June 11, 2024
पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों का किया जिक्र
विदेश मंत्री ने कहा 'मेरे लिए यह बेहद सम्मान की बात है कि मुझे एक बार फिर से विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने का मौका दिया गया है। पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने जी20 की सफल अध्यक्षता की। कोरोना की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया। वैक्सीन मैत्री के तहत वैक्सीन की सप्लाई भी की गई। साथ ही कई अहम ऑपरेशन जैसे ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी चलाए गए। बीते दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय जन-आधारित हो गया है। आप देख सकते हैं कि हमारी पासपोर्ट सेवाएं बेहतर हुई हैं। साथ ही हमने समुदाय के कल्याण और विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए काम किया है।'
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है। जब इसे लेकर विदेश मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेश नीति काफी सफल रहेगी। हमारे लिए, भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। दुनिया के देशों को लगता है कि भारत उनका दोस्त है और मुश्किल के समय में वे हमारी तरफ देखते हैं। वैश्विक दक्षिण में अगर कोई देश उनके लिए खड़ा होता है तो वो भारत ही है। जी20 की अध्यक्षता के दौरान हमने अफ्रीकन यूनियन को जी20 की सदस्यता दिलाई। जैसे-जैसे दुनिया का हम पर विश्वास बढ़ रहा है, वैसे ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है। हमें लगता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की पहचान निश्चित तौर पर बढ़ेगी।'