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Supreme Court: उमर खालिद की याचिका पर अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 19 Sep 2025 11:13 AM IST
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सार

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद और अन्य की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी है। इन पर 2020 दिल्ली दंगों की साजिश रचने का आरोप है और उन पर यूएपीए व आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं। 

SC adjourns bail pleas of Sharjeel Imam, Umar Khalid & others in 2020 Delhi riots UAPA case to Sept 22
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और शिफा उर रहमान की याचिकाओं पर सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी। इन याचिकाओं में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने उन्हें 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े कथित साजिश के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। इन सभी के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। 
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दिल्ली हाईकोर्ट ने दो सितंबर को उमर खालिद और शरजील इमाम सहित नौ लोगों को जमानत देने से इनकार किया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रदर्शन या विरोध के नाम पर हिंसा के लिए साजिश रचने की अनुमति नहीं दी जा सकती। खालिद और इमाम के अलावा जिन लोगों की जमानत याचिकाएं खारिज हुईं, उनमें मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतहर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद शामिल हैं। एक और आरोपी तस्लीम अहमद की जमानत याचिका भी दो सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की दूसरी बेंच ने खारिज कर दी थी। 
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा था?
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संविधान नागरिकों को प्रदर्शन और आंदोलन करने का अधिकार देता है, लेकिन यह तभी तक मान्य है, जब तक वह शांतिपूर्ण, संयमित और बिना हथियारों के हो। ऐसा कोई भी प्रदर्शन कानून के दायरे में होना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक बैठकों में भाषण देना और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत एक मौलिक अधिकार है और इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है। लेकिन यह अधिकार पूरी तरह से मुक्त नहीं है और इस पर उचित सीमाएं लगाई जा सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर लोगों को बिना किसी सीमा के प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार दे दिया जाए, तो इससे सांविधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा और देश की कानून-व्यवस्था पर असर पड़ेगा। 

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सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़के थे दंगे
उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य सभी आरोपियों पर यूएपीए और भारतीय दंज संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज है। इन पर आरोप है कि इन्होंने फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रची थी। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये दंगे सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे। इन सभी आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। वे साल 2020 से जेल में हैं और निचली कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत की मांग की थी।

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