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Nupur Sharma Case: सुप्रीम कोर्ट में नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका दाखिल, अदालत का तुरंत सूचीबद्द करने से इनकार 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Amit Mandal Updated Wed, 06 Jul 2022 03:49 PM IST
सार

याचिका में नुपुर शर्मा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया कि उनके बयान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 26 और 29 और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं।

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SC declines urgent listing of plea seeking Nupur Sharma's arrest
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, जिसमें अधिकारियों को पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा को पैगंबर पर कथित टिप्पणी और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाश पीठ ने मामले का उल्लेख करने वाले अधिवक्ता अबू सोहेल को रजिस्ट्रार के समक्ष इसका उल्लेख करने को कहा। वकील ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा नुपुर शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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अदालत ने पूछा- अवकाश पीठ के समक्ष उल्लेख क्यों?
पीठ ने अधिवक्ता से कहा, अवकाश पीठ के समक्ष उल्लेख क्यों? रजिस्ट्रार के सामने पहले उल्लेख करें। वकील ने बाद में कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रार के समक्ष मामले का उल्लेख किया है और 11 जुलाई को सुनवाई के लिए आने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि नुपुर शर्मा ने पैगंबर और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी और इसलिए हमने स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच का निर्देश देने की मांग की जो उनकी तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित कर सकती है।
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याचिका में नुपुर शर्मा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया कि उनके बयान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 26 और 29 और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं। वकील ने कहा कि नुपुर शर्मा के अवांछनीय शब्दों ने देश और दुनिया भर में भारी अशांति और हंगामा खड़ा कर दिया है और हमारे महान राष्ट्र की छवि खराब कर दी है। नुपुर शर्मा की टिप्पणी हमारे संवैधानिक निर्माताओं के धर्मों के बीच सद्भाव पैदा करने के इरादे पर अनुचित और अवैध विचलन पैदा करती है। यह सीधे हमारे राष्ट्र के मूल भावना को प्रभावित करती है जो धर्मनिरपेक्ष विचारों के आधार पर स्थापित की गई है।  

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