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Maharashtra: उदयपुर हत्याकांड से एक हफ्ते पहले महाराष्ट्र में भी हुई थी नुपुर शर्मा के समर्थक की हत्या, पुलिस जांच में जताया गया शक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sat, 02 Jul 2022 10:00 PM IST
सार
जांचकर्ताओं का मानना है कि अमरावती जिले में 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की साजिश के तहत जो हत्या हुई, वह पैगंबर पर नुपुर शर्मा के विवादित बयानों के समर्थन की वजह से हुई।
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नुपुर शर्मा
- फोटो : Social media
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विस्तार
राजस्थान के उदयपुर में एक नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले एक टेलर की दिनदहाड़े हुई हत्या की घटना ने पूरे देश को चौंका दिया है। हालांकि, नुपुर शर्मा के किसी समर्थक की हत्या का यह पहला मामला नहीं है। कम से कम महाराष्ट्र की अमरावती पुलिस की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक 21 जून को एक दवा विक्रेता की भी इसी तरह गला काटकर हत्या कर दी गई थी। वजह थी- नुपुर शर्मा के समर्थन में उसकी तरफ से किया गया पोस्ट।
जांचकर्ताओं का मानना है कि अमरावती जिले में 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की साजिश के तहत जो हत्या हुई, वह पैगंबर पर नुपुर शर्मा के विवादित बयानों के समर्थन की वजह से हुई। उमेश के बेटे संकेत कोहले की तरफ से दर्ज शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच के आधार पर मामले में दो लोगों- मुदस्सिर अहमद (22) और शाहरुख पठान (25) को 23 जून को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ के बाद सामने आया कि उमेश की हत्या में चार और लोग शामिल थे। इनमें अब्दुल तौफिक (24), शोएब खान (22), आतिब रशीद (22) और शमीम फिरोज अहमद शामिल रहे। शमीम को छोड़कर बाकी सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले में पुलिस को जो शिकायत दी गई है, उसमें कहा गया है कि घटना 21 जून को रात 10 से 10.30 बजे के बीच हुई, जब उमेश कोल्हे अपना मेडिकल स्टोर बंद कर के जा रहे थे। बेटा संकेत दूसरे स्कूटर से उनके साथ ही था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, "जब हम प्रभात चौक की तरफ जा रहे थे, तब महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट के पास अचानक दो मोटरसाइकिल सवारों ने उमेश को रोक दिया। इसके बाद एक हमलावर ने उनके गले के बाईं तरफ चाकू से वार कर दिया। इससे उमेश खून से लथपथ होकर सड़क पर ही गिर गए।" बेटे संकेत का कहना है कि इस घटना के बाद उसने मदद की आवाज लगाई और लेकिन हमलावर फरार हो चुके थे। आसपास के कुछ लोगों की मदद से उमेश को पास के ही एक्सॉन अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।
अमरावती पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जिन पांच आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने बताया कि एक और आरोपी ने उन्हें कार और दस हजार रुपये की मदद मुहैया कराई थी और फिर फरार हो गया।" अधिकारी ने बताया कि फरार आरोपी ही इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड लगता है, क्योंकि उसने बाकी पांचों आरोपियों को हत्या के लिए अलग-अलग काम दिए थे। उसने दो लोगों से कोल्हे पर नजर रखने के लिए कहा था, ताकि वे सही मौका पाते ही उनकी हत्या कर सकते। मामले में कोल्हे के बेटे की शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि कोल्हे ने कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप से नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट वायरल कर दिया था। गलती से उसका ये मैसेज उस ग्रुप में भी चला गया, जिसमें उसके कई मुस्लिम कस्टमर्स भी जुड़े थे। हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी ने कहा कि कोल्हे ने पैगंबर के प्रति असम्मान दिखाने वाले का समर्थन किया, इसलिए उसे मरना था।
अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज की दो तस्वीरें सामने आई है। ये तस्वीरें 21 जून की रात की हैं। पुलिस द्वारा सत्यापित इस फुटेज में मृतक उमेश और उनके बेटा स्कूटर से गुजरता नजर आ रहा है। जबकि दूसरे फुटेज में आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद भागते नजर आ रहे हैं।
उमेश कोल्हे हत्याकांड को लेकर सिटी कोतवाली थाना, अमरावती की पुलिस निरीक्षक नीलिमा अराज ने अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि हत्या की घटना से जुड़े सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे पुलिस ने नागपुर से गिरफ्तार किया है।
कोल्हे की हत्या उदयपुर की घटना से प्रेरित: रवि राणा
अमरावती की सांसद नवनीत राणा के पति विधायक रवि राणा ने उमेश कोल्हे की हत्या को उदयपुर का टेलर बताते हुए पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। रवि राणा ने कहा कि कोल्हे हिंदुत्व की विचारधारा से प्रेरित थे। अमरावती जिले की तत्कालीन प्रभारी मंत्री यशोमति ठाकुर के दबाव में आकर पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने इसे डकैती की घटना बताने का प्रयास किया। जब नवनीत राणा ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर एनआईए जांच की मांग की। एनआईए की टीम के आने पर पता चला कि यह उदयपुर की घटना से जुड़ी है। राणा ने कहा कि अब इसके पीछे छिपे बड़े चेहरे सामने आएंगे।
नवनीत राणा ने अमरावती सीपी पर सवाल उठाए
कोल्हे की हत्या पर अमरावती सांसद नवनीत राणा ने कहा कि हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और उन्होंने एनआईए भेजकर कार्रवाई की। 12 दिनों के बाद मीडिया के सामने आए अमरावती सीपी ने कहा कि मामला उदयपुर हत्याकांड जैसा है और नूपुर शर्मा के बारे में पोस्ट की गई सामग्री से संबंधित है। 12 दिन बाद वह घटना पर सफाई दे रही हैं। उन्होंने पहले कहा कि यह डकैती है और मामले को दबाने की कोशिश की। अमरावती सीपी के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
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जांचकर्ताओं का मानना है कि अमरावती जिले में 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे की साजिश के तहत जो हत्या हुई, वह पैगंबर पर नुपुर शर्मा के विवादित बयानों के समर्थन की वजह से हुई। उमेश के बेटे संकेत कोहले की तरफ से दर्ज शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच के आधार पर मामले में दो लोगों- मुदस्सिर अहमद (22) और शाहरुख पठान (25) को 23 जून को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ के बाद सामने आया कि उमेश की हत्या में चार और लोग शामिल थे। इनमें अब्दुल तौफिक (24), शोएब खान (22), आतिब रशीद (22) और शमीम फिरोज अहमद शामिल रहे। शमीम को छोड़कर बाकी सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
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मामले में पुलिस को जो शिकायत दी गई है, उसमें कहा गया है कि घटना 21 जून को रात 10 से 10.30 बजे के बीच हुई, जब उमेश कोल्हे अपना मेडिकल स्टोर बंद कर के जा रहे थे। बेटा संकेत दूसरे स्कूटर से उनके साथ ही था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, "जब हम प्रभात चौक की तरफ जा रहे थे, तब महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट के पास अचानक दो मोटरसाइकिल सवारों ने उमेश को रोक दिया। इसके बाद एक हमलावर ने उनके गले के बाईं तरफ चाकू से वार कर दिया। इससे उमेश खून से लथपथ होकर सड़क पर ही गिर गए।" बेटे संकेत का कहना है कि इस घटना के बाद उसने मदद की आवाज लगाई और लेकिन हमलावर फरार हो चुके थे। आसपास के कुछ लोगों की मदद से उमेश को पास के ही एक्सॉन अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।
अमरावती पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जिन पांच आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने बताया कि एक और आरोपी ने उन्हें कार और दस हजार रुपये की मदद मुहैया कराई थी और फिर फरार हो गया।" अधिकारी ने बताया कि फरार आरोपी ही इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड लगता है, क्योंकि उसने बाकी पांचों आरोपियों को हत्या के लिए अलग-अलग काम दिए थे। उसने दो लोगों से कोल्हे पर नजर रखने के लिए कहा था, ताकि वे सही मौका पाते ही उनकी हत्या कर सकते। मामले में कोल्हे के बेटे की शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि कोल्हे ने कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप से नुपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट वायरल कर दिया था। गलती से उसका ये मैसेज उस ग्रुप में भी चला गया, जिसमें उसके कई मुस्लिम कस्टमर्स भी जुड़े थे। हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी ने कहा कि कोल्हे ने पैगंबर के प्रति असम्मान दिखाने वाले का समर्थन किया, इसलिए उसे मरना था।
अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज की दो तस्वीरें सामने आई है। ये तस्वीरें 21 जून की रात की हैं। पुलिस द्वारा सत्यापित इस फुटेज में मृतक उमेश और उनके बेटा स्कूटर से गुजरता नजर आ रहा है। जबकि दूसरे फुटेज में आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद भागते नजर आ रहे हैं।
उमेश कोल्हे हत्याकांड को लेकर सिटी कोतवाली थाना, अमरावती की पुलिस निरीक्षक नीलिमा अराज ने अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि हत्या की घटना से जुड़े सातवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे पुलिस ने नागपुर से गिरफ्तार किया है।
कोल्हे की हत्या उदयपुर की घटना से प्रेरित: रवि राणा
अमरावती की सांसद नवनीत राणा के पति विधायक रवि राणा ने उमेश कोल्हे की हत्या को उदयपुर का टेलर बताते हुए पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। रवि राणा ने कहा कि कोल्हे हिंदुत्व की विचारधारा से प्रेरित थे। अमरावती जिले की तत्कालीन प्रभारी मंत्री यशोमति ठाकुर के दबाव में आकर पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने इसे डकैती की घटना बताने का प्रयास किया। जब नवनीत राणा ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर एनआईए जांच की मांग की। एनआईए की टीम के आने पर पता चला कि यह उदयपुर की घटना से जुड़ी है। राणा ने कहा कि अब इसके पीछे छिपे बड़े चेहरे सामने आएंगे।
नवनीत राणा ने अमरावती सीपी पर सवाल उठाए
कोल्हे की हत्या पर अमरावती सांसद नवनीत राणा ने कहा कि हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और उन्होंने एनआईए भेजकर कार्रवाई की। 12 दिनों के बाद मीडिया के सामने आए अमरावती सीपी ने कहा कि मामला उदयपुर हत्याकांड जैसा है और नूपुर शर्मा के बारे में पोस्ट की गई सामग्री से संबंधित है। 12 दिन बाद वह घटना पर सफाई दे रही हैं। उन्होंने पहले कहा कि यह डकैती है और मामले को दबाने की कोशिश की। अमरावती सीपी के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।