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Maharashtra: महाराष्ट्र विधान भवन में एनसीपी (शरद) गुट और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प, जांच के आदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 17 Jul 2025 06:43 PM IST
सार
महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। घटना पर मुख्यमंत्री फडणवीस और उद्धव ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने जांच के आदेश दिए हैं।
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भाजपा और एनसीपी (एसपी) समर्थकों में झड़प
- फोटो : X-@Vikasmakwana111/ वीडियो ग्रैब
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विस्तार
महाराष्ट्र की राजनीति उस समय गरमा गई जब गुरुवार को विधान भवन में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और अन्य नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं। मामले में भाजपा विधायक पडलकर ने माफी भी मांगी है।
यह झगड़ा विधान भवन की ग्राउंड फ्लोर लॉबी में हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों गुटों के बीच कहासुनी तेजी से झगड़े में बदल गई। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने स्थिति को और बिगड़ने से पहले दोनों गुटों को अलग कर दिया। सुरक्षा कर्मियों ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।
क्या बोले पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड?
घटना के बाद मीडिया से बातचीत में जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर विधायक ही विधान भवन में सुरक्षित नहीं हैं, तो जनता का क्या होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वह सिर्फ ताजी हवा लेने बाहर निकले थे, तभी यह झगड़ा हुआ। आव्हाड ने आरोप लगाया कि यह हमला उन्हें निशाना बनाकर किया गया था। वहीं, पडलकर ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और उन्होंने किसी को नहीं पहचाना।
जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि हमलावर कौन थे? हमसे बार-बार सबूत मांगे जा रहे हैं, जबकि पूरा देश देख चुका है कि हमला किसने किया। गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया जा रहा है और विधायकों की सुरक्षा खतरे में है। मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी दी गई। मेरे लिए कई अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। क्या विधानसभा में यही होना अपेक्षित था? मैं अभी भाषण देकर बाहर आया हूं और ये लोग मुझसे भिड़ने आ गए। अगर विधानसभा में विधायक सुरक्षित नहीं हैं, तो हम विधायक क्यों रहें?
दोनों नेताओं के बीच हुई थी तीखी नोकझोंक
यह घटना बुधवार को दोनों नेताओं के बीच हुए एक बहस के अगले दिन हुई। उस दिन आव्हाड ने आरोप लगाया था कि पडलकर ने जानबूझकर कार का दरवाजा तेजी से बंद किया जिससे उन्हें चोट लगी। इस झगड़े को दोनों नेताओं की पुरानी राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। पडलकर पहले भी शरद पवार और सुप्रिया सुले पर टिप्पणी कर चुके हैं जिससे विवाद हुआ था।
ये भी पढ़ें- 24 घंटे में दूसरी बार मिले उद्धव-फडणवीस, 20 मिनट की मुलाकात ने महाराष्ट्र की सियासत में मचाई हलचल
घटना पर बोले फडणवीस और उद्धव
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ऐसी घटनाएं विधानसभा की गरिमा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस पर जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, उद्धव ठाकरे ने पूछा कि जब गुंडे विधानसभा में घुस रहे हैं तो राज्य के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी क्या है?
पडलकर ने मांगी माफी
घटना के बाद गोपीचंद पडलकर ने अपने समर्थकों के व्यवहार के लिए माफी मांगी। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इस पर जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे। सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि विधानसभा परिसर की गरिमा को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
विधान भवन को लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं उसके सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने भी इस पर नाराजगी जताई और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। मंत्री आशीष शेलार ने मांग की कि उस दिन पास किसे और कैसे जारी हुए, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
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यह झगड़ा विधान भवन की ग्राउंड फ्लोर लॉबी में हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों गुटों के बीच कहासुनी तेजी से झगड़े में बदल गई। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने स्थिति को और बिगड़ने से पहले दोनों गुटों को अलग कर दिया। सुरक्षा कर्मियों ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।
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क्या बोले पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड?
घटना के बाद मीडिया से बातचीत में जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर विधायक ही विधान भवन में सुरक्षित नहीं हैं, तो जनता का क्या होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वह सिर्फ ताजी हवा लेने बाहर निकले थे, तभी यह झगड़ा हुआ। आव्हाड ने आरोप लगाया कि यह हमला उन्हें निशाना बनाकर किया गया था। वहीं, पडलकर ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और उन्होंने किसी को नहीं पहचाना।
जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि हमलावर कौन थे? हमसे बार-बार सबूत मांगे जा रहे हैं, जबकि पूरा देश देख चुका है कि हमला किसने किया। गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया जा रहा है और विधायकों की सुरक्षा खतरे में है। मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी दी गई। मेरे लिए कई अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। क्या विधानसभा में यही होना अपेक्षित था? मैं अभी भाषण देकर बाहर आया हूं और ये लोग मुझसे भिड़ने आ गए। अगर विधानसभा में विधायक सुरक्षित नहीं हैं, तो हम विधायक क्यों रहें?
दोनों नेताओं के बीच हुई थी तीखी नोकझोंक
यह घटना बुधवार को दोनों नेताओं के बीच हुए एक बहस के अगले दिन हुई। उस दिन आव्हाड ने आरोप लगाया था कि पडलकर ने जानबूझकर कार का दरवाजा तेजी से बंद किया जिससे उन्हें चोट लगी। इस झगड़े को दोनों नेताओं की पुरानी राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। पडलकर पहले भी शरद पवार और सुप्रिया सुले पर टिप्पणी कर चुके हैं जिससे विवाद हुआ था।
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घटना पर बोले फडणवीस और उद्धव
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ऐसी घटनाएं विधानसभा की गरिमा के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस पर जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, उद्धव ठाकरे ने पूछा कि जब गुंडे विधानसभा में घुस रहे हैं तो राज्य के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी क्या है?
पडलकर ने मांगी माफी
घटना के बाद गोपीचंद पडलकर ने अपने समर्थकों के व्यवहार के लिए माफी मांगी। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इस पर जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे। सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि विधानसभा परिसर की गरिमा को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
विधान भवन को लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं उसके सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने भी इस पर नाराजगी जताई और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई का भरोसा दिया है। मंत्री आशीष शेलार ने मांग की कि उस दिन पास किसे और कैसे जारी हुए, इसकी भी जांच होनी चाहिए।