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Supreme Court: एआईएफएफ के संविधान मसौदे को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, कल्याण चौबे गुट के चुनाव को दी मान्यता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 19 Sep 2025 11:45 AM IST
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सार
एशियन फुटबॉल फेडरेशन और फीफा ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को पत्र लिखकर 30 अक्तूबर तक अपना संविधान तैयार करने का आदेश दिया था, वरना एआईएफएफ को निलंबित करने की धमकी दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ संशोधनों के साथ एआईएफएफ (ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन) के संविधान के मसौदे को मंजूरी दे दी है। साथ ही फुटबॉल संस्था को इसे चार हफ्तों के भीतर आम सभा में अपनाने का निर्देश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कल्याण चौबे की अध्यक्षता वाले एआईएफएफ के मौजूदा पदाधिकारियों के चुनाव को भी मान्यता दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नए चुनाव की संभावना को खारिज कर दिया है क्योंकि मौजूदा पदाधिकारियों का कार्यकाल का सिर्फ एक साल बाकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को पूरी कर ली थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के संविधान मामले पर सुनवाई बीती 30 अप्रैल को पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एआईएफएफ का मामला सुप्रीम कोर्ट में साल 2017 से चल रहा था। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पहले एआईएफएफ को नया संविधान बनाने का निर्देश दिया। इसके बाद रिटायर्ड जस्टिस एल नागेश्वर राव ने साल 2023 में नया संविधान बनाया, लेकिन उसे लेकर अंतिम फैसला बाकी था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ संशोधन के बाद संविधान मसौदे को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले एशियन फुटबॉल फेडरेशन और फीफा ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को पत्र लिखकर 30 अक्तूबर तक अपना संविधान तैयार करने का आदेश दिया था, वरना एआईएफएफ को निलंबित करने की धमकी दी गई थी। न्यायालय ने कई दिनों तक विभिन्न राज्य फुटबॉल संघों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा संविधान के मसौदे पर उठाई गई आपत्तियों पर भी सुनवाई की।
ये भी पढ़ें- Supreme Court: उमर खालिद की याचिका पर अब 22 सितंबर को होगी सुनवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
संविधान में किए गए हैं ये प्रावधान
रिटायर्ड जस्टिस एल नागेश्वर राव द्वारा शीर्ष अदालत के निर्देश पर तैयार किए गए संविधान के मसौदे में कुछ आमूल-चूल परिवर्तन किए गए थे, जिनमें एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एआईएफएफ में अधिकतम 12 वर्षों तक पद पर बने रहने की अनुमति देना शामिल होगी, बशर्ते कि वह अधिकतम दो बार लगातार चार-चार वर्षों का कार्यकाल पूरा करे। इसमें कहा गया था कि खेल संस्था के पदाधिकारी के रूप में आठ साल के कार्यकाल के बाद चार साल की कूलिंग ऑफ अवधि का पालन करना होगा, लेकिन मसौदे में यह भी कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद खेल संस्था का सदस्य नहीं रह सकता।
मसौदे के अनुसार, एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 14 सदस्य होंगे। इसमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष और 10 अन्य सदस्य होंगे। इन 10 सदस्यों में से पांच प्रतिष्ठित खिलाड़ी होंगे, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। मसौदे के संविधान में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों को हटाने का भी प्रावधान है, जो एआईएफएफ के मौजूदा संविधान में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को पूरी कर ली थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के संविधान मामले पर सुनवाई बीती 30 अप्रैल को पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एआईएफएफ का मामला सुप्रीम कोर्ट में साल 2017 से चल रहा था। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पहले एआईएफएफ को नया संविधान बनाने का निर्देश दिया। इसके बाद रिटायर्ड जस्टिस एल नागेश्वर राव ने साल 2023 में नया संविधान बनाया, लेकिन उसे लेकर अंतिम फैसला बाकी था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ संशोधन के बाद संविधान मसौदे को मंजूरी दे दी है।
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इससे पहले एशियन फुटबॉल फेडरेशन और फीफा ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को पत्र लिखकर 30 अक्तूबर तक अपना संविधान तैयार करने का आदेश दिया था, वरना एआईएफएफ को निलंबित करने की धमकी दी गई थी। न्यायालय ने कई दिनों तक विभिन्न राज्य फुटबॉल संघों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा संविधान के मसौदे पर उठाई गई आपत्तियों पर भी सुनवाई की।
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संविधान में किए गए हैं ये प्रावधान
रिटायर्ड जस्टिस एल नागेश्वर राव द्वारा शीर्ष अदालत के निर्देश पर तैयार किए गए संविधान के मसौदे में कुछ आमूल-चूल परिवर्तन किए गए थे, जिनमें एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एआईएफएफ में अधिकतम 12 वर्षों तक पद पर बने रहने की अनुमति देना शामिल होगी, बशर्ते कि वह अधिकतम दो बार लगातार चार-चार वर्षों का कार्यकाल पूरा करे। इसमें कहा गया था कि खेल संस्था के पदाधिकारी के रूप में आठ साल के कार्यकाल के बाद चार साल की कूलिंग ऑफ अवधि का पालन करना होगा, लेकिन मसौदे में यह भी कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद खेल संस्था का सदस्य नहीं रह सकता।
मसौदे के अनुसार, एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 14 सदस्य होंगे। इसमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक पुरुष और एक महिला), एक कोषाध्यक्ष और 10 अन्य सदस्य होंगे। इन 10 सदस्यों में से पांच प्रतिष्ठित खिलाड़ी होंगे, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। मसौदे के संविधान में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों को हटाने का भी प्रावधान है, जो एआईएफएफ के मौजूदा संविधान में नहीं है।
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