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SIR: 'उम्मीद है चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूची की गलतियों को सुधारेगा', बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Thu, 16 Oct 2025 03:40 PM IST
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सार
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से उन 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण देने को कहा था जो मसौदा मतदाता सूची का हिस्सा थे, लेकिन बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उम्मीद है कि चुनाव आयोग बिहार की अंतिम मतदाता सूची में टाइपिंग और अन्य गलतियों को सुधारेगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ अब इस मामले पर 4 नवंबर को सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि 30 सितंबर को उनके द्वारा प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची को लेकर अभी तक एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है।
प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल
चुनाव सुधार संगठन एडीआर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एक मतदाता द्वारा यह दावा किया गया कि उसका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया था, जिसे चुनाव आयोग ने 7 अक्टूबर को सुनवाई में फर्जी बताया था, लेकिन उसका दावा सच है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि कितने मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
जल्द ही फ्रीज हो जाएगी मतदाता सूची
पीठ ने माना कि कुछ विधानसभाओं में मतदाता सूची 17 अक्तूबर को फ्रीज हो जाएगी क्योंकि वहां पहले चरण में मतदान होना है। वहीं अन्य विधानसभाओं पर 20 अक्तूबर को मतदाता सूची फ्रीज होगी, जहां दूसरे चरण में मतदान होना है। 7 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से उन 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण देने को कहा था जो मसौदा मतदाता सूची का हिस्सा थे, लेकिन बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए थे। अदालत ने कहा कि इस मामले को लेकर भ्रम है।
ये भी पढ़ें- Air India: 'एअर इंडिया हादसे की हो पारदर्शी जांच', विमान के कैप्टन के पिता की सुप्रीम कोर्ट से गुहार
30 सितंबर को, चुनाव आयोग ने बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी, जो अंतिम मतदाता सूची में लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है। हालांकि, अंतिम संख्या 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं की तुलना में 17.87 लाख अधिक है। 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे।

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प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल
चुनाव सुधार संगठन एडीआर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एक मतदाता द्वारा यह दावा किया गया कि उसका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया था, जिसे चुनाव आयोग ने 7 अक्टूबर को सुनवाई में फर्जी बताया था, लेकिन उसका दावा सच है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि कितने मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
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जल्द ही फ्रीज हो जाएगी मतदाता सूची
पीठ ने माना कि कुछ विधानसभाओं में मतदाता सूची 17 अक्तूबर को फ्रीज हो जाएगी क्योंकि वहां पहले चरण में मतदान होना है। वहीं अन्य विधानसभाओं पर 20 अक्तूबर को मतदाता सूची फ्रीज होगी, जहां दूसरे चरण में मतदान होना है। 7 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से उन 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण देने को कहा था जो मसौदा मतदाता सूची का हिस्सा थे, लेकिन बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए थे। अदालत ने कहा कि इस मामले को लेकर भ्रम है।
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30 सितंबर को, चुनाव आयोग ने बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी, जो अंतिम मतदाता सूची में लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है। हालांकि, अंतिम संख्या 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं की तुलना में 17.87 लाख अधिक है। 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे।