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तेलंगाना की एसएलबीसी सुरंग में फंसे सात लोग: 19 दिन बाद भी बचाव कार्य जारी, रोबोट और रडार से ली जा रही मदद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: शुभम कुमार
Updated Wed, 12 Mar 2025 11:33 AM IST
सार
22 फरवरी को तेलंगाना में हुए सुरंग हादसे में फंसे सात लोगों की तालाश लगातार 19वें दिन भी जारी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य एजेंसियों के कर्मी सुरंग में दाखिल हुए।
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बचाव कार्य जारी
- फोटो : PTI
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विस्तार
तेलंगाना में ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग में फंसे सात लोगों की तलाश बुधवार को लगातार 19वें दिन भी जारी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, रैट माइनर्स और अन्य एजेंसियों के कर्मी सुरंग में दाखिल हुए। इसके अलावा मंगलवार को हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी की एक टीम ने मंगलवार को सुरंग में एआई-आधारित कैमरे से लैस रोबोट भेजा।
दो मार्च को सीएम ने किया था सुरंग का दौरा
सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में हो रही परेशानियों को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग का दौरा किया था। साथ ही उन्होंने बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोबोट का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। बता दें कि लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। साथ ही बचाव कार्य में मदद के लिए 110 बचावकर्मियों को भी तैनात किया गया है। हालांकि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की वजह से बचाव कार्य में चुनौती आ रही है, इसलिए तेलंगाना सरकार ने रोबोट के उपयोग का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
ये भी पढ़ें:- Telangana Tunnel Accident: बचाव अभियान में शामिल हुए रोबोट्स, खतरे को देखते हुए सरकार का फैसला
विशेष मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक
दिन-प्रतिदिन सुरंग को लेकर सामने आ रही चुनौतियों को देखते हुए राज्य के विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) अरविंद कुमार ने बचाव प्रयासों में शामिल विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें बताया गया कि बचाव दल शव खोजी कुत्तों और रडार सर्वेक्षणों द्वारा पहचाने गए स्थानों पर काम कर रहे हैं। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण किया, जिसके आधार पर बचावकर्मियों ने अपने प्रयासों को संदिग्ध स्थानों पर केंद्रित किया।
ये भी पढ़ें:- Telangana Tunnel Accident: सुरंग हादसे में एक शव बरामद, अस्पताल ले जाया गया; सात की तलाश अब भी जारी
केरल पुलिस के एचआरडीडी का भी मिल रहा समर्थन
इतना ही नहीं इस बचाव अभियान में केरल पुलिस के एचआरडीडी द्वारा भी इस अभियान को समर्थन मिल रहा है। गौरतलब है कि 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद इंजीनियर और मजदूर के साथ आठ लोग सुरंग में फंस गए थे। इसमें 9 मार्च को बचाव दल ने सुरंग परियोजना में शामिल एक विदेशी कंपनी के सुरंग बोरिंग मशीन ऑपरेटर गुरप्रीत सिंह का शव बरामद किया। गुरप्रीत सिंह के अलावा अभी भी सात लोग फंसे हुए हैं, जिनमें मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू (झारखंड) शामिल हैं।
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दो मार्च को सीएम ने किया था सुरंग का दौरा
सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में हो रही परेशानियों को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग का दौरा किया था। साथ ही उन्होंने बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोबोट का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। बता दें कि लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। साथ ही बचाव कार्य में मदद के लिए 110 बचावकर्मियों को भी तैनात किया गया है। हालांकि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की वजह से बचाव कार्य में चुनौती आ रही है, इसलिए तेलंगाना सरकार ने रोबोट के उपयोग का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
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विशेष मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक
दिन-प्रतिदिन सुरंग को लेकर सामने आ रही चुनौतियों को देखते हुए राज्य के विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) अरविंद कुमार ने बचाव प्रयासों में शामिल विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें बताया गया कि बचाव दल शव खोजी कुत्तों और रडार सर्वेक्षणों द्वारा पहचाने गए स्थानों पर काम कर रहे हैं। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण किया, जिसके आधार पर बचावकर्मियों ने अपने प्रयासों को संदिग्ध स्थानों पर केंद्रित किया।
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केरल पुलिस के एचआरडीडी का भी मिल रहा समर्थन
इतना ही नहीं इस बचाव अभियान में केरल पुलिस के एचआरडीडी द्वारा भी इस अभियान को समर्थन मिल रहा है। गौरतलब है कि 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद इंजीनियर और मजदूर के साथ आठ लोग सुरंग में फंस गए थे। इसमें 9 मार्च को बचाव दल ने सुरंग परियोजना में शामिल एक विदेशी कंपनी के सुरंग बोरिंग मशीन ऑपरेटर गुरप्रीत सिंह का शव बरामद किया। गुरप्रीत सिंह के अलावा अभी भी सात लोग फंसे हुए हैं, जिनमें मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू (झारखंड) शामिल हैं।
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