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26/11: 'हमारे घाव पर नमक न छिड़कें', मुंबई आतंकी हमले को लेकर वडेट्टीवार के बयान पर प्रत्यक्षदर्शी का दर्द
पीटीआई, मुंबई
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 06 May 2024 09:42 PM IST
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सार
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडट्टीवार ने दावा किया था कि 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के दौरान करकरे की मौत कसाब की गोली से नहीं हुई थी, बल्कि वह एक पुलिसकर्मी की गोली का शिकार हुए थे, जो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ था।

Vijay Wadettiwar
- फोटो : ANI
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विस्तार
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के मामले में प्रत्यक्षदर्शी ने कांग्रेस नेता विजय वडट्टीवार का नाम लिए बगैर सोमवार को कहा कि किसी को भी इस तरीके से घावों पर नमक नहीं छिड़कना चाहिए। आतंकी अजमल कसाब के खिलाफ गवाही देने वाली सबसे कम उम्र की प्रत्यक्षदर्शी देविका रोटवान ने कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर दुख जताया।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडट्टीवार ने दावा किया था कि 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के दौरान करकरे की मौत कसाब की गोली से नहीं हुई थी, बल्कि वह एक पुलिसकर्मी की गोली का शिकार हुए थे, जो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ था। कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उज्ज्वल निकम पर निशाना साधते हुए यह टिप्पणी की थी। निकम आतंकी हमले के मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक रहे थे।
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देविका ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि अगर 26 नवंबर को कसाब ने गोली नहीं चलाई तो किसने चलाई? कोई भी उस आतंकी हमले को कभी नहीं भुला पाएगा। आप हमारे घाव को कुरेद कर उस पर नमक छिड़क रहे हैं। अगर आप राजनीति करना चाहते हैं तो दूसरे विषयों पर करें, लेकिन इस पर नहीं। अगर वह पाकिस्तान का समर्थन करना चाहते हैं तो भारत में क्या कर रहे हैं?
देविका 26 नवंबर 2008 को अपने पिता नटवरलाल और भाई आकाश के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसएमटी) पर ट्रेन का इंतजार कर रहीं थीं कि तभी कसाब और उसके एक साथी ने अंधाधुंध गोलियां चला दीं। देविका के दाहिने पैर में गोली लगी थी, जिस कारण उन्हें लंबे समय तक बैसाखी के सहारे चलना पड़ा। कसाब के मुकदमे के दौरान वह अदालत में गवाही देने वाली सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह बनी। आखिर में आतंकी को फांसी की सजा दी गयी।
देविका ने कहा कि निकम के खिलाफ आरोप गलत हैं, क्योंकि उस वकील ने देश के लिए बहुत कुछ किया है और कसाब को फांसी पर चढ़ाने में मदद की है। देविका ने वडट्टीवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मतदान के वक्त इस तरह के बयान दे रहे हैं। निकम ने न देश से झूठ बोला और न ही धोखा दिया। अगर आपको कसाब के कसीदे पढ़ने हैं तो पाकिस्तान जाइए।