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Voter Adhikar Yatra: राहुल को राजीव गांधी बोल गए स्टालिन, BJP-TVK ने जमकर कसा तंज; एडिट वीडियो पर भी ली चुटकी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 28 Aug 2025 07:21 PM IST
सार
बिहार की 'वोटर अधिकार' रैली में एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी की जगह राजीव गांधी का नाम ले लिया। द्रमुक ने इसे एडिट कर सुधारने की कोशिश की, लेकिन एडिटिंग असंगत रही और वीडियो का भी मजाक बन गया। भाजपा और विजय की पार्टी TVK ने स्टालिन पर तंज कसा। भाजपा ने इसे विपक्ष की 'राजवंश राजनीति' और राजनीतिक नौटंकी बताया।
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन
- फोटो : PTI
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विस्तार
बिहार में आयोजित कांग्रेस नेतृत्व वाले 'वोटर अधिकार' रैली के मंच से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की जुबान फिसल गई। उन्होंने राहुल गांधी की जगह उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम ले लिया। इतना ही नहीं, इस गलती को सुधारने के लिए द्रमुक (DMK) ने वीडियो एडिट कर 'राहुल गांधी' शब्द चिपका दिया, लेकिन पैचिंग इतनी असंगत रही कि और ज्यादा मजाक बन गया। भाजपा और अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी टीवीके ने इस पर चुटकी ली और सोशल मीडिया पर इसे जमकर शेयर किया
बिहार में हो रही 'वोटर अधिकार' रैली का आयोजन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने मिलकर किया था। मंच पर पहुंचे स्टालिन ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी को आयोजक के रूप में संबोधित करना चाहा, लेकिन गलती से 'राजीव गांधी' कह गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। भाजपा नेताओं ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी नेता अपने ही साथियों को सही से नहीं पहचान पा रहे हैं।
डीएमके की एडिटिंंग बनी मजाक का कारण
स्टालिन की गलती को ठीक करने के लिए द्रमुक की टीम ने वीडियो एडिट कर 'राजीव गांधी' की जगह 'राहुल गांधी' का शब्द जोड़ दिया। लेकिन यह पैच तकनीकी रूप से सही नहीं बैठा और दर्शकों को साफ समझ आ गया कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। खास बात यह है कि यह एडिटेड वीडियो अभी भी स्टालिन के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मौजूद है। इस मामले पर द्रमुक की ओर से कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी गई और इसे 'तुच्छ राजनीति' करार देकर टाल दिया गया।
भाजपा और टीवीके का हमला
तमिलनाडु भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस घटना को लेकर स्टालिन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कागज से पढ़ते हुए भी नाम गलत बोलना एक बात है, लेकिन उसे एडिट कर छिपाने की कोशिश करना और भी ज्यादा शर्मनाक है। वहीं, विजय की पार्टी टीवीके ने भी स्टालिन पर तंज कसते हुए उन्हें 'अंकल' कहकर मजाक उड़ाया और इस घटना को उनकी राजनीतिक गंभीरता पर सवाल खड़े करने वाला बताया।
स्टालिन की इस गलती के बहाने भाजपा ने विपक्ष के 'वोटर अधिकार' अभियान पर भी पलटवार किया। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी, स्टालिन और तेजस्वी यादव की एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें 'विरासत के राजवंश' बताया। साथ ही द्रमुक पर आरोप लगाया कि पार्टी ने पहले भी बिहारी समाज पर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं और अब यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक दिखावा है। इस पूरी घटना ने चुनावी मौसम में विपक्षी दलों को घेरे में लेने के लिए भाजपा को नया हथियार दे दिया है।
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बिहार में हो रही 'वोटर अधिकार' रैली का आयोजन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने मिलकर किया था। मंच पर पहुंचे स्टालिन ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी को आयोजक के रूप में संबोधित करना चाहा, लेकिन गलती से 'राजीव गांधी' कह गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। भाजपा नेताओं ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी नेता अपने ही साथियों को सही से नहीं पहचान पा रहे हैं।
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डीएमके की एडिटिंंग बनी मजाक का कारण
स्टालिन की गलती को ठीक करने के लिए द्रमुक की टीम ने वीडियो एडिट कर 'राजीव गांधी' की जगह 'राहुल गांधी' का शब्द जोड़ दिया। लेकिन यह पैच तकनीकी रूप से सही नहीं बैठा और दर्शकों को साफ समझ आ गया कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। खास बात यह है कि यह एडिटेड वीडियो अभी भी स्टालिन के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मौजूद है। इस मामले पर द्रमुक की ओर से कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी गई और इसे 'तुच्छ राजनीति' करार देकर टाल दिया गया।
भाजपा और टीवीके का हमला
तमिलनाडु भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने इस घटना को लेकर स्टालिन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कागज से पढ़ते हुए भी नाम गलत बोलना एक बात है, लेकिन उसे एडिट कर छिपाने की कोशिश करना और भी ज्यादा शर्मनाक है। वहीं, विजय की पार्टी टीवीके ने भी स्टालिन पर तंज कसते हुए उन्हें 'अंकल' कहकर मजाक उड़ाया और इस घटना को उनकी राजनीतिक गंभीरता पर सवाल खड़े करने वाला बताया।
स्टालिन की इस गलती के बहाने भाजपा ने विपक्ष के 'वोटर अधिकार' अभियान पर भी पलटवार किया। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी, स्टालिन और तेजस्वी यादव की एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें 'विरासत के राजवंश' बताया। साथ ही द्रमुक पर आरोप लगाया कि पार्टी ने पहले भी बिहारी समाज पर अपमानजनक टिप्पणियां की हैं और अब यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक दिखावा है। इस पूरी घटना ने चुनावी मौसम में विपक्षी दलों को घेरे में लेने के लिए भाजपा को नया हथियार दे दिया है।