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Kathua News: औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट पानी का होगा समाधान
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कठुआ। गोविंदसर स्थित आईआईडी सेंटर की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट पानी के सुरक्षित निपटान की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए जम्मू और कश्मीर लघु उद्योग विकास निगम ( सिकाप )द्वारा लगभग 900 मीटर लंबे आरसीसी नाले का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए कुल 2 करोड़ 93 लाख की राशि मंजूर की है।
सिकाप के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी के निपटान की परियोजना पिछले दो सालों से लंबित पड़ी हुई थी। जिसके निर्माण कार्य के लिए अब हरी झंड़ी मिल चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों सेे निकलने वाले गंदे पानी के लिए संबंधित विभाग द्वारा एक आरसीसी नाला जिसकी पांच फीट ऊंचाई और तीन फीट चौड़ा बनाए जाना प्रस्तावित था। जो लंबे समय से अटका पड़ा हुआ था। दरअसल, कुछ स्थानीय किसानों को मांग की मांग थी कि गंदे पानी का नाला उनके खेतों से नहीं गुजरना चाहिए। जिसके चलते वे अदालत में चले गए थे। अदालत द्वारा मामला सुलझा लेने के बाद ही इसके निर्माण कार्य को शुरू किया जा रहा है। अब इस नाले का निर्माण आरटीसी नहर के किनारे-किनारे मग्गर खड्ड में प्रवाहित करने की योजना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अगले तीन महीनों के भीतर इस निर्माण कार्य को पूरा करवा लिया जाएगा। जिससे न केवल औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाएगा, बल्कि औद्योगिक और उसके आसपास के इलाकों में बेहतर वातावरण बनाने में भी मदद मिलेगी। जिसकी लोग लंबे समय से माग कर रहे थे। नाले का निर्माण न होने से गंदा पानी रेलवे लाइन के पास इकट्ठा हो जाता था। आरसीसी नाले के निर्माण से औद्योगिक इकाइयों के अपशिष्ट जल का उचित प्रबंधन सुनिश्चित होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को गंदगी और दुर्गंध की समस्या से भी निजात मिलेगी।
औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट पानी के निपटान के लिए इस आरसीसी नाले का निर्माण किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू हो रहा है। उम्मीद है कि नये साल पर इस निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। जिससे अगले तीन महीने के भीतर पूरा करने की संभावना है।
- राजन शर्मा, जनरल मैनेजर सिकाॅप।
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सिकाप के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी के निपटान की परियोजना पिछले दो सालों से लंबित पड़ी हुई थी। जिसके निर्माण कार्य के लिए अब हरी झंड़ी मिल चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों सेे निकलने वाले गंदे पानी के लिए संबंधित विभाग द्वारा एक आरसीसी नाला जिसकी पांच फीट ऊंचाई और तीन फीट चौड़ा बनाए जाना प्रस्तावित था। जो लंबे समय से अटका पड़ा हुआ था। दरअसल, कुछ स्थानीय किसानों को मांग की मांग थी कि गंदे पानी का नाला उनके खेतों से नहीं गुजरना चाहिए। जिसके चलते वे अदालत में चले गए थे। अदालत द्वारा मामला सुलझा लेने के बाद ही इसके निर्माण कार्य को शुरू किया जा रहा है। अब इस नाले का निर्माण आरटीसी नहर के किनारे-किनारे मग्गर खड्ड में प्रवाहित करने की योजना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अगले तीन महीनों के भीतर इस निर्माण कार्य को पूरा करवा लिया जाएगा। जिससे न केवल औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाएगा, बल्कि औद्योगिक और उसके आसपास के इलाकों में बेहतर वातावरण बनाने में भी मदद मिलेगी। जिसकी लोग लंबे समय से माग कर रहे थे। नाले का निर्माण न होने से गंदा पानी रेलवे लाइन के पास इकट्ठा हो जाता था। आरसीसी नाले के निर्माण से औद्योगिक इकाइयों के अपशिष्ट जल का उचित प्रबंधन सुनिश्चित होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को गंदगी और दुर्गंध की समस्या से भी निजात मिलेगी।
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औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट पानी के निपटान के लिए इस आरसीसी नाले का निर्माण किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू हो रहा है। उम्मीद है कि नये साल पर इस निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। जिससे अगले तीन महीने के भीतर पूरा करने की संभावना है।
- राजन शर्मा, जनरल मैनेजर सिकाॅप।