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Poonch News: सेना और आवाम ने मनाया 78वां पुंछ लिंकअप दिवस
संवाद न्यूज एजेंसी, पुंछ
Updated Sun, 23 Nov 2025 02:35 AM IST
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पुंछ लिंक अप दिवस पर घुड़दोड़ मं भाग लेते स्थानिय लोग
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शहीदों को श्रद्धांजलि, ऑपरेशन सिंदूर, पुंछ लिंंकअप का मंचन और ग्रामीण खेलों का किया आयोजन
पुंछ। भारतीय सेना और पुंछ की आवाम ने शनिवार को 78वां जश्ने आजादी अर्थात पुंछ लिंक अप दिवस धूमधाम से मनाया। इसमें हजारों की संख्या में नागरिकों, स्कूली बच्चों, सैन्य अधिकारियों, जवानों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। इस उपलक्ष्य में सर्वप्रथम शहीद स्मारक नमन स्थल पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
इसमें पुंछ ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर सचिंद्र जोशी, 25 इंफैन्ट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और सेना की 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीके मिश्रा की अगुआई में पूर्व सैनिकों, जिला विकास उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा और विधायक एजाज अहमद जान ने पुष्पचक्र अर्पित कर पुंछ को कबाइलियों और प्राणों का बलिदान देने वाले सैनिकों एवं नागरिकों को नमन किया।
इसके बाद सेना के नॉटो ऑडिटोरियम में रंगारंग कार्यक्रम करवाया गया। इसमें गणमान्य नागरिकों, पूर्व सैनिकों,वीर नारियों,अप्रेशन सिंदूर के शहीदों के परिजन एवं सैन्य अधिकारियों नेे भाग लिया। यहां पुंछ के हरि मेमोरियल पब्लिक स्कूल, नानक अकेडमी, क्राइस्ट स्कूल सहित विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने ऑपरेशन सिंदूर, दास्तान ए पुंछ पर पाक सेना एवं कबाइली हमला और पुंछ लिंक अप पर बने नाटक का मंचन किया। इसने लोगों की पुरानी यादें,जख्म और बुजुर्गों के साहस को दर्शाया। रंगारंग कार्यक्रम के उपरांत सेना के प्रीतम पैविलियन मैदान में ग्रामीण एवं साहसिक खेलों का आयोजन किया गया। इसमें सेना के घुड़सवारों के अलावा स्थाानीय लोगों की घुड़दौड़, रस्साकशी, पत्थर भार उठाने, खो-खो, ताइक्वांडो और वाॅलीबाल मुकाबलों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि कोर कमांडर पीके मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
सेना एंव नागरिकों ने पुंछ को आजाद कर भारत के साथ जोड़ा था
पुंछ। पुंछ और यहां के नागरिक 14 महीनों तक पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों के कब्जे में रहने के बाद ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की अगुवाई में सेना और पुंछ के नागरिकों के साथ मिलकर 22 नवंबर 1948 को कबाइलियों को मार भगाए जाने के बाद भारत के साथ मिलाया था। पुंछ को भारत के साथ मिलाने के लिए हजारों नागरिकों एंव सैकडो़ जवानों ने बलिदान दिया था। पुंछ के मीरपुर, कोटली, रावलाकोट, पलंदरी और बींबर में पाकिस्तानी सेना, कबाइलियों और स्थानीय विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदू सिखों का नरसंहार शुरू कर दिया। इस दौरान कश्मीर के उड़ी की तरफ से ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की अगुवाई में सेना की एक टुकड़ी पुंछ नगर तक पहुंची। इसने पुंछ के लोगों के साथ मिलकर 14 महीनों तक दुश्मन का मुकाबला लिया। लोगों ने दिन रात एक करके पाकिस्तानी सेना के हमलों के बीच पुंछ में हवाई पट्टी का निर्माण किया। जहां पहला डैकोडा विमान जम्मू से रसद, हथियार लेकर पुंछ में उतरा जो सामान छोड़ कर जान बचाकर पुंछ पहुंचे शरणार्थियों को लेकर जम्मू लौटा था। उधर राजोरी की तरफ से ब्रिगेडियर यदुनाथ की अगुवाई में आ रही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ते हुए मेंढर से होते हुए डन्नापीर में ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की सेना के साथ मिलाप करते हुए पुंछ भारत के साथ लिंक किया था।
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पुंछ। भारतीय सेना और पुंछ की आवाम ने शनिवार को 78वां जश्ने आजादी अर्थात पुंछ लिंक अप दिवस धूमधाम से मनाया। इसमें हजारों की संख्या में नागरिकों, स्कूली बच्चों, सैन्य अधिकारियों, जवानों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। इस उपलक्ष्य में सर्वप्रथम शहीद स्मारक नमन स्थल पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।
इसमें पुंछ ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर सचिंद्र जोशी, 25 इंफैन्ट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और सेना की 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीके मिश्रा की अगुआई में पूर्व सैनिकों, जिला विकास उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा और विधायक एजाज अहमद जान ने पुष्पचक्र अर्पित कर पुंछ को कबाइलियों और प्राणों का बलिदान देने वाले सैनिकों एवं नागरिकों को नमन किया।
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इसके बाद सेना के नॉटो ऑडिटोरियम में रंगारंग कार्यक्रम करवाया गया। इसमें गणमान्य नागरिकों, पूर्व सैनिकों,वीर नारियों,अप्रेशन सिंदूर के शहीदों के परिजन एवं सैन्य अधिकारियों नेे भाग लिया। यहां पुंछ के हरि मेमोरियल पब्लिक स्कूल, नानक अकेडमी, क्राइस्ट स्कूल सहित विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने ऑपरेशन सिंदूर, दास्तान ए पुंछ पर पाक सेना एवं कबाइली हमला और पुंछ लिंक अप पर बने नाटक का मंचन किया। इसने लोगों की पुरानी यादें,जख्म और बुजुर्गों के साहस को दर्शाया। रंगारंग कार्यक्रम के उपरांत सेना के प्रीतम पैविलियन मैदान में ग्रामीण एवं साहसिक खेलों का आयोजन किया गया। इसमें सेना के घुड़सवारों के अलावा स्थाानीय लोगों की घुड़दौड़, रस्साकशी, पत्थर भार उठाने, खो-खो, ताइक्वांडो और वाॅलीबाल मुकाबलों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि कोर कमांडर पीके मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
सेना एंव नागरिकों ने पुंछ को आजाद कर भारत के साथ जोड़ा था
पुंछ। पुंछ और यहां के नागरिक 14 महीनों तक पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों के कब्जे में रहने के बाद ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की अगुवाई में सेना और पुंछ के नागरिकों के साथ मिलकर 22 नवंबर 1948 को कबाइलियों को मार भगाए जाने के बाद भारत के साथ मिलाया था। पुंछ को भारत के साथ मिलाने के लिए हजारों नागरिकों एंव सैकडो़ जवानों ने बलिदान दिया था। पुंछ के मीरपुर, कोटली, रावलाकोट, पलंदरी और बींबर में पाकिस्तानी सेना, कबाइलियों और स्थानीय विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदू सिखों का नरसंहार शुरू कर दिया। इस दौरान कश्मीर के उड़ी की तरफ से ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की अगुवाई में सेना की एक टुकड़ी पुंछ नगर तक पहुंची। इसने पुंछ के लोगों के साथ मिलकर 14 महीनों तक दुश्मन का मुकाबला लिया। लोगों ने दिन रात एक करके पाकिस्तानी सेना के हमलों के बीच पुंछ में हवाई पट्टी का निर्माण किया। जहां पहला डैकोडा विमान जम्मू से रसद, हथियार लेकर पुंछ में उतरा जो सामान छोड़ कर जान बचाकर पुंछ पहुंचे शरणार्थियों को लेकर जम्मू लौटा था। उधर राजोरी की तरफ से ब्रिगेडियर यदुनाथ की अगुवाई में आ रही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ते हुए मेंढर से होते हुए डन्नापीर में ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की सेना के साथ मिलाप करते हुए पुंछ भारत के साथ लिंक किया था।

पुंछ लिंक अप दिवस पर घुड़दोड़ मं भाग लेते स्थानिय लोग

पुंछ लिंक अप दिवस पर घुड़दोड़ मं भाग लेते स्थानिय लोग