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Srinagar News: कारगिल व द्रास में भारी बर्फबारी, जोजिला दर्रे पर बाधित हो सकता है यातायात
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द्रास में भारी बर्फबारी, स्रोत - सोशल मीडिया
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संवाद न्यूज एजेंसी
कारगिल। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से लद्दाख के कई हिस्सों विशेषकर कारगिल और द्रास में भारी बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक बहुत ज्यादा बर्फबारी के कारण जोजिला दर्रे पर यातायात बाधित होने की आशंका है।
मौसम विज्ञान केंद्र लेह की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुरूप सोमवार को कारगिल और जंस्कार के कई हिस्सों में बर्फबारी होने की संभावना है। लेह जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फ पड़ सकती है। 22 दिसंबर को मौसम ठंडा और बादलों से घिरा रहने का अनुमान है। कारगिल में छिटपुट स्थानों पर हल्की बर्फबारी तथा लेह के ऊपरी इलाकों में कहीं-कहीं बर्फ गिरने की संभावना है। कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग जोजिला दर्रा लगभग एक फुट बर्फ से ढक गया है।
दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे आबादी क्षेत्र द्रास में करीब 7 इंच बर्फबारी दर्ज की गई है। पूरा इलाका बर्फ की चादर में तब्दील हो गया है। जंस्कार और कारगिल के अन्य हिस्सों से भी बर्फबारी की सूचना है। लेह के पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फ गिरी है। हालांकि शहरी इलाके में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है लेकिन कड़ाके की ठंड के साथ आसमान पूरी तरह से बादलों से घिरा हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र लेह के निदेशक सोनम लोट्स ने बताया कि सोमवार को खारदुंगला और चांगला जैसे अन्य ऊंचे पर्वतीय दर्रों पर भी हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि 22 दिसंबर को विशेष रूप से जोजिला दर्रे पर यातायात प्रभावित हो सकता है। खराब मौसम के चलते उड़ानों के रद्द होने की भी प्रबल संभावना है। उन्होंने स्थानीय निवासियों और यात्रियों को सतर्क रहने, आधिकारिक मौसम चेतावनियों पर नजर रखने और संबंधित प्रशासन से परामर्श के बाद ही यात्रा करने की सलाह दी है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौजूदा बर्फबारी एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही है जिसका असर जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश सहित पूरे पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में देखा जा रहा है। रात के दौरान बर्फबारी की तीव्रता में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। ताजा बर्फबारी से पर्यावरण में नई जान आ गई है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों में खुशी का माहौल है। बच्चों को बर्फ से खेलते और स्नोमैन बनाते देखा गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए सर्दियों की बर्फबारी पर्यटन और जल संसाधनों दोनों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। कई स्थानीय लोगों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि लंबे सूखे के बाद यह बर्फबारी उनकी दुआओं का जवाब है।
23 दिसंबर से मौसम में सुधार की संभावना है। 27 दिसंबर तक शुष्क मौसम बने रहने का अनुमान है। 28-29 दिसंबर को एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है। भविष्य को लेकर आशा जताते हुए उन्होंने कहा कि आमतौर पर मध्य जनवरी से फरवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति बढ़ जाती है जिससे आने वाले महीनों में अच्छी बर्फबारी की उम्मीद है।
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कारगिल। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से लद्दाख के कई हिस्सों विशेषकर कारगिल और द्रास में भारी बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक बहुत ज्यादा बर्फबारी के कारण जोजिला दर्रे पर यातायात बाधित होने की आशंका है।
मौसम विज्ञान केंद्र लेह की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुरूप सोमवार को कारगिल और जंस्कार के कई हिस्सों में बर्फबारी होने की संभावना है। लेह जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फ पड़ सकती है। 22 दिसंबर को मौसम ठंडा और बादलों से घिरा रहने का अनुमान है। कारगिल में छिटपुट स्थानों पर हल्की बर्फबारी तथा लेह के ऊपरी इलाकों में कहीं-कहीं बर्फ गिरने की संभावना है। कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग जोजिला दर्रा लगभग एक फुट बर्फ से ढक गया है।
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दुनिया के दूसरे सबसे ठंडे आबादी क्षेत्र द्रास में करीब 7 इंच बर्फबारी दर्ज की गई है। पूरा इलाका बर्फ की चादर में तब्दील हो गया है। जंस्कार और कारगिल के अन्य हिस्सों से भी बर्फबारी की सूचना है। लेह के पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फ गिरी है। हालांकि शहरी इलाके में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है लेकिन कड़ाके की ठंड के साथ आसमान पूरी तरह से बादलों से घिरा हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र लेह के निदेशक सोनम लोट्स ने बताया कि सोमवार को खारदुंगला और चांगला जैसे अन्य ऊंचे पर्वतीय दर्रों पर भी हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि 22 दिसंबर को विशेष रूप से जोजिला दर्रे पर यातायात प्रभावित हो सकता है। खराब मौसम के चलते उड़ानों के रद्द होने की भी प्रबल संभावना है। उन्होंने स्थानीय निवासियों और यात्रियों को सतर्क रहने, आधिकारिक मौसम चेतावनियों पर नजर रखने और संबंधित प्रशासन से परामर्श के बाद ही यात्रा करने की सलाह दी है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौजूदा बर्फबारी एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही है जिसका असर जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश सहित पूरे पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में देखा जा रहा है। रात के दौरान बर्फबारी की तीव्रता में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। ताजा बर्फबारी से पर्यावरण में नई जान आ गई है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों में खुशी का माहौल है। बच्चों को बर्फ से खेलते और स्नोमैन बनाते देखा गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए सर्दियों की बर्फबारी पर्यटन और जल संसाधनों दोनों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। कई स्थानीय लोगों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि लंबे सूखे के बाद यह बर्फबारी उनकी दुआओं का जवाब है।
23 दिसंबर से मौसम में सुधार की संभावना है। 27 दिसंबर तक शुष्क मौसम बने रहने का अनुमान है। 28-29 दिसंबर को एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है। भविष्य को लेकर आशा जताते हुए उन्होंने कहा कि आमतौर पर मध्य जनवरी से फरवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति बढ़ जाती है जिससे आने वाले महीनों में अच्छी बर्फबारी की उम्मीद है।