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J&K: नेकां ने शाह के सामने उठाया स्टैट्हुड बहाली का मुद्दा, बाहरी जेलों में बंद कश्मीरियों के मसले पर रखी बात

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: निकिता गुप्ता Updated Wed, 17 Dec 2025 12:13 PM IST
सार

नेकां के राज्यसभा सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर के राज्य दर्जा बहाली और बाहरी जेलों में बंद कैदियों की रिहाई का मुद्दा उठाया। सांसदों ने गंभीर आरोपियों को घाटी में स्थानांतरित करने और अन्य कैदियों को मानवीय आधार पर जल्द रिहा करने की भी सिफारिश की।

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The National Conference raised the issue of restoring statehood before Shah.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह - फोटो : ANI
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विस्तार
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नेकां के राज्यसभा सदस्य चौधरी मो. रमजान, सज्जाद अहमद किचलू और गुरविंदर सिंह ओबेरॉय ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की प्रमुख मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

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सांसदों ने गृह मंत्री के समक्ष राज्य का दर्जा बहाली और बाहरी जेलों में बंद जम्मू-कश्मीर के कैदियों का मुद्दा उठाया। सांसदों ने आग्रह किया कि जिन कैदियों पर गंभीर आपराधिक आरोप नहीं हैं, उन्हें मानवीय आधार पर जल्द रिहा किया जाना चाहिए।
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गंभीर आरोपों का सामना कर रहे कैदियों को वापस घाटी में स्थानांतरित किया जाए। कहा कि इस तरह के स्थानांतरण से कानूनी सलाह, अदालती कार्यवाही तक समय पर पहुंच सुनिश्चित होगी और उनके परिवारों को लंबी दूरी की यात्रा और भारी वित्तीय खर्चों के बोझ के बिना उनसे मिलने में भी मदद मिलेगी। सांसदों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने का भी आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि यह मांग भारत सरकार द्वारा दिए गए बार-बार के आश्वासनों के साथ-साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के अनुरूप है। उन्होंने कहा, सांविधानिक मूल्यों को बनाए रखने और क्षेत्र के लोगों की राजनीतिक और प्रशासनिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना जरूरी है।

व्यापार नियमों की अधिसूचना जारी करने की उठाई मांग :
सांसदों ने प्रदेश के लिए व्यापार नियमों की तत्काल अधिसूचना जारी करने की भी मांग की। कहा कि स्पष्ट रूप से परिभाषित नियमों की अनुपस्थिति प्रभावी प्रशासन और लोकतांत्रिक कामकाज में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा, व्यापार नियमों की समय पर अधिसूचना से शासन में स्पष्टता आएगी, जवाबदेही बढ़ेगी और जम्मू-कश्मीर के व्यापक जनहित में निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच सुचारू समन्वय सुनिश्चित होगा।

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