बर्फ में फंसी थी जान, पुकार सुनकर देवदूत बने जवान: नीलिना टॉप इलाके में फंसे थे तीन लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन सफल
पुंछ के मुगल रोड पर पीर की गली के नीलिना टॉप इलाके में बर्फबारी के बीच फंसे तीन लोगों को प्रशासन, सुरनकोट पुलिस और बीआरओ ने साझा रेस्क्यू ऑपरेशन कर सुरक्षित बाहर निकाला। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की मदद से बचाव टीम तुरंत सक्रिय हुई और बर्फ और ठंड के बीच लोगों की जान बचाई गई।
विस्तार
पुंछ को कश्मीर से जोड़ने वाली ऐतिहासिक मुगल रोड पर रविवार शाम बर्फबारी के बीच इंसानियत व बहादुरी की एक बड़ी मिसाल देखने को मिली। पीर की गली के पास भारी बर्फबारी में फंसे तीन लोगों को प्रशासन, सुरनकोट पुलिस और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने साझा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित बचा लिया।
एक वायरल वीडियो के बाद हरकत में आए प्रशासन ने इन लोगों को काल के गाल से बाहर निकाला। दरअसल, रविवार देर शाम कश्मीर से पुंछ की ओर आ रही एक कार भारी बर्फबारी के कारण पीर की गली के पास नीलिना टॉप क्षेत्र में फंस गई थी।
तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे जाने और लगातार गिरती बर्फ के बीच गाड़ी में सवार तीनों लोग असहाय हो गए। इस बीच, एक व्यक्ति ने मोबाइल से जिला विकास उपायुक्त को संबोधित करते हुए एक वीडियो बनाया जिसमें उसने अपनी जान बचाने की गुहार लगाई। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुंछ प्रशासन, पुलिस और बीआरओ तुरंत सक्रिय हो गए।
अंधेरे और बर्फ के बीच साहसिक अभियान
खराब मौसम और रात के अंधेरे के बावजूद बीआरओ की 79 आरसीसी और सुरनकोट पुलिस की टीम ने बिना समय गंवाए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बर्फ हटाने वाली मशीनों के साथ बचाव दल नीलिना टॉप की ओर बढ़ा। रास्ते में फिसलन और कम दृश्यता के कारण हर कदम पर खतरा था लेकिन जवानों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बर्फ की चादर को चीरकर पीड़ितों तक पहुंचने का रास्ता बनाया।
समय रहते कार्रवाई से बची जान
घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद बचाव दल ने तीनों फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित ढूंढ निकाला। इसके बाद उन्हें वहां से रेस्क्यू कर सुरनकोट पहुंचाया। प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि यदि कार्रवाई में थोड़ी भी देरी होती तो रात भर की बर्फबारी और कड़ाके की ठंड फंसे लोगों जान ले सकती थी। बचाए गए तीनों लोग पुंछ जिले के ही रहने वाले हैं।
पुलिस और बीआरओ के साहस को सराहा
स्थानीय लोगों ने बर्फबारी में फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस और बीआरओ के जवानों के इस साहसी कार्य की जमकर प्रशंसा की है। विषम परिस्थितियों में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं बल्कि आम जनमानस के लिए संकट के समय सबसे बड़े मददगार भी हैं।