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नए श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करें : डुल्लू
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- मुख्य सचिव ने क्रियान्वयन की समीक्षा की, प्रक्रिया को सरल और श्रमिक अधिकार मजबूत करने पर चर्चा
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मंगलवार को चार नए श्रम कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि ये देश के सबसे महत्वपूर्ण श्रम सुधारों में से एक है। इनका सख्ती से पालन कराएं। इसका उद्देश्य अनुपालन प्रणाली को सरल बनाना और प्रदेश में श्रमिक कल्याण में सुधार लाना है। उन्होंने सभी विभागों को नियमों में संशोधन में तेजी लाने और अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।
बैठक में मौजूद श्रम एवं रोजगार सचिव कुमार राजीव रंजन ने बताया कि 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को अब चार व्यापक संहिताओं में समाहित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वेतन संहिता 2019 न्यूनतम वेतन, वेतन भुगतान, बोनस और समान पारिश्रमिक से संबंधित कानूनों को सुव्यवस्थित करती है। औद्योगिक संबंध संहिता 2020 ट्रेड यूनियनों, स्थायी आदेशों और औद्योगिक विवादों को नियंत्रित करने वाले कानूनों को एकीकृत करती है।
सचिव ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ, रोजगार कार्यालय और कल्याण बोर्डों से संबंधित नौ प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कानूनों को एकीकृत करती है। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियां संहिता 2020 कार्यस्थल सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों से संबंधित 13 कानूनों को समाहित करती है।
श्रम आयुक्त चरणदीप सिंह ने बताया कि श्रम कानूनों के व्यवस्थित होने से अनुपालन आवश्यकताओं में काफी कमी आई है। बताया कि धाराओं की संख्या 1,228 से घटकर 480, नियमों की संख्या 1,436 से घटकर 351, पंजीकरण की संख्या आठ से घटकर एक और लाइसेंस की संख्या चार से घटकर एक हो गई है। कारावास का प्रावधान करने वाली धाराओं की संख्या 87 से घटकर 22 हो गई है। बैठक में श्रम एवं रोजगार सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, विधि सचिव, श्रम आयुक्त आदि लोग मौजूद रहे।
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अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मंगलवार को चार नए श्रम कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि ये देश के सबसे महत्वपूर्ण श्रम सुधारों में से एक है। इनका सख्ती से पालन कराएं। इसका उद्देश्य अनुपालन प्रणाली को सरल बनाना और प्रदेश में श्रमिक कल्याण में सुधार लाना है। उन्होंने सभी विभागों को नियमों में संशोधन में तेजी लाने और अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।
बैठक में मौजूद श्रम एवं रोजगार सचिव कुमार राजीव रंजन ने बताया कि 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को अब चार व्यापक संहिताओं में समाहित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वेतन संहिता 2019 न्यूनतम वेतन, वेतन भुगतान, बोनस और समान पारिश्रमिक से संबंधित कानूनों को सुव्यवस्थित करती है। औद्योगिक संबंध संहिता 2020 ट्रेड यूनियनों, स्थायी आदेशों और औद्योगिक विवादों को नियंत्रित करने वाले कानूनों को एकीकृत करती है।
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सचिव ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ, रोजगार कार्यालय और कल्याण बोर्डों से संबंधित नौ प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कानूनों को एकीकृत करती है। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थितियां संहिता 2020 कार्यस्थल सुरक्षा और कार्य परिस्थितियों से संबंधित 13 कानूनों को समाहित करती है।
श्रम आयुक्त चरणदीप सिंह ने बताया कि श्रम कानूनों के व्यवस्थित होने से अनुपालन आवश्यकताओं में काफी कमी आई है। बताया कि धाराओं की संख्या 1,228 से घटकर 480, नियमों की संख्या 1,436 से घटकर 351, पंजीकरण की संख्या आठ से घटकर एक और लाइसेंस की संख्या चार से घटकर एक हो गई है। कारावास का प्रावधान करने वाली धाराओं की संख्या 87 से घटकर 22 हो गई है। बैठक में श्रम एवं रोजगार सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, विधि सचिव, श्रम आयुक्त आदि लोग मौजूद रहे।