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Jammu News: बस स्टैंड पर सफाई का बुरा हाल सुविधाओं का मलाल, यात्री बेहाल
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जम्मू बसस्टैंड में कचरा।संवाद
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फोटो सहित
- गंदगी के बीच नाक पर रुमाल रखकर गुजर रहे लोग, दुकानदार भी परेशान
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। जम्मू स्मार्ट सिटी की तस्वीर पर बस स्टैंड काला धब्बा साबित हो रहा है। रोज 100 से 150 बसें और हजारों यात्रियों की आवाजाही वाले जम्मू बस स्टैंड पर मूलभूत सुविधाएं तो विकसित कीं लेकिन यात्रियों को इनसे वंचित रखा गया है। 250 करोड़ की लागत से बना बस स्टैंड आज भी अव्यवस्था, गंदगी और बदहाल प्रबंधन की मार झेल रहा है।
बस स्टैंड पर दिन-रात यात्रियों की भीड़ रहती है लेकिन सफाई, पानी, सुरक्षा व अन्य सुविधाएं नदारद हैं। शहर विशेषकर बस स्टैंड के आसपास का इलाका हमेशा से सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है लेकिन बस स्टैंड पर किसी तरह की जांच नहीं होती। कोई भी संदिग्ध आसानी से घुसकर वारदात को अंजाम दे सकता है। सबसे बड़ी समस्या गंदगी की है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। खुले में शौच करने से पूरे बस स्टैंड पर बदबू फैली रहती है जिससे यात्रियों को नाक पर रुमाल रखकर गुजरना पड़ता है। वाटर कूलर लगाए हैं लेकिन इनसे पानी पीना बीमारी को न्योता देने जैसा है। बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट बंद है। दरवाजा भी टूटा है। ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिस भी बंद है। पूछताछ केंद्र आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को रूट और समय की जानकारी मिल पाना मुश्किल हो जाता है। न्यू बस स्टैंड शॉप कीपर एसोसिएशन के महासचिव सुमित ने बताया कि तीन से चार बार जेडीए को सफाई और अन्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए पत्र लिखा लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। यहां दुकान चलाना चुनौती बन गया है और यात्री भी गंदगी में रहने को मजबूर हैं।
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निजी बसों के टिकट काउंटर नहीं
बस स्टैंड पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर सड़क परिवहन निगम (जेकेआरटीसी) का काउंटर है। निजी रूटों पर चलने वाली बसें बिना किसी सुव्यवस्थित व्यवस्था के चलाई जा रही हैं। इनके लिए डिजिटल डिस्प्ले, अनाउंसमेंट सिस्टम या कोई हेल्प डेस्क नहीं है। इससे यात्रियों को बस का समय, बस नंबर की जानकारी के लिए भटकना पड़ता है।
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250 करोड़ की लागत से बना है बस स्टैंड
जम्मू बस स्टैंड करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। आधुनिक और यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किए बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का होना कुप्रबंधन की निशानी है। यहां से दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब सहित अन्य राज्यों के लिए निजी व सरकारी बसें चलती हैं। जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों के लिए भी बसों का संचालन होता है। केवल यात्री किराए से ही प्रतिदिन करीब 20 लाख रुपये का कारोबार होता है। इसके बावजूद यहां सुविधाओं की कमी और रखरखाव में लापरवाही है।
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- गंदगी के बीच नाक पर रुमाल रखकर गुजर रहे लोग, दुकानदार भी परेशान
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। जम्मू स्मार्ट सिटी की तस्वीर पर बस स्टैंड काला धब्बा साबित हो रहा है। रोज 100 से 150 बसें और हजारों यात्रियों की आवाजाही वाले जम्मू बस स्टैंड पर मूलभूत सुविधाएं तो विकसित कीं लेकिन यात्रियों को इनसे वंचित रखा गया है। 250 करोड़ की लागत से बना बस स्टैंड आज भी अव्यवस्था, गंदगी और बदहाल प्रबंधन की मार झेल रहा है।
बस स्टैंड पर दिन-रात यात्रियों की भीड़ रहती है लेकिन सफाई, पानी, सुरक्षा व अन्य सुविधाएं नदारद हैं। शहर विशेषकर बस स्टैंड के आसपास का इलाका हमेशा से सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है लेकिन बस स्टैंड पर किसी तरह की जांच नहीं होती। कोई भी संदिग्ध आसानी से घुसकर वारदात को अंजाम दे सकता है। सबसे बड़ी समस्या गंदगी की है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। खुले में शौच करने से पूरे बस स्टैंड पर बदबू फैली रहती है जिससे यात्रियों को नाक पर रुमाल रखकर गुजरना पड़ता है। वाटर कूलर लगाए हैं लेकिन इनसे पानी पीना बीमारी को न्योता देने जैसा है। बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट बंद है। दरवाजा भी टूटा है। ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिस भी बंद है। पूछताछ केंद्र आज तक शुरू नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को रूट और समय की जानकारी मिल पाना मुश्किल हो जाता है। न्यू बस स्टैंड शॉप कीपर एसोसिएशन के महासचिव सुमित ने बताया कि तीन से चार बार जेडीए को सफाई और अन्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए पत्र लिखा लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। यहां दुकान चलाना चुनौती बन गया है और यात्री भी गंदगी में रहने को मजबूर हैं।
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निजी बसों के टिकट काउंटर नहीं
बस स्टैंड पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर सड़क परिवहन निगम (जेकेआरटीसी) का काउंटर है। निजी रूटों पर चलने वाली बसें बिना किसी सुव्यवस्थित व्यवस्था के चलाई जा रही हैं। इनके लिए डिजिटल डिस्प्ले, अनाउंसमेंट सिस्टम या कोई हेल्प डेस्क नहीं है। इससे यात्रियों को बस का समय, बस नंबर की जानकारी के लिए भटकना पड़ता है।
250 करोड़ की लागत से बना है बस स्टैंड
जम्मू बस स्टैंड करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। आधुनिक और यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किए बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का होना कुप्रबंधन की निशानी है। यहां से दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब सहित अन्य राज्यों के लिए निजी व सरकारी बसें चलती हैं। जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों के लिए भी बसों का संचालन होता है। केवल यात्री किराए से ही प्रतिदिन करीब 20 लाख रुपये का कारोबार होता है। इसके बावजूद यहां सुविधाओं की कमी और रखरखाव में लापरवाही है।