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कृषि ऋण समितियों को पुनर्जीवित करने की जरूरत : डार
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कृषि ऋण समितियों को पुनजीर्वित करने की जरूरत : डार
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- अखिल भारतीय सहकारिता समारोह का आयोजन कन्वेंशन सेंटर में
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निष्क्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। सहकारी विकास के हित में इन परिसंपत्तियों की सुरक्षा, पुनरुद्धार और उत्पादक उपयोग के लिए एक रणनीतिक रोडमैप बनाया जाए। यह बात सहकारिता, कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री जाविद अहमद डार ने कन्वेंशन सेंटर में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में 72वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह समारोह में कही।
डार ने जम्मू-कश्मीर में सहकारिता क्षेत्र में हो रहे बदलाव पर प्रकाश डाला। सहकारिता आयुक्त सचिव बबीला रकवाल ने समुदाय-नेतृत्व वाले, आत्मनिर्भर उद्यमों को पोषित करने के विभाग के अधिदेश को रेखांकित किया। जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में कृषि, आवास और अन्य क्षेत्रों में 4,500 से अधिक सक्रिय सहकारी संस्थाओं का एक मजबूत नेटवर्क है। उन्होंने वार्षिक सहकारी संग्रह का विमोचन किया और सहकारी प्रबंधन केंद्र की वेबसाइट व लोगो का ई-लॉन्च किया। मंत्री की उपस्थिति में सहकारी प्रबंधन केंद्र, जम्मू और राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, जम्मू और यूएनएटीआई ड्रोन अकादमी के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान विभागीय वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर में सहकारी समितियों की सफलता की कहानियों और विकास को दर्शाया गया।
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अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निष्क्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। सहकारी विकास के हित में इन परिसंपत्तियों की सुरक्षा, पुनरुद्धार और उत्पादक उपयोग के लिए एक रणनीतिक रोडमैप बनाया जाए। यह बात सहकारिता, कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री जाविद अहमद डार ने कन्वेंशन सेंटर में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में 72वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह समारोह में कही।
डार ने जम्मू-कश्मीर में सहकारिता क्षेत्र में हो रहे बदलाव पर प्रकाश डाला। सहकारिता आयुक्त सचिव बबीला रकवाल ने समुदाय-नेतृत्व वाले, आत्मनिर्भर उद्यमों को पोषित करने के विभाग के अधिदेश को रेखांकित किया। जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में कृषि, आवास और अन्य क्षेत्रों में 4,500 से अधिक सक्रिय सहकारी संस्थाओं का एक मजबूत नेटवर्क है। उन्होंने वार्षिक सहकारी संग्रह का विमोचन किया और सहकारी प्रबंधन केंद्र की वेबसाइट व लोगो का ई-लॉन्च किया। मंत्री की उपस्थिति में सहकारी प्रबंधन केंद्र, जम्मू और राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, जम्मू और यूएनएटीआई ड्रोन अकादमी के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान विभागीय वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर में सहकारी समितियों की सफलता की कहानियों और विकास को दर्शाया गया।
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